नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तमिलनाडु सरकार को आश्वासन दिया कि अगस्त महीने के लिए कावेरी नदी के पानी का आवंटन जारी करने की राज्य की याचिका पर सुनवाई के लिए सोमवार को एक पीठ का गठन किया जाएगा. तमिलनाडु का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी और अतिरिक्त महाधिवक्ता अमित आनंद तिवारी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष कहा कि मामला जरूरी है.
एक आवेदन में, राज्य सरकार ने कहा है कि खड़ी फसलों की मांग को पूरा करने के लिए पानी छोड़ने की तत्काल आवश्यकता है. इस पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे. रोहतगी ने पीठ के समक्ष दलील दी कि कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण के आदेश के अनुसार अगस्त के लिए पानी छोड़ना एक जरूरी मामला है और इस बात पर जोर दिया गया कि इसकी सुनवाई के लिए एक पीठ गठित करने की जरूरत है.
रोहतगी ने कहा कि आखिरी पीठ की अध्यक्षता न्यायमूर्ति एएम खानविलकर कर रहे थे, जो अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं और उन्होंने सीजेआई से मामले को जल्द से जल्द सूचीबद्ध करने का आग्रह किया. सीजेआई ने कहा किआज ही मैं एक बेंच का गठन करूंगा... तमिलनाडु सरकार ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर कर्नाटक सरकार को बिलिगुंडुलु में अपने जलाशयों से महीने की शेष अवधि के लिए तुरंत 24,000 क्यूसेक कावेरी जल छोड़ने का निर्देश देने की मांग की थी.
तमिलनाडु सरकार ने कावेरी ट्रिब्यूनल अवार्ड के अनुसार सितंबर, 2023 (36.76 टीएमसी) के लिए पानी छोड़ना सुनिश्चित करने के लिए कर्नाटक सरकार को निर्देश देने की मांग की है, जिसे 2018 में शीर्ष अदालत द्वारा संशोधित किया गया था.