कोडरमा : किसान आंदोलन को समर्थन देकर विवादों में घिरी अंतरराष्ट्रीय पॉप स्टार रिहाना के ट्वीट पर कोडरमा के लोगों ने भी आपत्ति जताई है. रिहाना के ट्वीट के बाद एनसीपीसीआर के अगस्त 2019 में प्रकाशित रिपोर्ट में कोडरमा गिरिडीह के माइका खदानों के बाल श्रम मुक्त होने पर भी सवाल उठ रहे हैं.
रिहाना के ब्यूटी ब्रांड में माइका का उपयोग
दरअसल, रिहाना ब्यूटी ब्रांड पर बाल मजदूरी पर काम करने वाली माइका का उपयोग करने के लिए एनजीओ लीगल राइट्स ऑब्जर्वेटरी ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण संस्था के समक्ष एक शिकायत दर्ज की है, जिसमें आरोप लगाया गया कि झारखंड की खदानों से रिहाना के ब्यूटी ब्रांड 'ब्लड माइका' का उपयोग करता है. देश और विदेश में बनने वाले तमाम कॉस्मेटिक आइटम, पेंट इत्यादि सामानों में कोडरमा में अवैध रूप से संचालित मायका खदानों से निकाले गए माइका का इस्तेमाल किया जाता है.
उच्च क्वालिटी के माइका का उत्पादन
बाल श्रम उन्मूलन के लिए काम करने वाली संस्था कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के डायरेक्टर ओमप्रकाश का कहना है कि कोडरमा में उच्च क्वालिटी के माइका का उत्पादन होता है. हालांकि, माइका खदाने अवैध रूप से संचालित हैं और इनमें बड़ी संख्या में बाल मजदूर काम करते हैं, लेकिन यहां लाइवलीहुड के लिए माइका निकालने के अलावा कोई कार्य नहीं है.
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रेहाना ब्यूटी प्रोडक्ट के खिलाफ केस दर्ज
रिहाना के ट्वीट के बाद हुए विवाद के बीच एक एनजीओ की ओर से रेहाना ब्यूटी प्रोडक्ट के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, जिसमें यह बताया गया है कि रिहाना ब्यूटी प्रोडक्ट में जिस माइका का इस्तेमाल किया जाता है उसमें बाल मजदूरों की मदद से निकाला जाता है.
कांग्रेस नेता सईद नसीम ने अगस्त 2019 में एनसीपीसीआर ने कोडरमा के माइका खदानों को बाल श्रम मुक्त कहे जाने की रिपोर्ट को भी तथ्यहीन बताया है. उन्होंने कहा कि लोगों के पास गुजर-बसर करने के लिए माइका निकालने और चुनने के अलावा कोई साधन नहीं है और आज भी बड़े पैमाने पर अलग-अलग माइका खदानों में बच्चों को माइका निकालते देखा जा सकता है.