हैदराबाद : साल 2019 अपने अंतिम चरण में है, लेकिन इससे पहले कि हम 2019 को अलविदा कहें, आइए एक नजर डालते हैं, पिछले एक साल में हुई राजनीतिक, अदालती और सामाजिक घटनाओं पर.
राजनीतिक घटनाएं
साल 2019 राजनीति के मैदान में हुई सियासी उठा-पटक के लिए याद किया जाएगा. इस साल मई महीने में 17 वीं लोकसभा का गठन हुआ. आम चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी को ऐतिहासिक जनादेश मिला. 543 सदस्यीय लोकसभा में बीजेपी ने 303 सीटों पर जीत हासिल की. राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने महज 52 सीटें मिली.
2019 में तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव भी कराए गए. महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव एक साथ कराए गए. दोनों राज्यों में बीजेपी को सबसे ज्यादा सीटें मिली. हरियाणा बीजेपी ने जन नायक जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई में सरकार बनाई. हालांकि, महाराष्ट्र जबरदस्त राजनीतिक ड्रामे का गवाह बना, जब देवेन्द्र फडणवीस ने अचानक सीएम पद की शपथ ले ली. उनके साथ अजीत पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली.
इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और कोर्ट ने बहुमत परीक्षण का आदेश दिया. हालांकि, शक्ति परीक्षण से पहले ही फडणवीस और अजीत पवार ने इस्तीफा दे दिया. फडणवीस की सरकार गिरने के बाद शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच अप्रत्याशित गठबंधन हुआ. फिलहाल, महाराष्ट्र की राज्य सरकार उद्धव ठाकरे की अगुवाई में चल रही है.
ये भी पढ़ें : 2019 की सुर्खियों में छाया रहा NRC
कर्नाटक में भी खूब सियासी ड्रामेबाजी हुई. 17 विधायकों की नाराजगी के कारण कांग्रेस और जेडीएस की सरकार के अल्पमत में आ गई, और जुलाई महीने में मुख्यमंत्री कुमारस्वामी को इस्तीफा देना पड़ा. महज 14 महीनों में सरकार गिरने के बाद भाजपा ने 26 जुलाई को बीएस येदियुरप्पा की अगुवाई में सरकार बनाई. इसके बाद नवंबर महीने में सुप्रीम कोर्ट ने भी 15 विधायकों की अयोग्यता को सही ठहराया. बाद में 15 सीटों पर कराए गए उपचुनाव में 12 विधायकों ने बीजेपी की टिकट पर जीत हासिल की.
झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा में रघुवर दास पहली बार पांच वर्षों का कार्यकाल पूरा किया था. हालांकि, हाल ही में संपन्न हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा. हेमंत सोरेन की अगुवाई में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के गठबंधन ने 47 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया. भाजपा को महज 25 सीटों से संतोष करना पड़ा.
न्यायपालिका
साल 2019 अदालत के कई अहम फैसलों का भी गवाह बना, जिसमें अयोध्या भूमि विवाद का फैसला सर्वाधिक सुर्खियों में रहा. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की विशेष पीठ ने इस मामले में सर्वसम्मति से ऐतिहासिक फैसला सुनाया. 9 नवंबर को सुनाए गए फैसले से पहले इस केस में 40 दिनों तक लगातार सुनवाई की गई. सीजेआई रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हुए. इससे पहले उनकी अध्यक्षता वाली पीठ ने प्रधान न्यायाधीश के कार्यालय को सूचना का अधिकार कानून यानि RTI के तहत लाने का अहम फैसला भी सुनाया.
2019 में केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल के उम्र वर्ग की महिलाओं के प्रवेश से जुड़ी पुनर्विचार याचिका भी सुप्रीम कोर्ट पहुंची. 14 नवंबर को सीजेआई गोगोई की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने इस पर फैसला सुनाया. अब इस मामले पर सात सदस्यीय पीठ जनवरी, 2020 में सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य फैसले में दुष्कर्म के आरोपी अक्षय ठाकुर की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी. अक्षय को 16 दिसंबर, 2012 के निर्भया गैंगरेप-मर्डर केस में दोषी करार दिया गया है.
ये भी पढ़ें : 2019 की सुर्खियां : नागरिकता संशोधन कानून पर मचा संग्राम
महिला अपराध
महिलाओं के खिलाफ होने वाले जघन्य अपराध के दृष्टिकोण से साल 2019 में कई नकारात्मक सुर्खियां भी बनीं. उत्तर प्रदेश के उन्नाव का रेप कांड सबसे अधिक चर्चित रहा. इस केस में पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है.
उन्नाव के ही एक अन्य मामले में सामूहिक बलात्कार पीड़िता को जिंदा जलाने का मामला सुर्खियों में रहा. अदालत से जमानत मिलने के बाद पांच आरोपियों में से दो ने पीड़िता को जिंदा जला दिया. 90 फीसदी जल चुकी पीड़िता ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. पुलिस ने इस अपराध में शामिल सभी पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
महिलाओं के खिलाफ अपराध का एक अन्य मामला हैदराबाद से सामने आया, जहां 28 नवंबर को एक महिला पशु चिकित्सक की लाश बरामद की गई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मामले के चार आरोपियों ने पहले गैंगरेप किया गया और फिर पीड़िता को जलाकर मार दिया. इस केस में 6 दिसंबर के दिन चारों आरोपियों के एक मुठभेड़ में मारे जाने की खबर सामने आई.
हैदराबाद पुलिस के मुताबिक केस की जांच के दौरान चारों आरोपियों को घटनास्थल पर ले जाया गया था, जहां उन्होंने भागने की कोशिश की और पुलिस पर हमला भी किया था. पुलिस के मुताबिक जवाबी कार्रवाई में चारो आरोपी मारे गए.