ETV Bharat / bharat

बचाना है दूसरों की जिंदगी तो करें रक्तदान, वैक्सीनेशन के 28 दिन तक खून देने की मनाही

author img

By

Published : Apr 29, 2021, 7:54 PM IST

कहते हैं रक्तदान महादान है. एक यूनिट रक्त से आप तीन लोगों की जिंदगी बचा सकते हैं. लेकिन कोरोना काल में रक्तदान में भी कमी देखने को मिल रही है. वहीं वैक्सीनेशन का दौर भी शुरू हो चुका है और अब 18 वर्ष से अधिक आयु वालों को भी वैक्सीन लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं. वहीं नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल का कहना है कि वैक्सीन लगवाने वाला व्यक्ति अगले 28 दिन तक रक्तदान नहीं कर सकता है, जबकि अस्पतालों में रक्त की समस्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में इटीवी भारत अपील करता है कि वैक्सीन लगवाने से पहले रक्तदान जरूर करें, शायद आपका रक्त किसी को नया जीवन दे दे.

blood
blood

जयपुर : कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच प्रदेश में रक्त की कमी भी देखने को मिल रही है. नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल का कहना है कि वैक्सीन लगने के 28 दिन बाद ही आप ब्लड डोनेट कर सकते हैं. उसके पहले ब्लड नहीं लिया जा सकता. व्यक्ति को कोरोना वैक्सीन की दो डोज लगाई जाती है, ऐसे में करीब 56 दिन तक वैक्सीन लगवाने वाला व्यक्ति ब्लड डोनेट नहीं कर सकता. यदि आप रक्तदान करना चाहते हैं, तो वैक्सीन लगवाने के पहले ही कर दें, ताकि जरूरत के वक्त आपका रक्त किसी को जीवनदान दे सके.

मौजूदा समय की बात की जाए, तो कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के बीच अस्पतालों में रक्त की कमी भी पड़ने लगी है. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल की बात की जाए, तो जरूरतमंद लोगों को रक्त उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, जिसमें थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है. आंकड़ों की मानें तो हर दिन 100 यूनिट से अधिक ब्लड थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन अब धीरे-धीरे ब्लड की कमी होने के चलते बच्चों को रक्त उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में मौजूदा समय में सिर्फ 500 से 600 यूनिट ब्लड ही उपलब्ध है. ऐसे में यदि वैक्सीनेशन शुरू होता है, तो करीब 56 दिन तक वैक्सीन लगवाने वाला व्यक्ति ब्लड डोनेट नहीं कर पाएगा.

अस्पतालों में रक्त की समस्या बढ़ती जा रही.

युवाओं की संख्या ज्यादा

आमतौर पर 18 वर्ष से 40 वर्ष की उम्र के व्यक्ति सबसे अधिक ब्लड डोनेट करते हैं और सरकार की ओर से 18 से 45 वर्ष की आयु के व्यक्तियों को वैक्सीन लगाने की तैयारी की जा रही है. इस उम्र के व्यक्ति वैक्सीनेशन के 56 दिन तक रक्तदान नहीं कर सकेंगे. रक्तदान से जुड़े कार्यक्रम आयोजित करने वाले पंकज अग्रवाल का कहना है कि आने वाले समय में रक्त की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में हम प्रयास कर रहे हैं कि अधिक से अधिक लोगों से रक्तदान करवा सकें. अलग-अलग स्थानों पर हमारी ओर से ब्लड डोनेशन कैंप भी आयोजित किए जा रहे हैं.

थैलेसीमिया के मरीजों को परेशानी

रक्त की कमी से सबसे बड़ी परेशानी थैलेसीमिया से जुड़े मरीजों को उठानी पड़ रही है, क्योंकि कोविड-19 के डर से लोग रक्तदान करने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. सवाई मानसिंह अस्पताल की ओर से जेके लोन अस्पताल में थैलेसीमिया के मरीजों के लिए हर दिन 150 यूनिट ब्लड उपलब्ध करवाया जाता है, लेकिन इसकी संख्या में अब कमी आने लगी है और थैलेसीमिया से सबसे अधिक बच्चे पीड़ित होते हैं. बड़ी मुश्किल से ऐसे बच्चों को रक्त उपलब्ध कराया जा रहा है.

पढ़ेंः कोरोना के खिलाफ भारत में मुफ्त टीकाकरण क्यों नहीं ?

जयपुर : कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच प्रदेश में रक्त की कमी भी देखने को मिल रही है. नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल का कहना है कि वैक्सीन लगने के 28 दिन बाद ही आप ब्लड डोनेट कर सकते हैं. उसके पहले ब्लड नहीं लिया जा सकता. व्यक्ति को कोरोना वैक्सीन की दो डोज लगाई जाती है, ऐसे में करीब 56 दिन तक वैक्सीन लगवाने वाला व्यक्ति ब्लड डोनेट नहीं कर सकता. यदि आप रक्तदान करना चाहते हैं, तो वैक्सीन लगवाने के पहले ही कर दें, ताकि जरूरत के वक्त आपका रक्त किसी को जीवनदान दे सके.

मौजूदा समय की बात की जाए, तो कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के बीच अस्पतालों में रक्त की कमी भी पड़ने लगी है. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल की बात की जाए, तो जरूरतमंद लोगों को रक्त उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, जिसमें थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है. आंकड़ों की मानें तो हर दिन 100 यूनिट से अधिक ब्लड थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन अब धीरे-धीरे ब्लड की कमी होने के चलते बच्चों को रक्त उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में मौजूदा समय में सिर्फ 500 से 600 यूनिट ब्लड ही उपलब्ध है. ऐसे में यदि वैक्सीनेशन शुरू होता है, तो करीब 56 दिन तक वैक्सीन लगवाने वाला व्यक्ति ब्लड डोनेट नहीं कर पाएगा.

अस्पतालों में रक्त की समस्या बढ़ती जा रही.

युवाओं की संख्या ज्यादा

आमतौर पर 18 वर्ष से 40 वर्ष की उम्र के व्यक्ति सबसे अधिक ब्लड डोनेट करते हैं और सरकार की ओर से 18 से 45 वर्ष की आयु के व्यक्तियों को वैक्सीन लगाने की तैयारी की जा रही है. इस उम्र के व्यक्ति वैक्सीनेशन के 56 दिन तक रक्तदान नहीं कर सकेंगे. रक्तदान से जुड़े कार्यक्रम आयोजित करने वाले पंकज अग्रवाल का कहना है कि आने वाले समय में रक्त की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में हम प्रयास कर रहे हैं कि अधिक से अधिक लोगों से रक्तदान करवा सकें. अलग-अलग स्थानों पर हमारी ओर से ब्लड डोनेशन कैंप भी आयोजित किए जा रहे हैं.

थैलेसीमिया के मरीजों को परेशानी

रक्त की कमी से सबसे बड़ी परेशानी थैलेसीमिया से जुड़े मरीजों को उठानी पड़ रही है, क्योंकि कोविड-19 के डर से लोग रक्तदान करने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. सवाई मानसिंह अस्पताल की ओर से जेके लोन अस्पताल में थैलेसीमिया के मरीजों के लिए हर दिन 150 यूनिट ब्लड उपलब्ध करवाया जाता है, लेकिन इसकी संख्या में अब कमी आने लगी है और थैलेसीमिया से सबसे अधिक बच्चे पीड़ित होते हैं. बड़ी मुश्किल से ऐसे बच्चों को रक्त उपलब्ध कराया जा रहा है.

पढ़ेंः कोरोना के खिलाफ भारत में मुफ्त टीकाकरण क्यों नहीं ?

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.