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येदियुरप्पा ने स्टालिन से मेकेदातु परियोजना का विरोध नहीं करने को कहा - कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने तमिलनाडु के अपने समकक्ष एमके स्टालिन को पत्र लिखकर मेकेदातु परियोजना का विरोध नहीं करने का अनुरोध किया है. जो जलाशय-सह-पेयजल परियोजना को संतुलित करता है.

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Published : Jul 3, 2021, 6:25 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक के सीएम येदियुरप्पा ने सभी आशंकाओं को दूर करने के लिए दोनों राज्यों के बीच द्विपक्षीय बैठक की पेशकश की है. कई वर्षों से लंबित मेकेदातु परियोजना के मुद्दे को हल करने के लिए एक नई कोशिश करते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि इस परियोजना से दोनों राज्यों को अत्यधिक लाभ होगा और किसी भी तरह से तमिलनाडु के कृषक समुदायों के हितों को प्रभावित नहीं करेगा.

उन्होंने पत्र में लिखा कि यह सभी संबंधित पक्षों के हित में होगा और इससे कर्नाटक राज्य और तमिलनाडु राज्य के बीच बेहतर संबंध होगा. अगर तमिलनाडु सरकार सही भावना से परियोजना के कार्यान्वयन का विरोध नहीं करेगी. येदियुरप्पा ने स्टालिन को लिखे अपने पत्र में कहा कि यदि कोई समस्या हो, तो उसे हल करने के लिए सुझाव दिया जा सकता है कि सभी आशंकाओं को दूर करने के लिए संबंधित अधिकारियों की उपस्थिति में एक द्विपक्षीय बैठक भी आयोजित की जा सकती है. मुख्यमंत्री ने स्टालिन को याद दिलाया कि कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण (सीडब्ल्यूडीटी) के अंतिम आदेशों में निर्धारित तमिलनाडु में पानी के प्रवाह को विनियमित करने के उद्देश्य से इस जल परियोजना पर विचार किया गया है.

यह भी पढ़ें-सीएम अमरिंदर के आवास का घेराव कर रहे आप कार्यकर्ताओं पर पानी की बौछार

उन्होंने कहा कि परियोजना का उद्देश्य पूरे बेंगलुरु सहित कर्नाटक की पीने और घरेलू पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए 4.75 टीएमसी पानी का अतिरिक्त उपयोग करना है. जैसा कि उच्चतम न्यायालय ने 16 फरवरी, 2018 को अपने फैसले में कहा था.

(पीटीआई-भाषा)

बेंगलुरु : कर्नाटक के सीएम येदियुरप्पा ने सभी आशंकाओं को दूर करने के लिए दोनों राज्यों के बीच द्विपक्षीय बैठक की पेशकश की है. कई वर्षों से लंबित मेकेदातु परियोजना के मुद्दे को हल करने के लिए एक नई कोशिश करते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि इस परियोजना से दोनों राज्यों को अत्यधिक लाभ होगा और किसी भी तरह से तमिलनाडु के कृषक समुदायों के हितों को प्रभावित नहीं करेगा.

उन्होंने पत्र में लिखा कि यह सभी संबंधित पक्षों के हित में होगा और इससे कर्नाटक राज्य और तमिलनाडु राज्य के बीच बेहतर संबंध होगा. अगर तमिलनाडु सरकार सही भावना से परियोजना के कार्यान्वयन का विरोध नहीं करेगी. येदियुरप्पा ने स्टालिन को लिखे अपने पत्र में कहा कि यदि कोई समस्या हो, तो उसे हल करने के लिए सुझाव दिया जा सकता है कि सभी आशंकाओं को दूर करने के लिए संबंधित अधिकारियों की उपस्थिति में एक द्विपक्षीय बैठक भी आयोजित की जा सकती है. मुख्यमंत्री ने स्टालिन को याद दिलाया कि कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण (सीडब्ल्यूडीटी) के अंतिम आदेशों में निर्धारित तमिलनाडु में पानी के प्रवाह को विनियमित करने के उद्देश्य से इस जल परियोजना पर विचार किया गया है.

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उन्होंने कहा कि परियोजना का उद्देश्य पूरे बेंगलुरु सहित कर्नाटक की पीने और घरेलू पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए 4.75 टीएमसी पानी का अतिरिक्त उपयोग करना है. जैसा कि उच्चतम न्यायालय ने 16 फरवरी, 2018 को अपने फैसले में कहा था.

(पीटीआई-भाषा)

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