नई दिल्ली : पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री (minister of state for petroleum and natural gas) रामेश्वर तेली (Rameshwar Teli) ने कहा कि केंद्र की मुफ्त वैक्सीन पहल (Centre's free vaccine initiative) से पेट्रोल और डीजल (petrol and diesel) की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. तेली के इस बयान पर कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा (Ripun Bora ) ने इस निंदा की और कहा कि मंत्री को अपनी सरकार की योजना के बारे में मालूम नहीं है.
नई दिल्ली में ईटीवी भारत से बात करते हुए, बोरा ने कहा कि यह एक केंद्रीय मंत्री द्वारा दिया गया एक बहुत ही गैर-जिम्मेदाराना बयान है. उन्होंने सामूहिक टीकाकरण (plan for a mass vaccinations) के लिए प्रधानमंत्री की योजना का मजाक उड़ाया है. बोरा ने पूछा कि क्या मुफ्त टीकाकरण की लागत को वहन करने के लिए सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर अतिरिक्त टेक्स (levy extra taxes) लगाया है?
कांग्रेस सांसद (Congress Parliamentarian) ने कोविड-19 टीकाकरण के लिए 35,000 करोड़ रुपये आवंटित करने की पिछली घोषणा पर भी केंद्र सरकार की आलोचना की है.
बोरा ने कहा, 'मैं जानना चाहता हूं कि पिछले बजट में किस उद्देश्य से 35,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं.'
बोरा ने कहा कि उनकी पार्टी केंद्र के दोहरे मानक (double standard) दृष्टिकोण पर देश भर में इस मामले को उठाएगी. देश भर में मुफ्त टीकाकरण के विज्ञापन दिए हैं, लेकिन सरकार ने कई उत्पादों खासकर पेट्रोलियम उत्पादों पर नए कर लगाए हैं.
तेली ने हाल ही में गुवाहाटी में कहा है कि मुफ्त Covid19 टीकों के परिणामस्वरूप देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि हुई है. जब से भारत में टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू हुई है, केंद्र सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मुफ्त टीकाकरण अभियान में चला रही है.
अब तक सरकार ने 96,75,07,985 मुफ्त टीकों की आपूर्ति की है, जबकि 8,43,17,810 टीके अभी भी संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास उपलब्ध हैं.
उल्लेखनीय है कि सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को आपूर्ति करने के लिए वैक्सीन निर्माता से 75 प्रतिशत वैक्सीन खरीद रही है, जबकि सरकार शेष 25 प्रतिशत निजी अस्पतालों को आपूर्ति करती है.
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बता दें कि केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने पेट्रोल की बढ़ती कीमत की तुलना पैकेज्ड मिनरल वाटर से की और कहा है कि ऐसे पानी की कीमत अधिक होती है. उन्होंने यह भी कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों पर करों ने लोगों को सरकार द्वारा प्रदान किए गए मुफ्त COVID-19 टीकों को वित्त पोषित किया.
शनिवार कोमीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए मंत्री ने कहा कि पेट्रोल की कीमत ज्यादा नहीं है, लेकिन टैक्स लगाया जाता है और यह भी संसाधन जुटाने का एक जरिया है. मंत्री ने कहा कि असम उन राज्यों में शामिल है जहां पेट्रोल पर सबसे कम वैट है. पेट्रोल की कीमत अधिक नहीं है, इसमें कर शामिल है. (पैकेज किए गए खनिज) पानी की कीमत ईंधन की तुलना में अधिक है.
पेट्रोल की कीमत 40 रुपये है, असम सरकार 28 रुपये वैट लगाती है, पेट्रोलियम मंत्रालय 30 रुपये लगाता है तो 98 रुपये हो जाता है, लेकिन अगर आप हिमालय का पानी पीते हैं तो एक बोतल की कीमत 100 रुपये है. पानी की कीमत ज्यादा है, तेल की नहीं.'