हैदराबाद : सुप्रीम कोर्ट ने चार धाम परियोजना (Char Dham project) को हरी झंडी दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट के तहत सड़क की चौड़ाई बढ़ाने की इजाजत भी दे दी है. अदालत के इस फैसले के बाद उत्तराखंड में चीन की सीमा तक डबल लेन हाइवे बनाने का रास्ता साफ हो गया है. कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि हाईवे के लिए सड़क की चौड़ाई बढ़ाने में रक्षा मंत्रालय की कोई दुर्भावना नहीं है. हाल के दिनों में सीमाओं पर सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौतियां सामने आई हैं. अदालत सशस्त्र बलों की ढांचागत जरूरतों का अनुमान नहीं लगा सकती है.
सुप्रीम अदालत ने एक पूर्व न्यायाधीश जस्टिस ए के सीकरी की अध्यक्षता में एक निरीक्षण समिति का गठन किया है. यह समिति निर्माण के दौरान पर्यावरण के हित में किए जाने वाले उपायों को सुनिश्चित करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने समिति को हर 4 महीने में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने 11 नवंबर को चार धाम परियोजना में सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के मामले में फैसला सुरक्षित रखा था. केंद्र और याचिकाकर्ता कॉलिन गोंजाल्विस की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था. कोर्ट ने दोनों पक्षों से दो दिनों में लिखित सुझाव देने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट को तय करना था कि करीब 900 किलोमीटर की चार धाम ऑल वेदर राजमार्ग परियोजना में सड़क की चौड़ाई बढ़ाई जा सकती है या नहीं. अब इस फैसले के बाद रोड की चौड़ाई 10 मीटर तक बढ़ाई जा सकेगी.
केंद्र सरकार की ऑल वेदर रोड के तहत केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे उत्तराखंड के चार धाम को आपस में हाइवे के जरिए जोड़ने की योजना है. कई पर्यावरणविदों ने केंद्र की इस योजना पर आपत्ति दर्ज कराई थी.
जानिए चार धाम परियोजना के फायदे : 12 हज़ार करोड़ की चार धाम परियोजना के तहत सड़क को चौड़ा किया जाएगा. पहले इसका नाम ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट था, जिसे बदलकर चारधाम परियोजना कर दिया गया. इस परियोजना के तहत उत्तराखंड के चार प्रमुख तीर्थ यमुनोत्री, गंगोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ सड़क मार्ग से जोड़े जाएंगे.
इसकी शुरुआत साल 2016 में हुई थी. पीएम नरेंद्र मोदी ने देहरादून के परेड ग्राउंड में इसकी नींव रखी थी. पूरे प्रोजेक्ट के दौरान दो सुरंग, 15 पुल, 25 बड़े पुल, 18 यात्री सेवा केंद्र और 13 बाईपास बनाने का प्रस्ताव है.
कुल 899 किलोमीटर के हाइवे प्रोजेक्ट में पूरे उत्तराखंड में सड़कों का जाल विकसित होगा. इन सड़कों से चीन की सीमा तक सुरक्षा बलों की पहुंच आसान हो जाएगी. इस परियोजना के तहत कुल 53 परियोजनाओं पर काम होना है.