नई दिल्ली : देश में लगातार तीसरे दिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिला. इस कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह इस कवायद को फिर से शुरू करने के लिए विधानसभा चुनाव संपन्न होने का इंतजार कर रही थी.
दिल्ली में पेट्रोल की कीमतों में 19 पैसे प्रति लीटर और डीजल में 21 पैसे की बढ़ोतरी हुई, इसकी कीमत क्रमशः 90.74 रुपये और 81.12 रुपये प्रति लीटर हो गई, जबकि मुंबई में यह दर क्रमशः पेट्रोल और डीजल के लिए 97.12 रुपये और 88.19 रुपये प्रति लीटर थी.
इस मामले के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेट ने ईटीवी भारत को जवाब दिया कि इस मामले में एक कनेक्शन कम है. हमने पहले भविष्यवाणी की थी कि विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतें एक बार फिर बढ़ेंगी और वास्तव में वही बात हुई
पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के दौरान रिकॉर्ड उच्च ईंधन मूल्य वृद्धि चुनावी मुद्दा बन गया था, जिसके कारण राज्य के स्वामित्व वाली OMCs को फरवरी के अंत में बढ़ती कीमतों को रोकना पड़ा था.
चिंता जाहिर करते हुए सुप्रिया श्रीनेट ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि की उम्मीद थी. जो लोग महामारी से लड़ रहे हैं, सरकार उन लोगों को राहत पहुंचाने के बजाय, पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से लोगों को और अधिक दुःख पहुंचा रही है.
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि अप्रैल के महीने में थोक मूल्य मुद्रास्फीति की संख्या 9 प्रतिशत को पार कर गई है और कीमतों में गिरावट के बजाय, वे लोगों की कमर तोड़ रहे हैं क्योंकि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि वनस्पति तेल खाद्य तेल और अन्य चीजें पर प्रभाव डालते हैं.
यह सरकार असंवेदनशील होने के लिए जानी जाती है. जब चुनाव थे, तब उन्होंने कीमत बढ़ने नहीं दी और अब जब चुनाव खत्म हो गया है, तो दाम बढ़ने लगे हैं. देखते हैं कि ये कीमतें कहां रुकेंगी.
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस मामले पर ट्वीट करते हुए कहा कि चुनाव खत्म हो गए, लूट शुरू हो गई, पेट्रोल डीजल की कीमते बढ़ने लगीं.
वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि जब तक 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव चल रहे थे, तब तक मोदी सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें रोज बदल रही थीं.
उन्होंने आगे कहा कि जैसे ही चुनावों के नतीजे आए, केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ा दिए और उन लोगों पर बोझ डालना शुरू कर दिया जो पहले से ही महामारी से प्रभावित हैं.
मोदी सरकार यूपीए सरकार की तुलना में डीजल, पेट्रोल पर कई गुना अधिक टैक्स वसूल रही है, जिसके कारण महंगाई लगातार बढ़ रही है.
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फरवरी के महीने में जब देश में ईंधन की कीमतों में भारी वृद्धि देखी जा रही थी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि यह एक चिंताजनक मुद्दा है जिसमें ईंधन की कीमत में गिरावट के अलावा कोई जवाब किसी को भी नहीं मनाएगा.
केंद्र और राज्य दोनों को उपभोक्ताओं के लिए उचित स्तर पर खुदरा ईंधन मूल्य में कमी लाने के लिए बात करनी चाहिए.