चेन्नई: तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में पॉक्सो मामले की एक विशेष अदालत ने नाबालिग लड़की के साथ दुर्व्यवहार के बाद उसकी मौत के लिए एक युवक को दोषी करार देते हुए उसे दो बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस कठोर सजा के साथ ही अदालत ने आदेश दिया कि उसे तब तक जेल में रखा जाए जब तक उसकी मृत्यु नहीं हो जाती है.
पेश मामले के अनुसार यह घटना 2020 में हुई. दोषी गुनासीलन पेपर से संबंधित का काम करता था. उसने अपने मालिक की बेटी को बहला फुसला शॉपिंग मॉल और थिएटर ले गया. मालिक की बेटी घटना के समय 13 साल की थी. गुनासीलन का मालिक अपनी बेटी के उसके साथ जाने के बारे में अनजान था. इस दौरान दोषी गुनासीलन ने मोबाइल से पीड़िता का अश्लील वीडियो बनाकर उसे फोन पर धमकी दी.
इससे डरकर नाबालिग लड़की ने घर के बाथरूम में आत्महत्या कर ली. इस घटना के संबंध में तारामणी पुलिस स्टेशन में पॉक्सो अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था और गुनासीलन को गिरफ्तार किया गया. मद्रास उच्च न्यायालय परिसर में पॉक्सो मामलों के लिए बने विशेष अदालत में न्यायाधीश एम राजलक्ष्मी के समक्ष इस घटना से संबंधित मामले की सुनवाई हुई. पुलिस की ओर से विशेष लोक अभियोजक डीजी कविता पेश हुईं.
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मामले में दोनों पक्षों की दलीलों के बाद, जज ने फैसले में गुनासीलन को दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई और आदेश दिया कि उसे जीवन भर कैद में रखा जाए. अदालत ने तीन लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया और आदेश दिया कि यह राशि लड़की के माता-पिता को दी जाए. जुर्माना राशि का भुगतान करने में विफल रहने की स्थिति में दोषी की चल और अचल संपत्ति से इसे वसूलने के लिए कदम उठाने के आदेश दिए. न्यायाधीश एम. राजलक्ष्मी ने जिला कानूनी मामलों के आयोग को अतिरिक्त मुआवजा प्रदान करने के संबंध में कार्रवाई करने का भी आदेश दिए हैं.