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मध्यप्रदेश : बाजार से नदारद हुआ रेमडेसिविर इंजेक्शन, कालाबाजारी जोरों पर

देश के साथ मध्यप्रदेश में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. गंभीर मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. ऐसे में रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग भी बढ़ गई है और इसकी कालाबाजारी जोरों पर है. इंजेक्शन बाजार में 20 हजार रुपए में भी नहीं मिल रहा है.

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Published : Apr 8, 2021, 10:41 PM IST

भोपाल : मध्यप्रदेश में तेजी से फैल रहे कोरोना से गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ रही है. गंभीर मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टर्स रेमडेसिविर के इंजेक्शन पर काफी भरोसा कर रहे हैं. गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ने से रेमडेसिविर की डिमांड भी अचानक काफी बढ़ गई है. पैसे वाले लोग चार हजार के इंजेक्शन के 20 हजार रुपए तक दे रहे हैं. ऐसे में गरीब के हिस्से में रेमडेसिविर आ ही नहीं रहा है.

रेमडेसिविर की कालाबाजारी

ग्वालियर के बाजार से रेमडेसिविर नदारद

ग्वालियर जिले में लगातार कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. रोज 200 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं. इनमें से 28 कोरोना संक्रमित मरीज ऐसे हैं जिनकी हालत गंभीर है. ये सभी मरीज सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती हैं. इन सभी मरीजों के लिए डॉक्टर ने रेमडेसिविर इंजेक्शन लिखा है. लेकिन यह इंजेक्शन बाजार में कहीं भी उपलब्ध नहीं है. यही वजह है कि मरीजों के परिजन रेमडेसिविर इंजेक्शन की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं.

स्वास्थ्य विभाग के पास कोई प्लान नहीं

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अभी ऐसा कोई प्लान तैयार नहीं किया गया है, जिससे गंभीर मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराया जा सके. जयारोग्य अस्पताल के परिसर में दो मेडिकल स्टोर हैं, लेकिन यहां इंजेक्शन ही नहीं हैं. इसी तरह प्राइवेट में भी एक हॉस्पिटल को छोड़कर सब जगह से रेमडेसिविर नदारद है.

जबलपुर में 10 हजार तक में बिक रहा रेमडेसिविर इंजेक्शन

जबलपुर में भी कोरोना वायरस के मरीजों की तादाद लगातार बढ़ रही है. रेमडेसिविर इंजेक्शन की जबलपुर में भारी किल्लत चल रही है. अस्पतालों में इंजेक्शन की जमकर कालाबाजारी हो रही है. रेमडेसिविर का 700 रुपये का इंजेक्शन अस्पतालों में 10,000 रुपये तक में बेचा जा रहा है.

बाजार से नदारद रेमडेसिविर

तीन कंपनियां बना रहीं रेमडेसिविर इंजेक्शन

रेमडेसिविर इंजेक्शन को तीन कंपनियां बना रही हैं. इसमें एक कंपनी के इंजेक्शन की कीमत 900 रुपये है. दूसरी कंपनी इस इंजेक्शन को 4500 रुपये में बेच रही है. एक अन्य कंपनी इसे 5400 रुपये में बेच रही है. लेकिन अस्पतालों में 720 रुपये में मिलने वाला रेमडेसिविर इंजेक्शन ब्लैक में 10,000 रुपये तक में बेचा जा रहा है.

सप्लाई धीरे-धीरे सुधरेगी

दवा बाजार में फिलहाल एक ही दुकान पर यह इंजेक्शन उपलब्ध है. एक दुकान के सप्लायर का कहना है कि उन्होंने कंपनियों को डिमांड भेजी थी, जिसकी सप्लाई अभी ही हुई है. अब हर मरीज को जरूरत के हिसाब से दो-दो इंजेक्शन दिए जाएंगे. दुकानदार का कहना है कि इसकी किल्लत इसलिए हुई कि कोरोना वायरस का प्रभाव बीते दिनों कम हो गया था. कंपनियों ने उत्पादन कम कर दिया था अब धीरे-धीरे इसका उत्पादन बढ़ रहा है.

प्रशासन अब सतर्क

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी सरकारी अस्पतालों में है. सरकार के पास इसे खरीदने के लिए भी पैसा नहीं है. अब दोबारा इस इंजेक्शन को खरीदने के लिए सरकार तैयारी कर रही है. ड्रग इंस्पेक्टर और एसडीएम इसकी सप्लाई पर निगरानी रखे हुए हैं. अस्पताल के प्रेसक्रिप्शन और आधार कार्ड देखकर ही रेमडेसिविर इंजेक्शन दिया जा रहा है.

इंदौर में भी इंजेक्शन की कालाबाजारी जोरों पर

इंदौर में भी हालात कमोबेश ऐसे ही हैं. यहां 900 का इंजेक्शन 6000 तक में ब्लैक में बिक रहा है. ऐसे में जो गरीब मरीज 6000 खर्च कर पाने की स्थिति में नहीं है. वह रोते बिलखते अपने परिजनों को बचाने के लिए परेशान हो रहे हैं. इंदौर में जो तीन चार डीलर हैं, उनके पास भी स्टॉक नहीं है.

पढ़ें :- टेस्ट, ट्रैक एंड ट्रीट से तोड़ेंगे कोरोना की चेन : पीएम मोदी

दवा स्टॉकिस्ट भी बेबस

अब तक इंदौर में शांति मेडिकल पीपी इंटरप्राइजेज के अलावा अन्य दो दवा स्टॉकिस्ट के पास से रेमडेसिविर के इंजेक्शन की सप्लाई होती है. जिला प्रशासन अब सीधे अस्पतालों से ही ये इंजेक्शन खरीद रहा है. इससे मेडिकल की दुकानों पर इनका संकट गहरा गया है.

छिंदवाड़ा के बाजारों में खत्म हुआ रेमडेसिविर इंजेक्शन

छिंदवाड़ा में भी कोरोना बढ़ने से रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिमांड भी ज्यादा बढ़ गई है. वैसे इसकी कीमत 4800 रुपए है. लेकिन लोग कह रहे हैं कि डिमांड बढ़ने से ये 20 हजार से 30 हजार तक में बिक रहा है. फिर भी कुछ लोगों को रेमडेसिविर का इंजेक्शन नहीं मिल रहा है.

10 गुना पैसे देकर भी नहीं मिल रहा रेमडेसिविर इंजेक्शन

कोरोना पीड़ित के परिजन रेमडेसिविर इंजेक्शन 10 गुना ज्यादा दाम देकर भी खरीदने को तैयार हैं. लेकिन इसका इतना टोटा है, कि पूरे जिले में किसी भी दुकान में इंजेक्शन नहीं मिल रहा है. दुकानदारों का कहना है कि बढ़ती डिमांड को देखते हुए इंजेक्शन के लिए आर्डर दिया है. लेकिन उस अनुपात में सप्लाई नहीं हो रही है. इसी कारण ये ब्लैक में मिलने लगा है.

भोपाल : मध्यप्रदेश में तेजी से फैल रहे कोरोना से गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ रही है. गंभीर मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टर्स रेमडेसिविर के इंजेक्शन पर काफी भरोसा कर रहे हैं. गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ने से रेमडेसिविर की डिमांड भी अचानक काफी बढ़ गई है. पैसे वाले लोग चार हजार के इंजेक्शन के 20 हजार रुपए तक दे रहे हैं. ऐसे में गरीब के हिस्से में रेमडेसिविर आ ही नहीं रहा है.

रेमडेसिविर की कालाबाजारी

ग्वालियर के बाजार से रेमडेसिविर नदारद

ग्वालियर जिले में लगातार कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. रोज 200 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं. इनमें से 28 कोरोना संक्रमित मरीज ऐसे हैं जिनकी हालत गंभीर है. ये सभी मरीज सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती हैं. इन सभी मरीजों के लिए डॉक्टर ने रेमडेसिविर इंजेक्शन लिखा है. लेकिन यह इंजेक्शन बाजार में कहीं भी उपलब्ध नहीं है. यही वजह है कि मरीजों के परिजन रेमडेसिविर इंजेक्शन की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं.

स्वास्थ्य विभाग के पास कोई प्लान नहीं

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अभी ऐसा कोई प्लान तैयार नहीं किया गया है, जिससे गंभीर मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराया जा सके. जयारोग्य अस्पताल के परिसर में दो मेडिकल स्टोर हैं, लेकिन यहां इंजेक्शन ही नहीं हैं. इसी तरह प्राइवेट में भी एक हॉस्पिटल को छोड़कर सब जगह से रेमडेसिविर नदारद है.

जबलपुर में 10 हजार तक में बिक रहा रेमडेसिविर इंजेक्शन

जबलपुर में भी कोरोना वायरस के मरीजों की तादाद लगातार बढ़ रही है. रेमडेसिविर इंजेक्शन की जबलपुर में भारी किल्लत चल रही है. अस्पतालों में इंजेक्शन की जमकर कालाबाजारी हो रही है. रेमडेसिविर का 700 रुपये का इंजेक्शन अस्पतालों में 10,000 रुपये तक में बेचा जा रहा है.

बाजार से नदारद रेमडेसिविर

तीन कंपनियां बना रहीं रेमडेसिविर इंजेक्शन

रेमडेसिविर इंजेक्शन को तीन कंपनियां बना रही हैं. इसमें एक कंपनी के इंजेक्शन की कीमत 900 रुपये है. दूसरी कंपनी इस इंजेक्शन को 4500 रुपये में बेच रही है. एक अन्य कंपनी इसे 5400 रुपये में बेच रही है. लेकिन अस्पतालों में 720 रुपये में मिलने वाला रेमडेसिविर इंजेक्शन ब्लैक में 10,000 रुपये तक में बेचा जा रहा है.

सप्लाई धीरे-धीरे सुधरेगी

दवा बाजार में फिलहाल एक ही दुकान पर यह इंजेक्शन उपलब्ध है. एक दुकान के सप्लायर का कहना है कि उन्होंने कंपनियों को डिमांड भेजी थी, जिसकी सप्लाई अभी ही हुई है. अब हर मरीज को जरूरत के हिसाब से दो-दो इंजेक्शन दिए जाएंगे. दुकानदार का कहना है कि इसकी किल्लत इसलिए हुई कि कोरोना वायरस का प्रभाव बीते दिनों कम हो गया था. कंपनियों ने उत्पादन कम कर दिया था अब धीरे-धीरे इसका उत्पादन बढ़ रहा है.

प्रशासन अब सतर्क

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी सरकारी अस्पतालों में है. सरकार के पास इसे खरीदने के लिए भी पैसा नहीं है. अब दोबारा इस इंजेक्शन को खरीदने के लिए सरकार तैयारी कर रही है. ड्रग इंस्पेक्टर और एसडीएम इसकी सप्लाई पर निगरानी रखे हुए हैं. अस्पताल के प्रेसक्रिप्शन और आधार कार्ड देखकर ही रेमडेसिविर इंजेक्शन दिया जा रहा है.

इंदौर में भी इंजेक्शन की कालाबाजारी जोरों पर

इंदौर में भी हालात कमोबेश ऐसे ही हैं. यहां 900 का इंजेक्शन 6000 तक में ब्लैक में बिक रहा है. ऐसे में जो गरीब मरीज 6000 खर्च कर पाने की स्थिति में नहीं है. वह रोते बिलखते अपने परिजनों को बचाने के लिए परेशान हो रहे हैं. इंदौर में जो तीन चार डीलर हैं, उनके पास भी स्टॉक नहीं है.

पढ़ें :- टेस्ट, ट्रैक एंड ट्रीट से तोड़ेंगे कोरोना की चेन : पीएम मोदी

दवा स्टॉकिस्ट भी बेबस

अब तक इंदौर में शांति मेडिकल पीपी इंटरप्राइजेज के अलावा अन्य दो दवा स्टॉकिस्ट के पास से रेमडेसिविर के इंजेक्शन की सप्लाई होती है. जिला प्रशासन अब सीधे अस्पतालों से ही ये इंजेक्शन खरीद रहा है. इससे मेडिकल की दुकानों पर इनका संकट गहरा गया है.

छिंदवाड़ा के बाजारों में खत्म हुआ रेमडेसिविर इंजेक्शन

छिंदवाड़ा में भी कोरोना बढ़ने से रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिमांड भी ज्यादा बढ़ गई है. वैसे इसकी कीमत 4800 रुपए है. लेकिन लोग कह रहे हैं कि डिमांड बढ़ने से ये 20 हजार से 30 हजार तक में बिक रहा है. फिर भी कुछ लोगों को रेमडेसिविर का इंजेक्शन नहीं मिल रहा है.

10 गुना पैसे देकर भी नहीं मिल रहा रेमडेसिविर इंजेक्शन

कोरोना पीड़ित के परिजन रेमडेसिविर इंजेक्शन 10 गुना ज्यादा दाम देकर भी खरीदने को तैयार हैं. लेकिन इसका इतना टोटा है, कि पूरे जिले में किसी भी दुकान में इंजेक्शन नहीं मिल रहा है. दुकानदारों का कहना है कि बढ़ती डिमांड को देखते हुए इंजेक्शन के लिए आर्डर दिया है. लेकिन उस अनुपात में सप्लाई नहीं हो रही है. इसी कारण ये ब्लैक में मिलने लगा है.

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