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किसान आंदोलन : सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा को समाधान की उम्मीद - committee formed by Supreme Court on farm laws

भारतीय जनता पार्टी ने कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी सबके हित में फैसला करेगी. हालांकि, किसान नेताओं ने यह आरोप लगाते हुए कमेटी के सामने में अपनी बात रखने से इनकार कर दिया है कि कमेटी के सभी सदस्य कृषि कानूनों के समर्थन कर चुके हैं, इसलिए उन्हें उन पर भरोसा नहीं है. पढ़िए, ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट...

भाजपा प्रवक्ता सुदेश वर्मा
भाजपा प्रवक्ता सुदेश वर्मा
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Published : Jan 12, 2021, 8:40 PM IST

नई दिल्ली : एक तरफ विपक्षी पार्टियां और किसान नेता सुप्रीम कोर्ट द्वारा कृषि कानूनों पर विवाद के समाधान के लिए बनाई गई कमेटी पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत किया है. भाजपा ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय का फैसला सर्वमान्य है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए भाजपा प्रवक्ता सुदेश वर्मा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को भारतीय जनता पार्टी स्वीकार करती है. उनका कहना है कि भाजपा ने हमेशा कोर्ट का सम्मान किया है और पार्टी की कोर्ट में आस्था है. उन्होंने कहा कि पार्टी उम्मीद करती है कि आंदोलन कर रहे किसान भी इस बात को समझेंगे और अपने घर वापस जाएंगे.

भाजपा प्रवक्ता सुदेश वर्मा का बयान.

वर्मा ने कहा कि भाजपा सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट के आने का इंतजार करेगी, क्योंकि सरकार किसानों के लिए है और किसानों के हित में सरकार ने बहुत सारे कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और सरकार चाहती है कि इस मसले का जल्दी हल निकले.

उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि किसान जिन बातों को लेकर उलझन में हैं, यह कमेटी उन बातों का समाधान निकालने में सफल होगी. भाजपा प्रदर्शनकारी किसानों और महिलाओं के अपने घर वापस जाने की पार्टी उम्मीद करती है.

भाजपा प्रवक्ता सुदेश वर्मा का कहना है कि अब यह किसान संस्थाओं और उनके नेताओं पर निर्भर करता है कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले को किस तरह से देखते हैं और इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी और सरकार सुप्रीम कोर्ट का हमेशा से सम्मान करती है और उम्मीद है कि वे भी फैसले को मानेंगे.

पढ़ें- कृषि कानून गतिरोध : समिति के सामने पेश होने से किसानों का इनकार

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी टीका टिप्पणी जारी है. किसान नेताओं का दो टूक कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के सदस्य पहले से ही सरकार के साथ हैं. ऐसे में किसानों को कमेटी के सदस्यों पर भरोसा नहीं, क्योंकि वे सरकार की ही बातें सुनेंगे.

वहीं, कुछ विपक्षी नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है.

फिलहाल, किसान नेता और सरकार भी अपने-अपने तरीके से सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मंथन कर रहे हैं और आने वाले दिनों में राजनीति किस करवट बैठेगी. यह अपने आप में काफी महत्वपूर्ण होगा.

नई दिल्ली : एक तरफ विपक्षी पार्टियां और किसान नेता सुप्रीम कोर्ट द्वारा कृषि कानूनों पर विवाद के समाधान के लिए बनाई गई कमेटी पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत किया है. भाजपा ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय का फैसला सर्वमान्य है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए भाजपा प्रवक्ता सुदेश वर्मा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को भारतीय जनता पार्टी स्वीकार करती है. उनका कहना है कि भाजपा ने हमेशा कोर्ट का सम्मान किया है और पार्टी की कोर्ट में आस्था है. उन्होंने कहा कि पार्टी उम्मीद करती है कि आंदोलन कर रहे किसान भी इस बात को समझेंगे और अपने घर वापस जाएंगे.

भाजपा प्रवक्ता सुदेश वर्मा का बयान.

वर्मा ने कहा कि भाजपा सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट के आने का इंतजार करेगी, क्योंकि सरकार किसानों के लिए है और किसानों के हित में सरकार ने बहुत सारे कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और सरकार चाहती है कि इस मसले का जल्दी हल निकले.

उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि किसान जिन बातों को लेकर उलझन में हैं, यह कमेटी उन बातों का समाधान निकालने में सफल होगी. भाजपा प्रदर्शनकारी किसानों और महिलाओं के अपने घर वापस जाने की पार्टी उम्मीद करती है.

भाजपा प्रवक्ता सुदेश वर्मा का कहना है कि अब यह किसान संस्थाओं और उनके नेताओं पर निर्भर करता है कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले को किस तरह से देखते हैं और इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी और सरकार सुप्रीम कोर्ट का हमेशा से सम्मान करती है और उम्मीद है कि वे भी फैसले को मानेंगे.

पढ़ें- कृषि कानून गतिरोध : समिति के सामने पेश होने से किसानों का इनकार

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी टीका टिप्पणी जारी है. किसान नेताओं का दो टूक कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के सदस्य पहले से ही सरकार के साथ हैं. ऐसे में किसानों को कमेटी के सदस्यों पर भरोसा नहीं, क्योंकि वे सरकार की ही बातें सुनेंगे.

वहीं, कुछ विपक्षी नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है.

फिलहाल, किसान नेता और सरकार भी अपने-अपने तरीके से सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मंथन कर रहे हैं और आने वाले दिनों में राजनीति किस करवट बैठेगी. यह अपने आप में काफी महत्वपूर्ण होगा.

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