उदयपुर : राजस्थान के उदयपुर में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद और आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी (Bhim Army Founder Chandershekhar and RLD Chief Jayant Chaudhary) को पुलिस ने डबोक एयरपोर्ट पर रविवार को रोक लिया. रोके जाने के बाद भीम आर्मी चीफ ने ट्वीट कर प्रदेश सरकार पर हमला बोला और मेघवाल हत्याकांड को लेकर सवाल किया.
ये दोनों नेता जितेंद्र मेघवाल हत्याकांड की न्याय की मांग को लेकर पाली जा रहे थे. ऐसे में शासन- प्रशासन को सूचना मिलने के बाद आनन-फानन में पुलिस के अधिकारी एयरपोर्ट पहुंचे. वहीं दोनों को रोके जाने की सूचना जैसे ही सोशल मीडिया के जरिए समर्थकों को पता चली वो बड़ी संख्या में एयरपोर्ट पहुंच गए. इस दौरान समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की.
पुलिस प्रशासन की समझाइश के बाद एयरपोर्ट के बाहर धरने पर बैठे समर्थक किसी तरह शांत हुए. इसके बाद 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को मुलाकात करने की अनुमति दी गई है. जितेंद्र मेघवाल के परिजनों के एयरपोर्ट पर आने की जानकारी भी सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि वे एयरपोर्ट पर जयंत चौधरी और चंद्रशेखर आजाद से मुलाकात करेंगे.
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वाह ! @ashokgehlot51 जी वाह ! उदयपुर एयरपोर्ट पर हमें रोकने के लिये जितनी पुलिस लगाई है उतनी अगर सामंतवाद खत्म करने में लगाई होती तो मूंछ रखने के कारण किसी जितेंद्र मेघवाल की हत्या ना होती। कितनी भी तानाशाही दिखा लो मांगे पूरी हुए बिना हम यहां से हिलने वाले नहीं। जय भीम, जय मंडल। pic.twitter.com/DRq1GA1rLc
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— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) April 3, 2022वाह ! @ashokgehlot51 जी वाह ! उदयपुर एयरपोर्ट पर हमें रोकने के लिये जितनी पुलिस लगाई है उतनी अगर सामंतवाद खत्म करने में लगाई होती तो मूंछ रखने के कारण किसी जितेंद्र मेघवाल की हत्या ना होती। कितनी भी तानाशाही दिखा लो मांगे पूरी हुए बिना हम यहां से हिलने वाले नहीं। जय भीम, जय मंडल। pic.twitter.com/DRq1GA1rLc
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) April 3, 2022
क्या लिखा ट्वीट में: चंद्रशेखर ने ट्वीट कर अपनी भड़ास निकाली. उन्होंने रोके जाने को तानाशाही रवैया करार दिया. लिखा- वाह ! अशोक गहलोत जी वाह ! उदयपुर एयरपोर्ट पर हमें रोकने के लिए जितनी पुलिस लगाई है उतनी अगर सामंतवाद खत्म करने में लगाई होती तो मूंछ रखने के कारण किसी जितेंद्र मेघवाल की हत्या ना होती. कितनी भी तानाशाही दिखा लो मांगे पूरी हुए बिना हम यहां से हिलने वाले नहीं.
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यह है पूरा मामला: जितेंद्र मेघवाल की 15 मार्च को दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी. पुलिस के अनुसार आपसी रंजिश के चलते जितेंद्र की हत्या की गई.जितेंद्र चिकित्सा विभाग में कोविड सहायक के पद पर कार्यरत था.वह ड्यूटी के बाद घर लौट रहा था, इसी बीच हमलावरों ने पीछे से वार किया.जिसमें वह घायल होकर गिर गया.उसके नीचे गिरने के बाद भी हमलावरों ने चाकू से कई जगहों पर वार किया. चाकू से कई वार होने के चलते जितेंद्र बुरी तरह घायल हो गया. सूचना पर आई पुलिस ने जितेंद्र को अस्पताल में भर्ती करवाया. हालांकि उसे बचाया नहीं जा सका. इस संबंध में राज्य सरकार आपदा प्रबन्धन एवं सहायता विभाग मंत्री गोविन्दराम मेघवाल, राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा और जिला कलेक्टर नमित मेहता द्वारा क्षेत्र का दौरा कर पीड़ित परिवार से संपर्क किया था.
मंत्री गोविंदराम मेघवाल एवं अनुसूचित जाति आयोग अध्यक्ष बैरवा से पीड़ित परिवार को विशेष आर्थिक सहायता प्रदान करवाए जाने के लिए मांग की गई थी. जिसके बाद पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता की मांग पर मुख्यमंत्री सहायता कोष से 5 लाख राशि स्वीकृति की गई. मुख्यमंत्री सहायता कोष के तहत स्वीकृत 5 लाख रुपये की राशि का चेक जिला कलेक्टर नमित मेहता द्वारा जारी करवाया और उपखण्ड अधिकारी बाली धाइगुडे स्नेहिल नाना ने पीड़ित परिवार से सम्पर्क कर चेक मृतक के पिता देवाराम को सौंपा था.
चंद्रशेखर-जयंत ने मदद का दिया आश्वासन : रविवार सुबह दोनों उदयपुर एयरपोर्ट पहुंचे थे. दोनों नेताओं को करीब 6 घंटे तक पुलिस ने डबोक एयरपोर्ट पर ही बैठाए रखा. इस दौरान पाली से उदयपुर एयरपोर्ट पहुंचे मृतक जितेंद्र मेघवाल के परिजनों से मुलाकात करवाई गई. परिजनों को ढांढस बांधते हुए चंद्रशेखर और जयंत ने पीड़ित परिवार को मदद का आश्वासन दिया.
परिजनों ने बताया कि पाली में धारा 144 लागू होने के कारण पुलिस ने दोनों को नहीं आने दिया. उदयपुर पुलिस ने दोनों को एयरपोर्ट से बाहर नहीं आने दिया. वहीं, दोपहर 3 बजे की फ्लाइट से उन्हें उदयपुर से दिल्ली रवाना कर दिया गया.