नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को कोयंबटूर कार बम विस्फोट मामले में छह लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की. पिछले साल अक्टूबर में कोयंबटूर के उक्कडम के ईश्वरन कोविल स्ट्रीट में एक प्राचीन मंदिर 'अरुलमिगु कोट्टई संगमेश्वर थिरुकोविल' में एक विस्फोट हुआ था. जेम्शा मुबीन द्वारा संचालित एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (वी-आईईडी) वाहन मंदिर के सामने उड़ाया गया था. विस्फोट में एक व्यक्ति मुबीन की मौत हो गई थी.
एनआईए की जांच में खुलासा हुआ था कि मुबीन इस हमले को अंजाम देने के लिए आईएसआईएस की विचारधारा से प्रेरित था. एनआईए के एक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने अपने स्वयंभू खलीफा अबू-अल-हसन अल-हाशिमी अल-कुरैशी के प्रति 'बायत' या निष्ठा की शपथ भी ली थी. एनआईए ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की और जांच शुरू की थी. अधिकारी ने कहा कि मोहम्मद असरुथीन के पास से बरामद एक पेन ड्राइव में जेम्स मुबीन की वीडियो रिकॉर्डिंग थी, जहां उसने खुद को दौलत-ए-इस्लामिया (या इस्लामिक स्टेट) के सदस्य के रूप में पहचाना था.
उसने 'काफिरों' (नास्तिकों) के खिलाफ आत्मघाती आतंकी हमला करने और शहीद होने के अपने इरादे पर विस्तार से बात की थी. मुबीन श्रीलंका के कट्टरपंथी इस्लामिक धर्मगुरु ज़हरान हाशिम के बयानों से प्रेरित था, जिसने 2019 में ईस्टर सीरियल आत्मघाती बम हमलों का मास्टरमाइंड किया था, जिसमें लगभग 260 लोग मारे गए थे. मुबीन भारत में 'काफिरों' के खिलाफ इसी तरह का हमला करना चाहता था.
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अधिकारी ने कहा कि मुबीन के आवास से हस्तलिखित नोट बरामद हुए हैं, जिसमें मौजूदा लोकतांत्रिक व्यवस्था की आलोचना, जो इस्लामी कानूनों के अनुरूप नहीं है, का उल्लेख किया गया है. इन नोटों में सरकारी कार्यालय भवनों, जिला न्यायालय, सार्वजनिक सभा स्थलों जैसे पार्क, रेलवे स्टेशन, और कुछ अन्य स्थानीय मंदिरों सहित 'लक्ष्यों' का भी उल्लेख है.