ETV Bharat / bharat

भारतीय जीनोमिक कंसोर्टिया ने कहा- ओमीक्रोन के पास उच्च प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता - ओमीक्रोन वेरिएंट

देश में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कन्सोर्टियम INSACOG ने अपने अपने ताजा बुलेटिन में वैश्विक डाटा का हवाला देते हुए कहा है कि अब हमारे पास स्पष्ट प्रायोगिक और क्लिनिकल डाटा उपलब्ध है जो बताता है कि ओमीक्रोन में प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता बहुत अधिक है.

corona
कोरोना (फाइल फोटो)
author img

By

Published : Dec 29, 2021, 10:11 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक कंसोर्टिया 'इनसैकोग' (SARS-COV-2 Genomics Consortia INSACOG) ने बुधवार को कहा है कि इस बात के आंकड़े हैं कि कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट के पास उच्च प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता है. इस संबंध में INSACOG ने अपने नवीनतम साप्ताहिक बुलेटिन में कहा है कि स्पष्ट प्रयोगात्मक और नैदानिक के आंकड़े ओमीक्रोन की उच्च प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता की पुष्टि करते हैं. हालांकि INSACOG ने वैश्विक डेटा का हवाला देते हुए बताया है कि बीमारी की गंभीरता का प्रारंभिक अनुमान,पिछले प्रकोपों ​​​​की तुलना में कम है.

INSACOG ने कहा कि देश में ओमीक्रोन को फैलने से रोकने के लिए निगरानी के उचित सार्वजनिक उपाय और जांच की जा रही है. वर्तमान समय में देखा जा रहा है कि विश्व स्तर पर ओमीक्रोन वेरिएंट के आगे कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए कोविड रोधी वैक्‍सीन या पूर्व संक्रमण से मिली प्रतिरक्षा क्षमता में काफी कमी आई है. हालांकि अभी ऐसा नहीं है कि डेल्‍टा वेरिएंट का खतरा टल गया है. क्योंकि अभी भी डेल्‍टा कई क्षेत्रों में मौजूद है और दुनिया में यह सबसे प्रचलित वेरिएंट बना हुआ है.

ये भी पढ़ें - Corona case in india : महाराष्ट्र में कोविड-19 के 2,510 नये मामले, 22 मरीजों की मौत

हालांकि दक्षिणी अफ्रीका में मिले ओमिक्रोन ने डेल्टा (Delta) वेरिएंट को पूरी तरह से विस्थापित कर दिया है. यही नहीं यूके और अन्य जगहों पर ओमिक्रोन प्रमुख वेरिएंट बनने की राह पर है. वैश्विक आंकड़ों का हवाला देते हुए जीनोमिक कंसोर्टियम ने कहा कि अब स्पष्ट प्रयोगात्मक और नैदानिक आंकड़े हैं जो ओमीक्रोन के बहुत उच्च प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता दर्शाते हैं. हालांकि ओमीक्रोन से हुई बीमारी की गंभीरता पिछले प्रकोपों ​​की तुलना में कम है.

INSACOG ने कहा कि भारत में ओमीक्रोन की निगरानी के लिए उचित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय और जांच की जा रही है. वहीं अब तक, 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से भारत में 781 ओमीक्रोन मामले पाए गए हैं.

नई दिल्ली : भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक कंसोर्टिया 'इनसैकोग' (SARS-COV-2 Genomics Consortia INSACOG) ने बुधवार को कहा है कि इस बात के आंकड़े हैं कि कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट के पास उच्च प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता है. इस संबंध में INSACOG ने अपने नवीनतम साप्ताहिक बुलेटिन में कहा है कि स्पष्ट प्रयोगात्मक और नैदानिक के आंकड़े ओमीक्रोन की उच्च प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता की पुष्टि करते हैं. हालांकि INSACOG ने वैश्विक डेटा का हवाला देते हुए बताया है कि बीमारी की गंभीरता का प्रारंभिक अनुमान,पिछले प्रकोपों ​​​​की तुलना में कम है.

INSACOG ने कहा कि देश में ओमीक्रोन को फैलने से रोकने के लिए निगरानी के उचित सार्वजनिक उपाय और जांच की जा रही है. वर्तमान समय में देखा जा रहा है कि विश्व स्तर पर ओमीक्रोन वेरिएंट के आगे कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए कोविड रोधी वैक्‍सीन या पूर्व संक्रमण से मिली प्रतिरक्षा क्षमता में काफी कमी आई है. हालांकि अभी ऐसा नहीं है कि डेल्‍टा वेरिएंट का खतरा टल गया है. क्योंकि अभी भी डेल्‍टा कई क्षेत्रों में मौजूद है और दुनिया में यह सबसे प्रचलित वेरिएंट बना हुआ है.

ये भी पढ़ें - Corona case in india : महाराष्ट्र में कोविड-19 के 2,510 नये मामले, 22 मरीजों की मौत

हालांकि दक्षिणी अफ्रीका में मिले ओमिक्रोन ने डेल्टा (Delta) वेरिएंट को पूरी तरह से विस्थापित कर दिया है. यही नहीं यूके और अन्य जगहों पर ओमिक्रोन प्रमुख वेरिएंट बनने की राह पर है. वैश्विक आंकड़ों का हवाला देते हुए जीनोमिक कंसोर्टियम ने कहा कि अब स्पष्ट प्रयोगात्मक और नैदानिक आंकड़े हैं जो ओमीक्रोन के बहुत उच्च प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता दर्शाते हैं. हालांकि ओमीक्रोन से हुई बीमारी की गंभीरता पिछले प्रकोपों ​​की तुलना में कम है.

INSACOG ने कहा कि भारत में ओमीक्रोन की निगरानी के लिए उचित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय और जांच की जा रही है. वहीं अब तक, 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से भारत में 781 ओमीक्रोन मामले पाए गए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.