चंडीगढ़: पंजाब की एक कोर्ट ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी वीडियो कांड (Chandigarh University video leak case) में गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों को सोमवार को सात दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया. इससे पहले पंजाब पुलिस ने तीनों आरोपियों को मोहाली में खरड़ की अदालत में पेश किया और दस दिन की हिरासत का अनुरोध किया.
छात्राओं द्वारा लगाए गए आरोपों पर शनिवार रात से पंजाब के मोहाली में स्थित विश्वविद्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. आरोप हैं कि एक छात्रावास के शौचालय में छात्राओं के कई आपत्तिजनक वीडियो रिकॉर्ड किए गए. कुछ छात्राओं ने यह भी दावा किया है कि वीडियो लीक किए गए. हालांकि, विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने इन आरोपों को 'फर्जी और निराधार' बताते हुए खारिज कर दिया.
पुलिस ने उस छात्रा को गिरफ्तार कर लिया, जिस पर वीडियो बनाने का आरोप था. हालांकि, छात्रा ने कहा कि उसने अपने 23 वर्षीय 'ब्वॉयफ्रेंड' के साथ केवल अपना एक वीडियो साझा किया था. आरोपी लड़के को रविवार को हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में रविवार शाम को हिमाचल प्रदेश के 31 वर्षीय एक व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद दोनों को पंजाब पुलिस के हवाले कर दिया गया.
पुलिस ने तीनों आरोपियों के फोन फॉरेंसिक जांच के लिए जब्त कर लिए हैं. पुलिस ने कहा कि मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 354-सी (ताक झांक करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है और मामले में जांच जारी है.
मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी गठित
वहीं, पंजाब पुलिस ने चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में कई छात्राओं के आपत्तिजनक वीडियो बनाए जाने के आरोपों की जांच के लिए सोमवार को तीन सदस्यीय एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जिसकी सभी सदस्य महिला हैं. पुलिस ने बताया कि भारतीय पुलिस सेवा की वरिष्ठ अधिकारी गुरप्रीत कौर देव की निगरानी में एसआईटी का गठन किया गया है. पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने कहा कि टीम मामले की गहन जांच करेगी और इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा, जांच पूरी गति से चल रही है.
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