दीमापुर: केंद्रीय मंत्री जॉन बारला ने कहा है कि देश के इसाई समुदाय ने राष्ट्र निर्माण में बृहद योगदान दिया है, लेकिन उन्हें वह सम्मान नहीं मिला है जिसके वह हकदार हैं. नगालैंड के दीमापुर में राष्ट्रीय ईसाई परिषद की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुये बारला ने कहा कि स्वतंत्रता से पहले और उसके बाद के योगदान के बारे में देश को बताने के लिए समुदाय के लोगों को एकजुट होना चाहिए.
उन्होंने बताया कि लोगों ने ईसाई समुदाय द्वारा बनाये गये शैक्षिण संस्थानों में अध्ययन किया और भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, चिकित्सक, अभियंता एवं अन्य राजनीतिक नेता बने. अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री बारला ने कहा, 'क्या हमें लोगों को यह बताने की जरूरत है कि हमने देश को क्या दिया है. चूंकि, हम अपने बारे में देश को नहीं बताने हैं इसलिये हमें सम्मान नहीं मिलता है.'
उन्होंने कहा, 'हमने देश के निर्माण के लिये काफी कुछ दिया है, लेकिन हमारे गिरजाघरों को गिरा दिया जाता है.' उन्होंने जोर देकर कहा कि इसाई इस देश के लिये खतरा नहीं हैं, बल्कि राष्ट्र निर्माण के योद्धा हैं. मंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है जब देश भर के ईसाई समुदाय के लोगों को एकजुट हो जाना चाहिये, और लोगों को अपने उस योगदान को बताना चाहिये जो उन्होंने राष्ट्र निर्माण में दिया है.
उन्होंने कहा, 'स्वतंत्रता से पहले, हमने स्कूल बनवाये, अस्पताल और आश्रम बनवाये और आज भी हम देश के लोगों को अपनी सेवायें दे रहे हैं. पूर्ववर्ती सरकारों में हमें सम्मान नहीं मिला, लेकिन इस सरकार ने मुझे लोगों के पास जाने और मौजूदा सरकार पर भरोसा करने के लिए कहने की जिम्मेदारी दी है, क्योंकि यह ईसाइयों के खिलाफ नहीं है.'