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बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने की उत्तर बंगाल को अलग राज्य का दर्जा देने की वकालत

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी (Leader of opposition in West Bengal assembly Suvendu Adhikari) ने उत्तर बंगाल के लिए अलग राज्य की मांग का समर्थन किया है. इससे पहले उत्तर बंगाल के भाजपा विधायक शंकर घोष (BJP MLA from North Bengal Sankar Ghosh) ने भी उत्तर बंगाल को अलग राज्य बनाने की मांग की थी. पढ़िए पूरी खबर...

bjp leader Suvendu Adhikari
बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी (फाइल फोटो)
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Published : Apr 29, 2022, 10:49 PM IST

कोलकाता : उत्तर बंगाल के भाजपा विधायक शंकर घोष (BJP MLA from North Bengal Sankar Ghosh) द्वारा उत्तर बंगाल के लिए अलग राज्य की मांग के कुछ दिनों बाद पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी (Leader of opposition in West Bengal assembly Suvendu Adhikari) ने घोष की मांग का समर्थन किया है. शुभेंदु ने कहा कि उत्तर बंगाल के लिए एक अलग राज्य की आवाज मजबूत हो रही है क्योंकि राज्य के इस हिस्से में विकास नहीं हुआ है.

हालांकि अधिकारी ने अलग राज्य के मुद्दे पर कोई सीधी टिप्पणी नहीं की, लेकिन मीडिया से बात करते हुए कहा, 'राज्य में पूर्ण रूप से कोई विकास नहीं हुआ है और मैं राज्य के उत्तर बंगाल के लोगों के गुस्से और हताशा का समर्थन करता हूं.' राज्य सरकार पर कटाक्ष करते हुए उत्तर बंगाल के मोइनगुरी में नाबालिग बलात्कार पीड़िता से मिलने जा रहे भाजपा नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री अक्सर उत्तर बंगाल आती हैं और लोग कहते हैं कि वह छुट्टी पर आती हैं. राज्य के इस हिस्से में हजारों प्रवासी श्रमिक हैं और वे काम के लिए असम जाते हैं लेकिन बंगाल में काम नहीं मिलता है. इसलिए मेरा मानना ​​है कि उत्तर बंगाल के लोगों की हताशा जायज है.

उत्तर बंगाल के लिए अलग राज्य के मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अधिकारी ने कहा, यह संवेदनशील और नाजुक मामला है और मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता. पार्टी इस पर विचार करेगी और खड़ी होगी और एक बार नीति बन जाने के बाद ही मैं कोई टिप्पणी कर पाऊंगा. हालांकि उत्तर बंगाल को अलग राज्य का दर्जा देने की मांग कोई नई बात नहीं है. कई मौकों पर जॉन बारला ( John Barla) और निशीथ प्रमाणिक (Nisiith Pramanik) जैसे भाजपा नेताओं ने उत्तर बंगाल के लोगों के लिए एक अलग राज्य की पहचान की मांग की है, लेकिन राज्य नेतृत्व ने कभी इसका समर्थन नहीं किया.

ये भी पढ़ें - शुभेंदु ने जलपाईगुड़ी में लड़की की मौत की सीबीआई जांच की मांग की

वहीं भाजपा नेता दिलीप घोष या सुकांता मजूमदार जैसे राज्य के नेताओं ने हमेशा इस मुद्दे पर अपना बयान सुरक्षित रखते हुए फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व पर छोड़ दिया है. अधिकारी की टिप्पणियों का महत्व इसलिए है क्योंकि यह पहली बार है जब दक्षिण बंगाल के किसी नेता ने एक तरह से उत्तर बंगाल के लिए अलग राज्य की मांग का समर्थन किया है. वहीं कुछ दिन पहले सिलीगुड़ी के डबग्राम-फुलबारी के एक भाजपा विधायक ने राज्य सरकार के गर्मी की छुट्टी के लिए राज्य सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था, बहुत लंबे समय से कोविड महामारी की वजह से स्कूल बंद थे. अब, आखिरकार कक्षाएं शुरू हो गई हैं. ऐसे में अगर दक्षिण बंगाल में लू की स्थिति है तो उत्तर बंगाल के लोग क्यों पीड़ित हों, जहां मौसम मध्यम सुहावना है? यही कारण है कि लोग अलग उत्तर बंगाल राज्य चाहते हैं.

कोलकाता : उत्तर बंगाल के भाजपा विधायक शंकर घोष (BJP MLA from North Bengal Sankar Ghosh) द्वारा उत्तर बंगाल के लिए अलग राज्य की मांग के कुछ दिनों बाद पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी (Leader of opposition in West Bengal assembly Suvendu Adhikari) ने घोष की मांग का समर्थन किया है. शुभेंदु ने कहा कि उत्तर बंगाल के लिए एक अलग राज्य की आवाज मजबूत हो रही है क्योंकि राज्य के इस हिस्से में विकास नहीं हुआ है.

हालांकि अधिकारी ने अलग राज्य के मुद्दे पर कोई सीधी टिप्पणी नहीं की, लेकिन मीडिया से बात करते हुए कहा, 'राज्य में पूर्ण रूप से कोई विकास नहीं हुआ है और मैं राज्य के उत्तर बंगाल के लोगों के गुस्से और हताशा का समर्थन करता हूं.' राज्य सरकार पर कटाक्ष करते हुए उत्तर बंगाल के मोइनगुरी में नाबालिग बलात्कार पीड़िता से मिलने जा रहे भाजपा नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री अक्सर उत्तर बंगाल आती हैं और लोग कहते हैं कि वह छुट्टी पर आती हैं. राज्य के इस हिस्से में हजारों प्रवासी श्रमिक हैं और वे काम के लिए असम जाते हैं लेकिन बंगाल में काम नहीं मिलता है. इसलिए मेरा मानना ​​है कि उत्तर बंगाल के लोगों की हताशा जायज है.

उत्तर बंगाल के लिए अलग राज्य के मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अधिकारी ने कहा, यह संवेदनशील और नाजुक मामला है और मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता. पार्टी इस पर विचार करेगी और खड़ी होगी और एक बार नीति बन जाने के बाद ही मैं कोई टिप्पणी कर पाऊंगा. हालांकि उत्तर बंगाल को अलग राज्य का दर्जा देने की मांग कोई नई बात नहीं है. कई मौकों पर जॉन बारला ( John Barla) और निशीथ प्रमाणिक (Nisiith Pramanik) जैसे भाजपा नेताओं ने उत्तर बंगाल के लोगों के लिए एक अलग राज्य की पहचान की मांग की है, लेकिन राज्य नेतृत्व ने कभी इसका समर्थन नहीं किया.

ये भी पढ़ें - शुभेंदु ने जलपाईगुड़ी में लड़की की मौत की सीबीआई जांच की मांग की

वहीं भाजपा नेता दिलीप घोष या सुकांता मजूमदार जैसे राज्य के नेताओं ने हमेशा इस मुद्दे पर अपना बयान सुरक्षित रखते हुए फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व पर छोड़ दिया है. अधिकारी की टिप्पणियों का महत्व इसलिए है क्योंकि यह पहली बार है जब दक्षिण बंगाल के किसी नेता ने एक तरह से उत्तर बंगाल के लिए अलग राज्य की मांग का समर्थन किया है. वहीं कुछ दिन पहले सिलीगुड़ी के डबग्राम-फुलबारी के एक भाजपा विधायक ने राज्य सरकार के गर्मी की छुट्टी के लिए राज्य सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था, बहुत लंबे समय से कोविड महामारी की वजह से स्कूल बंद थे. अब, आखिरकार कक्षाएं शुरू हो गई हैं. ऐसे में अगर दक्षिण बंगाल में लू की स्थिति है तो उत्तर बंगाल के लोग क्यों पीड़ित हों, जहां मौसम मध्यम सुहावना है? यही कारण है कि लोग अलग उत्तर बंगाल राज्य चाहते हैं.

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