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अमृतपाल को फगवाड़ा तक पहुंचाने वाली कार का मिला सुराग, पीलीभीत के जत्थेदार के नाम पर है वाहन

खालिस्तान समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल की तलाश में पुलिस की कई टीमें लगी हुईं हैं. इस बीच जांच में अमृतपाल का पीलीभीत कनेक्शन भी सामने आया है.

पुलिस अमृतपाल की तलाश कर रही है.
पुलिस अमृतपाल की तलाश कर रही है.
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Published : Mar 30, 2023, 10:29 AM IST

पीलीभीत : पंजाब पुलिस खालिस्तान समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल की तलाश में है. अमृतपाल के लगातार लोकेशन बदलने की बात भी सामने आ रही है. पंजाब पुलिस को फगवाड़ा तक अमृतपाल को पहुंचाने वाली स्कॉर्पियो कार के बारे में अहम सुराग मिले हैं. कार पीलीभीत के बड़ेपुरा गुरुद्वारे में तैनात जत्थेदार के नाम पर रजिस्टर्ड है. इस जानकारी के बाद लोकल इंटेलिजेंस समेत पुलिस टीम हरकत में आ गई है. जत्थेदार की तलाश की जा रही है.

पंजाब पुलिस ने 18 मार्च को अमृतपाल और उसके संगठन 'वारिस पंजाब दे' के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी. अमृतपाल का सुराग पुलिस नहीं लगा पा रही है. कुछ सीसीटीवी फुटेज में वह अलग-अलग वेश में नजर भी आ चुका है. पंजाब पुलिस ने बुधवार को 37 किलोमीटर तक इनोवा गाड़ी में सवार कुछ लोगों का फगवाड़ा से लेकर होशियारपुर तक पीछा किया था. करीब 37 किलोमीटर के बाद पुलिस को चकमा देकर कार में सवार लोग गुरुद्वारे के पास इनोवा कार को छोड़कर फरार हो गए थे. दावा किया जा रहा है कि इसी कार काे अमृतपाल ने भागने के लिए इस्तेमाल किया.

पुलिस जांच में सामने आया कि अमृतपाल उत्तराखंड नंबर की एक कार से फगवाड़ा तक पहुंचा था. इसके बाद स्कॉर्पियो छोड़कर वह इनोवा में सवार हो गया था. तथाकथित रूप से अमृतपाल द्वारा इस्तेमाल की गई स्कॉर्पियो कार पीलीभीत के अमरिया इलाके में स्थित बड़ेपुरा गुरुद्वारे के जत्थेदार मोहन सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड बताई जा रही है.

जानकारी के बाद जत्थेदार लापता : पुलिस ने कार के नंबर को ट्रेस आउट कर लिया. नंबर के आधार पर जांच पड़ताल में सामने आया कि यह कार पीलीभीत के बड़ेपुरा गुरुद्वारे के जत्थेदार मोहन सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड है. बुधवार दोपहर से ही बड़ेपुरा गुरुद्वारे में तैनात जत्थेदार और उनका एक अन्य साथी लापता हैं. फिलहाल बुधवार देर शाम पीलीभीत की लोकल पुलिस टीम व इंटेलिजेंस की टीम बड़ेपुरा गुरुद्वारे में जांच पड़ताल करने पहुंची. इस दौरान गुरुद्वारे के लोगों ने पुलिस को बताया कि कार जत्थेदार के नाम पर रजिस्टर्ड जरूर है, लेकिन कार को पूरनपुर इलाके के गुरुद्वारे को इस्तेमाल के लिए दिया गया था.

यह भी पढ़ें : खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल का एक और वीडियो आया सामने, खुले बालों में दिल्ली की सड़कों पर आया नजर

पीलीभीत : पंजाब पुलिस खालिस्तान समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल की तलाश में है. अमृतपाल के लगातार लोकेशन बदलने की बात भी सामने आ रही है. पंजाब पुलिस को फगवाड़ा तक अमृतपाल को पहुंचाने वाली स्कॉर्पियो कार के बारे में अहम सुराग मिले हैं. कार पीलीभीत के बड़ेपुरा गुरुद्वारे में तैनात जत्थेदार के नाम पर रजिस्टर्ड है. इस जानकारी के बाद लोकल इंटेलिजेंस समेत पुलिस टीम हरकत में आ गई है. जत्थेदार की तलाश की जा रही है.

पंजाब पुलिस ने 18 मार्च को अमृतपाल और उसके संगठन 'वारिस पंजाब दे' के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी. अमृतपाल का सुराग पुलिस नहीं लगा पा रही है. कुछ सीसीटीवी फुटेज में वह अलग-अलग वेश में नजर भी आ चुका है. पंजाब पुलिस ने बुधवार को 37 किलोमीटर तक इनोवा गाड़ी में सवार कुछ लोगों का फगवाड़ा से लेकर होशियारपुर तक पीछा किया था. करीब 37 किलोमीटर के बाद पुलिस को चकमा देकर कार में सवार लोग गुरुद्वारे के पास इनोवा कार को छोड़कर फरार हो गए थे. दावा किया जा रहा है कि इसी कार काे अमृतपाल ने भागने के लिए इस्तेमाल किया.

पुलिस जांच में सामने आया कि अमृतपाल उत्तराखंड नंबर की एक कार से फगवाड़ा तक पहुंचा था. इसके बाद स्कॉर्पियो छोड़कर वह इनोवा में सवार हो गया था. तथाकथित रूप से अमृतपाल द्वारा इस्तेमाल की गई स्कॉर्पियो कार पीलीभीत के अमरिया इलाके में स्थित बड़ेपुरा गुरुद्वारे के जत्थेदार मोहन सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड बताई जा रही है.

जानकारी के बाद जत्थेदार लापता : पुलिस ने कार के नंबर को ट्रेस आउट कर लिया. नंबर के आधार पर जांच पड़ताल में सामने आया कि यह कार पीलीभीत के बड़ेपुरा गुरुद्वारे के जत्थेदार मोहन सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड है. बुधवार दोपहर से ही बड़ेपुरा गुरुद्वारे में तैनात जत्थेदार और उनका एक अन्य साथी लापता हैं. फिलहाल बुधवार देर शाम पीलीभीत की लोकल पुलिस टीम व इंटेलिजेंस की टीम बड़ेपुरा गुरुद्वारे में जांच पड़ताल करने पहुंची. इस दौरान गुरुद्वारे के लोगों ने पुलिस को बताया कि कार जत्थेदार के नाम पर रजिस्टर्ड जरूर है, लेकिन कार को पूरनपुर इलाके के गुरुद्वारे को इस्तेमाल के लिए दिया गया था.

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