मैंगलोर: मैंगलोर यूनिवर्सिटी कॉलेज में हिजाब पहनने वाली छात्राओं के कक्षा में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. हालांकि कुछ छात्राएं जब हिजाब पहनकर आईं तो सुबह उन्हें वापस भेज दिया गया. मैंगलोर विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय सिंडिकेट की बैठक के निर्णय के अनुसार वीवी कॉलेज मैंगलोर में हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
इसके बाद कुछ मुस्लिम छात्राओं ने जिनकी संख्या 12 थी, हिजाब पहने हुए कक्षा में प्रवेश करने जा रही थीं. बाद में कॉलेज के प्रमुख की समिति ने छात्रों को महिलाओं के टॉयलेट में हिजाब हटाकर कक्षा में प्रवेश करने के लिये कहा. हालांकि उस समय विवाद खड़ा हो गया जब विधायक वेदव्यास कामथ और मैंगलोर विश्वविद्यालय के चांसलर पीएस यदापदित्तया की अध्यक्षता में सीडीसी की बैठक में फैसला किया गया कि हिजाब पहनकर आने वाली छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. यह भी निर्णय लिया गया कि जो छात्राएं दूसरे कॉलेज में जाना चाहती हैं, उनकी व्यवस्था की जाएगी.
लेकिन 12 छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज पहुंचीं. कक्षा में हिजाब पहनकर प्रवेश करने वाली छात्राओं को कॉलेज प्राचार्य ने वापस भेज दिया. छात्राओं को पुस्तकालय में भी जाने की अनुमति नहीं दी जिसके बाद वे घर लौट गईं. कोप्पल में पत्रकारों से बात करते हुए शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि हिजाब मुद्दे के पीछे कांग्रेस की साजिश थी. हम हिजाब नहीं देखते. इसके पीछे हम अनदेखे हाथों को व्यवस्थित रूप से काम करते हुए देखते हैं. हम इस देश के कानून का उल्लंघन करने की साजिश देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे कह रहे हैं कि वे पूरे देश के कानून का उल्लंघन करेंगे.
वहीं फिर हिजाब प्रकरण गरमाने पर कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि यह मुद्दा उठाने की कोई आवश्यकता नहीं है. अदालत पहले ही अपना फैसला दे चुकी है. हर कोई इसका पालन कर रहा है, 99.99% ने इसका पालन किया है. वे जो भी निर्णय लेते हैं, उसका पालन करना होगा.