ETV Bharat / bharat

Chandrayaan3 लैंडिंग पूरी मानव जाति के लिए दिलचस्प होगी: अंतरिक्ष विशेषज्ञ राघवेंद्र कुलकर्णी

रक्षा और अंतरिक्ष विशेषज्ञ एविनाटिक के निदेशक राघवेंद्र कुलकर्णी ने चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बारे में बात की. पढ़ें पूरी खबर...

Chandrayaan 3
अंतरिक्ष विशेषज्ञ राघवेंद्र कुलकर्णी
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 23, 2023, 8:33 AM IST

Updated : Aug 23, 2023, 10:32 AM IST

बेंगलुरु: चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अंतरिक्ष यान उतारकर अधिक शोध करने के लिए भारत की एक प्रमुख परियोजना है. इससे वैज्ञानिक अनुसंधान और अंतरिक्ष विज्ञान का और विकास हो सकेगा. रक्षा और अंतरिक्ष विशेषज्ञ राघवेंद्र कुलकर्णी ने कहा कि न केवल हमारे देश के लोग बल्कि पूरी मानव जाति आज की लैंडिंग को लेकर उत्सुक और रोमांचित हैं. ईटीवी भारत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर विक्रम लैंडर, प्रज्ञान रोवर सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर उतरते हैं, तो इसरो का नाम अंतरिक्ष क्षेत्र में अमर हो जाएगा.

उन्होंने कहा कि भारत भी सोवियत संघ, अमेरिका और चीन जैसे देशों के समकक्ष खड़ा हो जायेगा. रूस के लूना 25 मिशन और इसरो के चंद्रयान 3 के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है. उस देश के अंतरिक्ष अन्वेषण में कई कारणों से देरी हुई है और अब यह महज एक संयोग है कि उन्होंने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर एक लैंडर उतारने की भी कोशिश की. हालांकि, भारत धीमा है, लेकिन वह समय-समय पर अंतरिक्ष अनुसंधान करता रहा है और शुरू से ही चंद्रमा की सतह का विश्लेषण करने के लिए कई परियोजनाएं तैयार कर रहा है.

उन्होंने कहा कि आज शाम 6:04 बजे लैंडर को उतारने के पीछे उद्देश्य है कि वहां की सौर ऊर्जा का इस्तेमाल किया जा सके. हालांकि उन्होंने कहा कि यदि अंतिम क्षणों में चांद पर मौसम में कोई बदलाव होता है और लैंडिंग वाली जगह पर कोई अन्य समस्या आती है तो समय में बदलाव किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें

Chandrayaan 3: आज दुनिया की नजरें चंद्रयान पर, चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफल होगा भारत!

Chandrayaan-3 Mission: बस एक दिन का इंतजार, चंद्रमा पर तिरंगा लहराने को चंद्रयान-3 तैयार

Chandrayaan 3 : चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग के साथ ही बड़ी अंतरिक्ष शक्ति के रूप में उभरेगा भारत

इस बार इसरो ने लैंडर और रोवर की जरूरतों के आधार पर निर्णय लेने की प्रणाली भी लागू की है. उन्होंने कहा कि अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो रोवर मौसम, वायुमंडल, खनिज संपदा, मिट्टी, पानी और अन्य मुद्दों के बारे में 1 चंद्र दिवस (पृथ्वी के 14 दिन) के भीतर यथाशीघ्र जानकारी भेजेगा. वहां पांच मुख्य टेस्ट आयोजित किये जाने की संभावना है. अंतरिक्ष एजेंसी फिलहाल मुख्य रूप से सॉफ्ट लैंडिंग पर ध्यान केंद्रित कर रही है. उन्होंने कहा कि हम चंद्रयान 2 की गलतियां और लूनर 25 की विफलता से अनुभव लेकर आगे बढ़ रहे हैं.

बेंगलुरु: चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अंतरिक्ष यान उतारकर अधिक शोध करने के लिए भारत की एक प्रमुख परियोजना है. इससे वैज्ञानिक अनुसंधान और अंतरिक्ष विज्ञान का और विकास हो सकेगा. रक्षा और अंतरिक्ष विशेषज्ञ राघवेंद्र कुलकर्णी ने कहा कि न केवल हमारे देश के लोग बल्कि पूरी मानव जाति आज की लैंडिंग को लेकर उत्सुक और रोमांचित हैं. ईटीवी भारत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर विक्रम लैंडर, प्रज्ञान रोवर सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर उतरते हैं, तो इसरो का नाम अंतरिक्ष क्षेत्र में अमर हो जाएगा.

उन्होंने कहा कि भारत भी सोवियत संघ, अमेरिका और चीन जैसे देशों के समकक्ष खड़ा हो जायेगा. रूस के लूना 25 मिशन और इसरो के चंद्रयान 3 के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है. उस देश के अंतरिक्ष अन्वेषण में कई कारणों से देरी हुई है और अब यह महज एक संयोग है कि उन्होंने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर एक लैंडर उतारने की भी कोशिश की. हालांकि, भारत धीमा है, लेकिन वह समय-समय पर अंतरिक्ष अनुसंधान करता रहा है और शुरू से ही चंद्रमा की सतह का विश्लेषण करने के लिए कई परियोजनाएं तैयार कर रहा है.

उन्होंने कहा कि आज शाम 6:04 बजे लैंडर को उतारने के पीछे उद्देश्य है कि वहां की सौर ऊर्जा का इस्तेमाल किया जा सके. हालांकि उन्होंने कहा कि यदि अंतिम क्षणों में चांद पर मौसम में कोई बदलाव होता है और लैंडिंग वाली जगह पर कोई अन्य समस्या आती है तो समय में बदलाव किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें

Chandrayaan 3: आज दुनिया की नजरें चंद्रयान पर, चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफल होगा भारत!

Chandrayaan-3 Mission: बस एक दिन का इंतजार, चंद्रमा पर तिरंगा लहराने को चंद्रयान-3 तैयार

Chandrayaan 3 : चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग के साथ ही बड़ी अंतरिक्ष शक्ति के रूप में उभरेगा भारत

इस बार इसरो ने लैंडर और रोवर की जरूरतों के आधार पर निर्णय लेने की प्रणाली भी लागू की है. उन्होंने कहा कि अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो रोवर मौसम, वायुमंडल, खनिज संपदा, मिट्टी, पानी और अन्य मुद्दों के बारे में 1 चंद्र दिवस (पृथ्वी के 14 दिन) के भीतर यथाशीघ्र जानकारी भेजेगा. वहां पांच मुख्य टेस्ट आयोजित किये जाने की संभावना है. अंतरिक्ष एजेंसी फिलहाल मुख्य रूप से सॉफ्ट लैंडिंग पर ध्यान केंद्रित कर रही है. उन्होंने कहा कि हम चंद्रयान 2 की गलतियां और लूनर 25 की विफलता से अनुभव लेकर आगे बढ़ रहे हैं.

Last Updated : Aug 23, 2023, 10:32 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.