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छ्त्तीसगढ़ में एक बार फिर मोबाइल योजना पर सियासत

रायपुर में महिला बाल विकास विभाग आंगनबाड़ी केंद्रों में मोबाइल वितरण करने की योजना बना रहा है.ऐसे में बीजेपी शासन में खरीदे गए मोबाइल का क्या होगा. इस पर दोनों ही पार्टियों के नेताओं की अपनी दलील (Congress BJP politics once again on mobile scheme in Chhattisgarh) है.

mobile plan in chhattisgarh
मोबाइल योजना पर सियासत
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Published : Jul 23, 2022, 10:29 PM IST

रायपुर :छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार स्मार्टफोन खरीदने की तैयारी में है, यह मोबाइल आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को बांटे (Congress BJP politics once again on mobile scheme in Chhattisgarh) जाएंगे. जिससे वे अपने कार्य को ऑनलाइन अपडेट कर सकते हैं. महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा लगभग 25 हजार मोबाइल खरीदने की योजना बनाई जा रही (Mobiles will be distributed in Anganwadi centers in Chhattisgarh) है. इस पर लगभग 20 करोड़ का खर्च आएगा इसके लिए निविदा जारी किया जा चुका है.

बीजेपी शासन के मोबाइल फोन खा रहे धूल : इसके पहले भी भाजपा सरकार के कार्यकाल में मोबाइल बांटने की योजना थी. लेकिन कुछ मोबाइल बांटने के बाद ही सत्ता परिवर्तन हो गया. यह योजना बंद हो गई. जिसके बाद से हजारों मोबाइल सील पैक डिब्बे में बंद पड़े हुए हैं. इन मोबाइलों को न तो वितरित किया गया और ना ही कंपनी को वापस किया गया है. इस वजह से यह मोबाइल पिछले कई सालों से गोडाउन की शोभा बढ़ा रहे (mobile plan in chhattisgarh) हैं. पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के द्वारा 18,536 मोबाइल फोन खरीदे गए थे. इसके लिए 11 करोड़ की राशि तत्कालीन भाजपा सरकार ने खर्च की थी. लेकिन बाद में विवादों की वजह से इस मोबाइल को बांटा नहीं गया।

सरकार गई तो योजना अटकी : इसी बीच साल 2018 प्रदेश में सरकार बदल गई और भाजपा की जगह कांग्रेस सत्ता पर काबिज हो गई. सत्ता बदलते ही मोबाइल की गुणवत्ता को लेकर प्रश्न उठाए गए. तब तक 600 फोन ही बांटे गए थे. बचे मोबाइल सील कर कंपनी का भुगतान रोक दिया गया. पिछली सरकार के मोबाइल महिला एवं बाल विकास विभाग के धरसींवा स्थित परियोजना कार्यालय में एक कमरे में बंद है और खराब हो रहे हैं.

मोबाइल वापस ले जाने कंपनी को लिखा गया पत्र : पिछली खरीदी सरकारी जेम्स पोर्टल से की गई थी. जून 2018 में तीन कंपनियों से निविदा मंगाई गई थी. जुलाई में सप्लाई आ गई थी. मोबाइल नवंबर तक बंट जाने थे पर ऐसा नही हो सका. दिसंबर में सरकार बदल गई. अब कहा जा रहा है कि 1.3 गीगा हर्ट्ज की जगह 1.2 गीगा हर्ट्ज के मोबाइल की सप्लाई की गई थी. भाजपा सरकार ने नई दिल्ली की जैना मार्केटिंग एंड एसोसिएट्स लगभग छह हजार प्रति मोबाइल की दर से खरीदी की थी. सरकार बदलने के बाद अधिकारी इस कंपनी को कई बार पत्र लिख चुके हैं कि वह अपना माल वापस उठा ले. कंपनी ने कोई जवाब नहीं दिया है।

केंद्र सरकार की योजना से होगी खरीदी : नए मोबाइल राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत केंद्र सरकार से मिली राशि से खरीदे जाएंगे. प्रदेश में 55 हजार आंगनबाड़ी केंद्र हैं. पहले चरण में 25 हजार मोबाइल बांटे जाएंगे. एक मोबाइल की कीमत लगभग आठ हजार रुपये होगी।

नए मोबाइल खरीदने की प्रक्रिया है जारी : महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री अनिला भेड़िया ने कहा कि ''आंगनबाड़ी सहायिकाओं के लिए मोबाइल खरीदने की प्रक्रिया अभी चल रही है इसके लिए निविदा बुलाई जा रही है. प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद मोबाइल खरीदी की जाएगी.''

मोबाइल गड़बड़ी की जांच के लिए बनाई गई है कमेटी : वही पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के द्वारा खरीदे गए मोबाइल को लेकर मंत्री अनिला भेड़िया का कहना था कि ''उसकी क्वालिटी ठीक नहीं थी, साथ ही मोबाइल खरीदने के लिए उचित प्रक्रिया भी नहीं अपनाया गया (Congress raised questions on the quality of mobile) था. जिस वजह से इन मोबाइल का वितरण नही किया गया. मोबाइल कंपनी के भुगतान को रोक दिया गया. साथ ही पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है. इसके अलावा खरीदी में गड़बड़ी करने वाले संबंधित अधिकारियों को नोटिस भी जारी किया गया है.'' हालांकि पुराने बचे मोबाइल को टेक्निकल टीम के द्वारा जांच की बात भी मंत्री अनिला भेड़िया कहती नजर आई उन्होंने कहा कि ''टेक्निकल टीम के द्वारा इन मोबाइलों की जांच की जा रही है और यदि यह मोबाइल चालू हालत में रहे तो इससे संबंधित प्रस्ताव कमेटी में लाया जाएंगे. इसके बाद कमेटी मोबाइल वितरण और मोबाइल कंपनी को भुगतान करना है या नही इनका निर्णय लेगी.''

विपक्ष ने मोबाइल को बताया सही : इस पूरे मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक (opposition Dharamlal Kaushik) का कहना है कि ''रमन शासनकाल में खरीदे गए सारे मोबाइल अच्छी क्वालिटी के थे. आज उन्हीं मोबाइलों से बच्चों ने पढ़ाई की और देश में शिक्षा का स्तर छत्तीसगढ़ में काफी बेहतर हुआ है. कौशिक ने कहा कि यदि मोबाइल की क्वालिटी खराब थी तो वह सारे मोबाइल गारंटी पीरियड में थे. इसे कंपनी बदल कर दूसरा देती तो उसे बदला क्यों नहीं गया .'' कौशिक का सीधा आरोप है कि मोबाइलों में डॉक्टर रमन सिंह की फोटो लगी थी. जिस वजह से सरकार बदलने के बाद नई सरकार ने उस मोबाइल को नहीं बांटा. यहां तक कि भाजपा के द्वारा रमन सिंह की फोटो हटाकर मोबाइल बांटने की पेशकश की गई थी.उसके बाद उन मोबाइल को वितरित नही किया गया. यह सरकार की नीयत पर सवाल खड़ा करता है. साथ ही नए मोबाइल खरीदी को लेकर धरमलाल कौशिक ने कहा कि ''जिस तरह अन्य विभागों में खरीदी में भ्रष्टाचार किया जा रहा है उसी नीयत से इस फोन की खरीदी की जा रही है.''

रायपुर :छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार स्मार्टफोन खरीदने की तैयारी में है, यह मोबाइल आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को बांटे (Congress BJP politics once again on mobile scheme in Chhattisgarh) जाएंगे. जिससे वे अपने कार्य को ऑनलाइन अपडेट कर सकते हैं. महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा लगभग 25 हजार मोबाइल खरीदने की योजना बनाई जा रही (Mobiles will be distributed in Anganwadi centers in Chhattisgarh) है. इस पर लगभग 20 करोड़ का खर्च आएगा इसके लिए निविदा जारी किया जा चुका है.

बीजेपी शासन के मोबाइल फोन खा रहे धूल : इसके पहले भी भाजपा सरकार के कार्यकाल में मोबाइल बांटने की योजना थी. लेकिन कुछ मोबाइल बांटने के बाद ही सत्ता परिवर्तन हो गया. यह योजना बंद हो गई. जिसके बाद से हजारों मोबाइल सील पैक डिब्बे में बंद पड़े हुए हैं. इन मोबाइलों को न तो वितरित किया गया और ना ही कंपनी को वापस किया गया है. इस वजह से यह मोबाइल पिछले कई सालों से गोडाउन की शोभा बढ़ा रहे (mobile plan in chhattisgarh) हैं. पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के द्वारा 18,536 मोबाइल फोन खरीदे गए थे. इसके लिए 11 करोड़ की राशि तत्कालीन भाजपा सरकार ने खर्च की थी. लेकिन बाद में विवादों की वजह से इस मोबाइल को बांटा नहीं गया।

सरकार गई तो योजना अटकी : इसी बीच साल 2018 प्रदेश में सरकार बदल गई और भाजपा की जगह कांग्रेस सत्ता पर काबिज हो गई. सत्ता बदलते ही मोबाइल की गुणवत्ता को लेकर प्रश्न उठाए गए. तब तक 600 फोन ही बांटे गए थे. बचे मोबाइल सील कर कंपनी का भुगतान रोक दिया गया. पिछली सरकार के मोबाइल महिला एवं बाल विकास विभाग के धरसींवा स्थित परियोजना कार्यालय में एक कमरे में बंद है और खराब हो रहे हैं.

मोबाइल वापस ले जाने कंपनी को लिखा गया पत्र : पिछली खरीदी सरकारी जेम्स पोर्टल से की गई थी. जून 2018 में तीन कंपनियों से निविदा मंगाई गई थी. जुलाई में सप्लाई आ गई थी. मोबाइल नवंबर तक बंट जाने थे पर ऐसा नही हो सका. दिसंबर में सरकार बदल गई. अब कहा जा रहा है कि 1.3 गीगा हर्ट्ज की जगह 1.2 गीगा हर्ट्ज के मोबाइल की सप्लाई की गई थी. भाजपा सरकार ने नई दिल्ली की जैना मार्केटिंग एंड एसोसिएट्स लगभग छह हजार प्रति मोबाइल की दर से खरीदी की थी. सरकार बदलने के बाद अधिकारी इस कंपनी को कई बार पत्र लिख चुके हैं कि वह अपना माल वापस उठा ले. कंपनी ने कोई जवाब नहीं दिया है।

केंद्र सरकार की योजना से होगी खरीदी : नए मोबाइल राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत केंद्र सरकार से मिली राशि से खरीदे जाएंगे. प्रदेश में 55 हजार आंगनबाड़ी केंद्र हैं. पहले चरण में 25 हजार मोबाइल बांटे जाएंगे. एक मोबाइल की कीमत लगभग आठ हजार रुपये होगी।

नए मोबाइल खरीदने की प्रक्रिया है जारी : महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री अनिला भेड़िया ने कहा कि ''आंगनबाड़ी सहायिकाओं के लिए मोबाइल खरीदने की प्रक्रिया अभी चल रही है इसके लिए निविदा बुलाई जा रही है. प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद मोबाइल खरीदी की जाएगी.''

मोबाइल गड़बड़ी की जांच के लिए बनाई गई है कमेटी : वही पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के द्वारा खरीदे गए मोबाइल को लेकर मंत्री अनिला भेड़िया का कहना था कि ''उसकी क्वालिटी ठीक नहीं थी, साथ ही मोबाइल खरीदने के लिए उचित प्रक्रिया भी नहीं अपनाया गया (Congress raised questions on the quality of mobile) था. जिस वजह से इन मोबाइल का वितरण नही किया गया. मोबाइल कंपनी के भुगतान को रोक दिया गया. साथ ही पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है. इसके अलावा खरीदी में गड़बड़ी करने वाले संबंधित अधिकारियों को नोटिस भी जारी किया गया है.'' हालांकि पुराने बचे मोबाइल को टेक्निकल टीम के द्वारा जांच की बात भी मंत्री अनिला भेड़िया कहती नजर आई उन्होंने कहा कि ''टेक्निकल टीम के द्वारा इन मोबाइलों की जांच की जा रही है और यदि यह मोबाइल चालू हालत में रहे तो इससे संबंधित प्रस्ताव कमेटी में लाया जाएंगे. इसके बाद कमेटी मोबाइल वितरण और मोबाइल कंपनी को भुगतान करना है या नही इनका निर्णय लेगी.''

विपक्ष ने मोबाइल को बताया सही : इस पूरे मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक (opposition Dharamlal Kaushik) का कहना है कि ''रमन शासनकाल में खरीदे गए सारे मोबाइल अच्छी क्वालिटी के थे. आज उन्हीं मोबाइलों से बच्चों ने पढ़ाई की और देश में शिक्षा का स्तर छत्तीसगढ़ में काफी बेहतर हुआ है. कौशिक ने कहा कि यदि मोबाइल की क्वालिटी खराब थी तो वह सारे मोबाइल गारंटी पीरियड में थे. इसे कंपनी बदल कर दूसरा देती तो उसे बदला क्यों नहीं गया .'' कौशिक का सीधा आरोप है कि मोबाइलों में डॉक्टर रमन सिंह की फोटो लगी थी. जिस वजह से सरकार बदलने के बाद नई सरकार ने उस मोबाइल को नहीं बांटा. यहां तक कि भाजपा के द्वारा रमन सिंह की फोटो हटाकर मोबाइल बांटने की पेशकश की गई थी.उसके बाद उन मोबाइल को वितरित नही किया गया. यह सरकार की नीयत पर सवाल खड़ा करता है. साथ ही नए मोबाइल खरीदी को लेकर धरमलाल कौशिक ने कहा कि ''जिस तरह अन्य विभागों में खरीदी में भ्रष्टाचार किया जा रहा है उसी नीयत से इस फोन की खरीदी की जा रही है.''

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