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कर्नाटक सरकार ने कोविड से अनाथ हुए बच्चों के लिए बनाई 'बाला सेवा' योजना

कोविड-19 के कहर से पूरा देश त्रस्त है. इस बीमारी की वजह से कई परिवार उजड़ गए. कई बच्चों ने अपने माता-पिता, दादा-दादी को खो दिया. ऐसे बच्चों के लिए कर्नाटक सरकार ने बाला सेवा योजना शुरू की है.

'बाला सेवा' योजना
'बाला सेवा' योजना
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Published : Jun 11, 2021, 8:31 PM IST

बेंगलुरु : कोविड-19 (Covid-19) के कहर से पूरा देश त्रस्त है. इस बीमारी की वजह से कई परिवार उजड़ गए. कई बच्चों ने अपने माता-पिता, दादा-दादी को खो दिया. ऐसे बच्चों के लिए कर्नाटक सरकार (Karnataka Government) ने बाला सेवा योजना (Bala Seva Scheme) शुरू की है.

अनाथ बच्चों की देखभाल अब सरकार की जिम्मेदारी

कोविड ने कई बच्चों को अनाथ बना दिया. कर्नाटक सरकार इन अनाथ बच्चों (Orphan children) को सहारा देने के लिए आगे आई है. इन बच्चों की देखभाल से लेकर शिक्षा की जिम्मेदारी अब राज्य सरकार के हाथों में हैं और इसलिए सरकार ने बाला सेवा योजना लागू करने का फैसला किया है. इस योजना के तहत अनाथ बच्चों को शिक्षित और उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनाया जाएगा.

कोविड से कितने बच्चे अनाथ?

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में कोविड ने अब तक 39 बच्चों को अनाथ बना दिया है. इनमें से 20 बच्चे एक मां की संतान हैं जबकि 19 बच्चे एकल संतान हैं.

अनाथ बच्चों के लिए बाला सेवा योजना

राज्य सरकार ने पहले ही बाला सेवा योजना की घोषणा कर दी थी, जो इन बच्चों को सहारा देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है. इस योजना के तहत अनाथ बच्चों का ख्याल रखने वाले व्यक्ति को 3,500 रुपये, 10 साल तक के बच्चों के लिए सरकारी आवासीय स्कूल में शिक्षा, अनाथ बच्चियों को 21 साल की उम्र तक एक लाख रुपये की सहायता दी जाएगी.

पढ़ेंः जरूरी नहीं कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को ज्यादा प्रभावित करे : स्वास्थ्य विभाग

अधिकारियों ने कहा कि महिला व बाल कल्याण विभाग की ओर से ये सहायता राशि सीधे उनके खातों में जमा कराने की व्यवस्था कर रही है.

बच्चों की सुरक्षा के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त

इस योजना के कार्यान्वयन में बिचौलियों की भागीदारी को नियंत्रित करने के लिए भी कार्रवाई करने का फैसला गया है. इसलिए राज्य सरकार ने कोविड के कारण अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों की सुरक्षा के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया है.

सरकार ने इन बच्चों की देखभाल और शिक्षा को विशेष प्राथमिकता देने का फैसला किया है.

गांव-गांव में योजना को लेकर कराई जाएगी जागरूकता

अधिकारियों ने बताया कि महिला एवं बाल कल्याण विभाग (Women and Child Welfare Department) ने बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया में कानून का उल्लंघन न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं.

राज्य सरकार द्वारा घोषित 'बाला सेवा' योजना के बारे में प्रत्येक गांव स्तर पर जागरूकता बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. अनाथ बच्चों के कल्याण और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय किए गए हैं.

कोविड से अनाथ हुए बच्चों की संख्या
कोविड से अनाथ हुए बच्चों की संख्या

फिलहाल, सभी बच्चे अपने रिश्तेदारों की देखरेख में सुरक्षित हैं. अधिकारियों ने साफ किया है कि बाल कल्याण समिति (Child Welfare Committee-CWC) इन बच्चों की देखभाल कर रही है.

बेंगलुरु : कोविड-19 (Covid-19) के कहर से पूरा देश त्रस्त है. इस बीमारी की वजह से कई परिवार उजड़ गए. कई बच्चों ने अपने माता-पिता, दादा-दादी को खो दिया. ऐसे बच्चों के लिए कर्नाटक सरकार (Karnataka Government) ने बाला सेवा योजना (Bala Seva Scheme) शुरू की है.

अनाथ बच्चों की देखभाल अब सरकार की जिम्मेदारी

कोविड ने कई बच्चों को अनाथ बना दिया. कर्नाटक सरकार इन अनाथ बच्चों (Orphan children) को सहारा देने के लिए आगे आई है. इन बच्चों की देखभाल से लेकर शिक्षा की जिम्मेदारी अब राज्य सरकार के हाथों में हैं और इसलिए सरकार ने बाला सेवा योजना लागू करने का फैसला किया है. इस योजना के तहत अनाथ बच्चों को शिक्षित और उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनाया जाएगा.

कोविड से कितने बच्चे अनाथ?

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में कोविड ने अब तक 39 बच्चों को अनाथ बना दिया है. इनमें से 20 बच्चे एक मां की संतान हैं जबकि 19 बच्चे एकल संतान हैं.

अनाथ बच्चों के लिए बाला सेवा योजना

राज्य सरकार ने पहले ही बाला सेवा योजना की घोषणा कर दी थी, जो इन बच्चों को सहारा देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है. इस योजना के तहत अनाथ बच्चों का ख्याल रखने वाले व्यक्ति को 3,500 रुपये, 10 साल तक के बच्चों के लिए सरकारी आवासीय स्कूल में शिक्षा, अनाथ बच्चियों को 21 साल की उम्र तक एक लाख रुपये की सहायता दी जाएगी.

पढ़ेंः जरूरी नहीं कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को ज्यादा प्रभावित करे : स्वास्थ्य विभाग

अधिकारियों ने कहा कि महिला व बाल कल्याण विभाग की ओर से ये सहायता राशि सीधे उनके खातों में जमा कराने की व्यवस्था कर रही है.

बच्चों की सुरक्षा के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त

इस योजना के कार्यान्वयन में बिचौलियों की भागीदारी को नियंत्रित करने के लिए भी कार्रवाई करने का फैसला गया है. इसलिए राज्य सरकार ने कोविड के कारण अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों की सुरक्षा के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया है.

सरकार ने इन बच्चों की देखभाल और शिक्षा को विशेष प्राथमिकता देने का फैसला किया है.

गांव-गांव में योजना को लेकर कराई जाएगी जागरूकता

अधिकारियों ने बताया कि महिला एवं बाल कल्याण विभाग (Women and Child Welfare Department) ने बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया में कानून का उल्लंघन न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं.

राज्य सरकार द्वारा घोषित 'बाला सेवा' योजना के बारे में प्रत्येक गांव स्तर पर जागरूकता बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. अनाथ बच्चों के कल्याण और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय किए गए हैं.

कोविड से अनाथ हुए बच्चों की संख्या
कोविड से अनाथ हुए बच्चों की संख्या

फिलहाल, सभी बच्चे अपने रिश्तेदारों की देखरेख में सुरक्षित हैं. अधिकारियों ने साफ किया है कि बाल कल्याण समिति (Child Welfare Committee-CWC) इन बच्चों की देखभाल कर रही है.

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