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बच्चों को जंजीर से उलटा लटकाने वाला कौन है 'जूते वाले अंकल', बाल आयोग को मासूमों ने बताई हकीकत

जयपुर में दो बच्चों को शरारत करने पर जंजीर से बांधने पर बाल आयोग ने नाराजगी जताई है. बाल आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने मुरलीपुरा में पहुंच कर बच्चों व मां-बाप की काउंसलिंग की. बच्चों ने बताया कि मां रस्सी से बांध कर गई थी, लेकिन जूते वाले अंकल आए थे और उल्टा लटका दिया और वीडियो भी बनाई.

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Published : Oct 26, 2021, 6:12 PM IST

जयपुर : मुरलीपुरा में दो बच्चों को शरारत करने पर जंजीर से बांधने का मामला सामने आया तो सभी लोग परिजनों को कोसने लगे. कहा जाने लगा कि कैसे माता-पिता अपने कलेजे के टुकड़े को उल्टा लटकाकर जंजीरों से बांध सकते हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि बच्चों को माता-पिता ने उल्टा नहीं लटकाया, बल्कि पास ही में रहने वाले 'जूते वाले अंकल' ने उन्हें उल्टा लटकाकर उनकी फोटो खींची. यह बात पीड़ित बच्चों ने बाल आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल (Sangeeta Beniwal) को बताई. अब बाल आयोग उस 'जूते वाले अंकल' के खिलाफ कानूनी करवाई की तैयारी में है.

दरअसल, रविवार को राजधानी जयपुर के मुरलीपुरा में रहने वाले दंपती की बर्बरता का एक मामला सामने आया था. यहां एक दंपती ने अपने 6 और 8 साल के बच्चों को जंजीर से बांध दिया और घर में बाहर से ताला लगा दिया. आस-पास के लोगों ने बच्चों की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दी. इसके बाद यह खबर आग की तरह फैल गई. घटना की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार सुबह बाल आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल (Sangeeta Beniwal) मुरलीपुरा स्थित बच्चों के घर पहुंची. बेनीवाल ने बच्चों से मुलाकात कर मामले की जानकारी ली और बच्चों के माता-पिता की काउंसलिंग भी की.

बाल आयोग को मासूमों ने बताई हकीकत

संगीता बेनीवाल ने बताया कि काउंसलिंग में मां ने इस बात को स्वीकार किया है कि बच्चों की शरारतों से परेशान होकर उन्हें बांध दिया था. जब वह अपने पति को खाना देने गईं तो घर में बाहर से ताला लगा दिया ताकि बच्चे कहीं बाहर नहीं निकल पाएं.

जूते वाले अंकल ने किया उल्टा

आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल (Sangeeta Beniwal) ने बताया कि जब बच्चों से इस पूरे मामले में पूछताछ की गई तो उन्होंने कहा कि मां घर से जाते समय उन्हें बांधकर चली गई थी. लेकिन मां के जाने के बाद पास में ही रहने वाले जूते वाले अंकल आए और उन्होंने उन्हें उल्टा लटका दिया और उनकी फोटो खींचने लगे. साथ ही आसपास के लोगों को भी इकट्ठा कर लिया. बच्चों ने कहा कि मां ने उसे उल्टा नहीं लटकाया था, मां तो सिर्फ बांध कर गई थी.

पहले भी खो गए थे बच्चे

काउंसलिंग में सामने आया कि दंपती मजदूरी कर जीवन-यापन करते हैं. इनके चार बच्चे हैं, जिसमें दो बड़े बच्चे जो 6 और 8 साल के हैं. दोनों बच्चे चंचल और शरारती हैं. पिछले सप्ताह ही बच्चे घर से बाहर खेलते-खेलते कहीं दूर चले गए थे और लापता होने की स्थिति में बच्चों की गुमशुदगी मुरलीपुरा थाने में भी दर्ज कराई गई थी. वहीं, बच्चे फिर से खो नहीं जाए इसलिए मां जब पिता को खाना देने गई तो बच्चों को बांध दिया.

आयोग ने किया पाबंद

आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बताया कि मां ने इस बात को स्वीकार किया है कि वह बच्चे को बांधकर गई थी. इसलिए आयोग ने उन्हें पाबंद कर दिया कि वे बच्चों को इस तरह से रस्सी से बांधकर नहीं जाएं. घर से बाहर जाएं तो किसी पड़ोसी के यहां बच्चों को छोड़ कर जाएं.

'जूते वाले अंकल' पर होगी कानूनी कार्रवाई

संगीता बेनीवाल (Sangeeta Beniwal) ने बताया कि यह सही है कि माता-पिता इस तरह से बच्चों को बांधकर नहीं रख सकते, लेकिन उससे भी ज्यादा खतरनाक बात यह है कि बच्चे जिसको 'जूते वाले अंकल' कह रहे हैं उन्होंने उन्हें उल्टा लटकाया और फोटो खींची. इसलिए इस पूरे मामले की जांच के लिए सीडब्ल्यूसी को निर्देश दिए गए हैं. अगर किसी ने भी बच्चों को इस तरह से उल्टा लटका कर उनकी फोटो खींची है और उसको दुष्प्रचार करने की कोशिश की तो उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई होगी.

पढ़ेंः पदोन्नति में आरक्षण मामले पर SC ने फैसला सुरक्षित रखा

जयपुर : मुरलीपुरा में दो बच्चों को शरारत करने पर जंजीर से बांधने का मामला सामने आया तो सभी लोग परिजनों को कोसने लगे. कहा जाने लगा कि कैसे माता-पिता अपने कलेजे के टुकड़े को उल्टा लटकाकर जंजीरों से बांध सकते हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि बच्चों को माता-पिता ने उल्टा नहीं लटकाया, बल्कि पास ही में रहने वाले 'जूते वाले अंकल' ने उन्हें उल्टा लटकाकर उनकी फोटो खींची. यह बात पीड़ित बच्चों ने बाल आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल (Sangeeta Beniwal) को बताई. अब बाल आयोग उस 'जूते वाले अंकल' के खिलाफ कानूनी करवाई की तैयारी में है.

दरअसल, रविवार को राजधानी जयपुर के मुरलीपुरा में रहने वाले दंपती की बर्बरता का एक मामला सामने आया था. यहां एक दंपती ने अपने 6 और 8 साल के बच्चों को जंजीर से बांध दिया और घर में बाहर से ताला लगा दिया. आस-पास के लोगों ने बच्चों की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दी. इसके बाद यह खबर आग की तरह फैल गई. घटना की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार सुबह बाल आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल (Sangeeta Beniwal) मुरलीपुरा स्थित बच्चों के घर पहुंची. बेनीवाल ने बच्चों से मुलाकात कर मामले की जानकारी ली और बच्चों के माता-पिता की काउंसलिंग भी की.

बाल आयोग को मासूमों ने बताई हकीकत

संगीता बेनीवाल ने बताया कि काउंसलिंग में मां ने इस बात को स्वीकार किया है कि बच्चों की शरारतों से परेशान होकर उन्हें बांध दिया था. जब वह अपने पति को खाना देने गईं तो घर में बाहर से ताला लगा दिया ताकि बच्चे कहीं बाहर नहीं निकल पाएं.

जूते वाले अंकल ने किया उल्टा

आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल (Sangeeta Beniwal) ने बताया कि जब बच्चों से इस पूरे मामले में पूछताछ की गई तो उन्होंने कहा कि मां घर से जाते समय उन्हें बांधकर चली गई थी. लेकिन मां के जाने के बाद पास में ही रहने वाले जूते वाले अंकल आए और उन्होंने उन्हें उल्टा लटका दिया और उनकी फोटो खींचने लगे. साथ ही आसपास के लोगों को भी इकट्ठा कर लिया. बच्चों ने कहा कि मां ने उसे उल्टा नहीं लटकाया था, मां तो सिर्फ बांध कर गई थी.

पहले भी खो गए थे बच्चे

काउंसलिंग में सामने आया कि दंपती मजदूरी कर जीवन-यापन करते हैं. इनके चार बच्चे हैं, जिसमें दो बड़े बच्चे जो 6 और 8 साल के हैं. दोनों बच्चे चंचल और शरारती हैं. पिछले सप्ताह ही बच्चे घर से बाहर खेलते-खेलते कहीं दूर चले गए थे और लापता होने की स्थिति में बच्चों की गुमशुदगी मुरलीपुरा थाने में भी दर्ज कराई गई थी. वहीं, बच्चे फिर से खो नहीं जाए इसलिए मां जब पिता को खाना देने गई तो बच्चों को बांध दिया.

आयोग ने किया पाबंद

आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बताया कि मां ने इस बात को स्वीकार किया है कि वह बच्चे को बांधकर गई थी. इसलिए आयोग ने उन्हें पाबंद कर दिया कि वे बच्चों को इस तरह से रस्सी से बांधकर नहीं जाएं. घर से बाहर जाएं तो किसी पड़ोसी के यहां बच्चों को छोड़ कर जाएं.

'जूते वाले अंकल' पर होगी कानूनी कार्रवाई

संगीता बेनीवाल (Sangeeta Beniwal) ने बताया कि यह सही है कि माता-पिता इस तरह से बच्चों को बांधकर नहीं रख सकते, लेकिन उससे भी ज्यादा खतरनाक बात यह है कि बच्चे जिसको 'जूते वाले अंकल' कह रहे हैं उन्होंने उन्हें उल्टा लटकाया और फोटो खींची. इसलिए इस पूरे मामले की जांच के लिए सीडब्ल्यूसी को निर्देश दिए गए हैं. अगर किसी ने भी बच्चों को इस तरह से उल्टा लटका कर उनकी फोटो खींची है और उसको दुष्प्रचार करने की कोशिश की तो उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई होगी.

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