कोलकाता : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने केंद्रीय मंत्री निशीथ प्रमाणिक (Nisith Pramanik) के काफिले पर 25 फरवरी को कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए हमले से संबंधित दस्तावेजों को सौंपने में पश्चिम बंगाल पुलिस के असहयोग के बारे में गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में शिकायत की.
मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने 28 मार्च को मामले की सीबीआई जांच का निर्देश दिया था. अगले ही दिन, राज्य सरकार ने फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
हालांकि, इस मामले ने गुरुवार को एक नया मोड़ ले लिया जब सीबीआई ने पश्चिम बंगाल पुलिस के खिलाफ इसी खंडपीठ में शिकायत की. इस पर राज्य सरकार के वकील ने कहा कि चूंकि मामला शीर्ष अदालत में लंबित है, इसलिए वहां के परिणाम के आधार पर प्रक्रिया को जारी रखा जा सकता है.
हालांकि, दोनों पक्षों को सुनने के बाद, न्यायमूर्ति श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति भारद्वाज की खंडपीठ ने कहा कि चूंकि शीर्ष अदालत (सुप्रीम कोर्ट) ने इस मामले में कोई रोक नहीं लगाई है, इसलिए इस मामले में खंडपीठ के निर्देश का सम्मान करना बेहतर होगा. यह सुनिश्चित करना राज्य सरकार का कर्तव्य है कि सीबीआई अधिकारियों को अपनी जांच के दौरान बाधाओं का सामना नहीं करना पड़े.
ये है मामला : 25 फरवरी को जब कूचबिहार में दिनहाटा विधानसभा क्षेत्र के बुरिहाट इलाके से प्रमाणिक का कफिला गुजर रहा था तब उनके वाहन पर कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हमला किया था. स्थिति तनावपूर्ण हो गई क्योंकि तृणमूल और भाजपा समर्थक आपस में भिड़ गए और पत्थराव शुरू कर दिया, इसी दौरान प्रमाणिक की कार का शीशा तोड़ दिया गया.
हालांकि, मंत्री को कोई चोट नहीं आई क्योंकि उनके सुरक्षाकर्मियों ने सुरक्षित रूप से उन्हें उस क्षेत्र से बाहर निकाल लिया. प्रमाणिक ने आरोप लगाया कि पत्थर और ईंटों के अलावा, सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले, उनके सुरक्षाकर्मियों और स्थानीय भाजपा समर्थकों को निशाना बनाते हुए देशी बम भी फेंके.
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(आईएएनएस)