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कनाडा सरकार ने 23 साल बाद फीस दोगुनी की, भारतीय छात्रों पर पड़ेगा असर - भारत कनाडा संबंध

कनाडा में पढ़ाई अब और महंगी हो जाएगी. 23 वर्षों में पहली बार फीस लगभग दोगुनी हो गई है. फिलहाल कनाडा में पढ़ाई के लिए एक साल में 15 से 20 लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं. जनवरी 2024 से लागत बढ़कर 25 से 30 लाख रुपये हो जाएगी. Indian Students Will Effected, Canadian govt doubled the fee.

Canadian government doubled the fee
कनाडा सरकार
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 10, 2023, 8:26 PM IST

लुधियाना: कई भारतीय छात्रों का कनाडा जाने का सपना टूट सकता है, क्योंकि अब छात्रों को कनाडा में पढ़ाई के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे. कनाडा सरकार ने आखिरकार 23 साल बाद GIC की फीस दोगुनी कर दी है, जो फीस पहले 10 हजार 200 डॉलर थी, उसे अब बढ़ाकर 20 हजार, 635 डॉलर कर दिया गया है.

23 साल बाद कनाडा सरकार ने उठाया कदम: पहले यह फीस भारत की करेंसी के हिसाब से करीब 13 लाख रुपए होती है, यह फीस एक साल की होती है, जो किसी भी छात्र को वहां रहने के लिए सरकार को देनी होती है. यह शुल्क 23 साल बाद बढ़ाया गया है. यह फीस 2000 से लागू की गई थी. तब से इसमें बढ़ोतरी नहीं की गई है, लेकिन अब पिछले कुछ महीनों से भारत और कनाडा के बीच चल रहे विवाद के बाद फीस दोगुनी कर दी गई है, जिसका सीधा असर भारतीय छात्रों, खासकर पंजाबियों पर पड़ रहा है.

छात्रों के खर्च में करीब 5-8 लाख की बढ़ोतरी: लुधियाना इमिग्रेशन विशेषज्ञ कैपरी इंस्टीट्यूशन के प्रबंध निदेशक नितिन चावला ने कहा है कि कनाडा सरकार द्वारा फीस में बढ़ोतरी वहां के भारतीय छात्रों पर सीधा बोझ है. उन्होंने कहा कि इस फीस में बढ़ोतरी का सीधा असर पंजाब से कनाडा जाने वाले छात्रों पर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि लाखों विद्यार्थियों का सपना टूट सकता है, क्योंकि पंजाब से बड़ी संख्या में विद्यार्थी अपने सुनहरे भविष्य के लिए कनाडा जाते हैं. उन्होंने कहा कि पंजाबी पहले यह फीस बहुत मुश्किल से चुकाते थे, क्योंकि कनाडा जाकर एक साल में पढ़ाई का खर्च करीब 15 से 20 लाख होता है.

उन्होंने कहा कि अब फीस बढ़ोतरी से एक छात्र पर सीधे तौर पर एक साल का खर्च 25 से 30 लाख तक पहुंच जाएगा. किसी छात्र या परिवार के लिए एक साल की पढ़ाई का इतना खर्च उठाना बहुत मुश्किल होगा. नितिन चावला ने कहा कि कनाडा सरकार का ये बेहद हैरान करने वाला फैसला है. फीस सीधे दोगुना होने से छात्रों पर आर्थिक बोझ पड़ेगा.

31 दिसंबर से फाइल जमा करेंगे छात्र: नितिन चावला ने जानकारी साझा करते हुए कहा कि फिलहाल छात्रों के पास 31 दिसंबर तक का समय है. उन्होंने कहा कि जिन छात्रों ने अभी तक अपनी फाइल जमा नहीं की है, अगर वे 31 दिसंबर से पहले अपनी फाइल जमा कर देते हैं, तो उन्हें वीजा मिल जाएगा. पिछली फीस की कीमत पर, लेकिन 1 जनवरी 2024 के बाद किसी भी छात्र को यह रियायत नहीं मिलेगी. कनाडा में पढ़ाई के लिए उन्हें अपनी जेब ढीली करनी होगी.

उद्योग और पढ़ाई पर पड़ेगा असर : नितिन चावला ने कहा कि यह न सिर्फ उद्योग जगत के लिए बड़ा झटका है, बल्कि छात्रों के लिए भी सपना तोड़ने वाला है. उन्होंने कहा कि पिछले महीनों में भारत और कनाडा के बीच जो कुछ हुआ है, ऐसे नतीजे अच्छे नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इससे इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान होगा और स्टूडेंट को भी दूसरे देश में शिफ्ट होना पड़ेगा. फीस बढ़ोतरी से छात्रों में काफी गुस्सा है.

दोनों सरकारों को बात कर समाधान निकालने की जरूरत: लुधियाना पासपोर्ट ऑफिस के बाहर हमसे बात करते हुए छात्रों ने कहा कि वे कैमरे के सामने नहीं आना चाहते, लेकिन फीस बढ़ोतरी से उन्हें सीधे तौर पर काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि यह ठीक नहीं है कि भारत और कनाडा के रिश्तों का असर छात्रों पर पड़े. छात्रों ने कहा कि हम अपने बेहतर भविष्य के लिए कनाडा जाते हैं, लेकिन अब वहां के रास्ते भी हमारे लिए बंद हो गए हैं, क्योंकि कनाडा में बड़ी संख्या में पंजाबी समुदाय रहता है और वे वहां जाना सुरक्षित महसूस करते हैं. यही वजह है कि उनकी पहली पसंद कनाडा है.

छात्रों का कहना है कि कनाडा को यह फैसला वापस लेना चाहिए, क्योंकि इससे उन्हें भी बड़ा नुकसान होगा. भारतीय विद्यार्थियों से सरकार को बड़ी आय होती है. अगर भारतीय छात्र कनाडा नहीं जाएंगे तो वे दूसरे देश में चले जाएंगे, जो दोनों देशों के लिए नुकसान है. इस वजह से दोनों सरकारों को किसी तरह की बातचीत के जरिए इस मुद्दे को सुलझाने की जरूरत है.

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लुधियाना: कई भारतीय छात्रों का कनाडा जाने का सपना टूट सकता है, क्योंकि अब छात्रों को कनाडा में पढ़ाई के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे. कनाडा सरकार ने आखिरकार 23 साल बाद GIC की फीस दोगुनी कर दी है, जो फीस पहले 10 हजार 200 डॉलर थी, उसे अब बढ़ाकर 20 हजार, 635 डॉलर कर दिया गया है.

23 साल बाद कनाडा सरकार ने उठाया कदम: पहले यह फीस भारत की करेंसी के हिसाब से करीब 13 लाख रुपए होती है, यह फीस एक साल की होती है, जो किसी भी छात्र को वहां रहने के लिए सरकार को देनी होती है. यह शुल्क 23 साल बाद बढ़ाया गया है. यह फीस 2000 से लागू की गई थी. तब से इसमें बढ़ोतरी नहीं की गई है, लेकिन अब पिछले कुछ महीनों से भारत और कनाडा के बीच चल रहे विवाद के बाद फीस दोगुनी कर दी गई है, जिसका सीधा असर भारतीय छात्रों, खासकर पंजाबियों पर पड़ रहा है.

छात्रों के खर्च में करीब 5-8 लाख की बढ़ोतरी: लुधियाना इमिग्रेशन विशेषज्ञ कैपरी इंस्टीट्यूशन के प्रबंध निदेशक नितिन चावला ने कहा है कि कनाडा सरकार द्वारा फीस में बढ़ोतरी वहां के भारतीय छात्रों पर सीधा बोझ है. उन्होंने कहा कि इस फीस में बढ़ोतरी का सीधा असर पंजाब से कनाडा जाने वाले छात्रों पर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि लाखों विद्यार्थियों का सपना टूट सकता है, क्योंकि पंजाब से बड़ी संख्या में विद्यार्थी अपने सुनहरे भविष्य के लिए कनाडा जाते हैं. उन्होंने कहा कि पंजाबी पहले यह फीस बहुत मुश्किल से चुकाते थे, क्योंकि कनाडा जाकर एक साल में पढ़ाई का खर्च करीब 15 से 20 लाख होता है.

उन्होंने कहा कि अब फीस बढ़ोतरी से एक छात्र पर सीधे तौर पर एक साल का खर्च 25 से 30 लाख तक पहुंच जाएगा. किसी छात्र या परिवार के लिए एक साल की पढ़ाई का इतना खर्च उठाना बहुत मुश्किल होगा. नितिन चावला ने कहा कि कनाडा सरकार का ये बेहद हैरान करने वाला फैसला है. फीस सीधे दोगुना होने से छात्रों पर आर्थिक बोझ पड़ेगा.

31 दिसंबर से फाइल जमा करेंगे छात्र: नितिन चावला ने जानकारी साझा करते हुए कहा कि फिलहाल छात्रों के पास 31 दिसंबर तक का समय है. उन्होंने कहा कि जिन छात्रों ने अभी तक अपनी फाइल जमा नहीं की है, अगर वे 31 दिसंबर से पहले अपनी फाइल जमा कर देते हैं, तो उन्हें वीजा मिल जाएगा. पिछली फीस की कीमत पर, लेकिन 1 जनवरी 2024 के बाद किसी भी छात्र को यह रियायत नहीं मिलेगी. कनाडा में पढ़ाई के लिए उन्हें अपनी जेब ढीली करनी होगी.

उद्योग और पढ़ाई पर पड़ेगा असर : नितिन चावला ने कहा कि यह न सिर्फ उद्योग जगत के लिए बड़ा झटका है, बल्कि छात्रों के लिए भी सपना तोड़ने वाला है. उन्होंने कहा कि पिछले महीनों में भारत और कनाडा के बीच जो कुछ हुआ है, ऐसे नतीजे अच्छे नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इससे इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान होगा और स्टूडेंट को भी दूसरे देश में शिफ्ट होना पड़ेगा. फीस बढ़ोतरी से छात्रों में काफी गुस्सा है.

दोनों सरकारों को बात कर समाधान निकालने की जरूरत: लुधियाना पासपोर्ट ऑफिस के बाहर हमसे बात करते हुए छात्रों ने कहा कि वे कैमरे के सामने नहीं आना चाहते, लेकिन फीस बढ़ोतरी से उन्हें सीधे तौर पर काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि यह ठीक नहीं है कि भारत और कनाडा के रिश्तों का असर छात्रों पर पड़े. छात्रों ने कहा कि हम अपने बेहतर भविष्य के लिए कनाडा जाते हैं, लेकिन अब वहां के रास्ते भी हमारे लिए बंद हो गए हैं, क्योंकि कनाडा में बड़ी संख्या में पंजाबी समुदाय रहता है और वे वहां जाना सुरक्षित महसूस करते हैं. यही वजह है कि उनकी पहली पसंद कनाडा है.

छात्रों का कहना है कि कनाडा को यह फैसला वापस लेना चाहिए, क्योंकि इससे उन्हें भी बड़ा नुकसान होगा. भारतीय विद्यार्थियों से सरकार को बड़ी आय होती है. अगर भारतीय छात्र कनाडा नहीं जाएंगे तो वे दूसरे देश में चले जाएंगे, जो दोनों देशों के लिए नुकसान है. इस वजह से दोनों सरकारों को किसी तरह की बातचीत के जरिए इस मुद्दे को सुलझाने की जरूरत है.

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