नागपुर : महाराष्ट्र विधान परिषद में सोमवार को उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सदस्य एकनाथ खडसे के उन आरोपों को खारिज कर दिया जिसके मुताबिक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक मंत्री ने 2017-18 में भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े एक परिवार के विवाह समारोह में हिस्सा लिया था.
फडणवीस ने आधारहीन आरोप लगाने के लिए खडसे से विधान परिषद में माफी मांगने की मांग की. उन्होंने कहा कि यह आरोप लगाए गए क्योंकि उद्धव ठाकरे सदन में मौजूद थे.
राकांपा के शरद पवार गुट के खडसे ने सदन में कैबिनेट मंत्री की एक शादी समारोह में शामिल होने की कथित तस्वीरें दिखाईं और आरोप लगाया कि यह परिवार 1993 के मुंबई सिलसिलेवार धमाके के मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम से जुड़ा है. विधान परिषद की सभापति नीलम गोरे ने निर्देश दिया कि मंत्री का नाम कार्यवाही से हटा दिया जाए. उन्होंने विपक्ष की चर्चा की मांग भी खारिज कर दी.
गृह विभाग का भी कार्यभार संभाल रहे फडणवीस ने कहा, 'संबंधित मंत्री और कई अन्य नेता और सरकारी अधिकारी नासिक शहर में एक प्रसिद्ध मुस्लिम धर्मगुरु जिन्हें शहर-ए-खातिब कहा जाता है के भतीजे की शादी में शामिल हुए थे.'
उन्होंने कहा, 'आरोप लगाया गया था कि दुल्हन के पिता के ससुराल वालों के परिवार की एक बेटी की शादी दाऊद इब्राहिम के एक भाई से हुई है. इनमें से किसी के खिलाफ कोई मामला नहीं है. 2017-18 में जांच दल ने साफ कहा है कि शहर-ए-खातिब का दाऊद से कोई लेना-देना नहीं है.'
फडणवीस ने उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (यूबीटी) पर निशाना साधते हुए कहा, 'जब सलीम (कुत्ता) (सुधाकर) बडगुजर के साथ था तो ऐसा सख्त रुख क्यों नहीं अपनाया? मैं इन आरोपों को खारिज करता हूं. इनका कोई (दाऊद से) संबंध नहीं है. उन्हें (खडसे को) सदन से माफी मांगनी चाहिए.'
बडगुजर शिवसेना (यूबीटी) की नासिक शहर इकाई के अध्यक्ष हैं. भाजपा विधायक नितेश राणे ने पिछले सप्ताह राज्य विधानसभा में एक तस्वीर प्रदर्शित की थी जिसमें दावा किया गया था कि बडगुजर ने एक पार्टी में दाऊद इब्राहिम के सहयोगी सलीम कुत्ता के साथ नृत्य किया था. इसके बाद उनके खिलाफ जांच की जा रही है.
इससे पहले दिन में, शिवसेना (शिंदे) गुट के विधायकों ने शिवसेना (यूबीटी) के खिलाफ नारे लगाए और कहा कि सलीम कुत्ता शिवसेना (यूबीटी) के नए नेता हैं. इस बीच, सत्तारूढ़ गठबंधन पर सदन में बोलने की अनुमति नहीं देने का आरोप लगाने के बाद विपक्षी सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन (वाकआउट) किया.
फडणवीस द्वारा सदन में मुद्दे पर बयान देने के बाद नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे और अन्य सदस्यों ने विरोध किया और नारे लगाए, जिसके कारण सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई. सदन की कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई तो दानवे ने कहा कि विपक्षी सदस्यों को बोलने की अनुमति नहीं दी जा रही है और उन्होंने विपक्षी सदस्यों के साथ सदन से बहिर्गमन किया.