नई दिल्ली : चीन फ्रंट लाइन पर मौजूद अपने सैनिकों को हर रोज रोटेट कर रहा है, जिसे देखकर ऐसा लगता है कि चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख क्षेत्र की कठोर सर्दियां झेलने में सक्षम नहीं हैं, जबकि इसके विपरीत भारतीय सैनिक समान स्थानों पर अधिक समय तक रह रहे हैं.
सूत्रों के अनुसार वास्तविक नियंत्रण रेखा आग्रिम चौकियों पर तैनात हमारे सैनिक चीनी की तुलना में अपने स्थानों पर अधिक समय तक टिके रहते हैं. उन्होंने कहा कि कठोर सर्दियों और सख्त तापमान ने चीनी सेना को अपने सैनिकों को दैनिक आधार पर रोटेट करने पर मजबूर कर दिया है.
सूत्रों ने कहा कि भारतीय सेना के पास मौसम से जूझने के मामले में अपने चीनी समकक्षों पर बढ़त हासिल है, क्योंकि सियाचिन ग्लेशियर या अन्य उच्च ऊंचाई वाले स्थानों सहित लद्दाख सेक्टर में वह पहले ही ड्यूटी कर चुके हैं.
सूत्रों ने कहा कि शीतकालीन प्रभाव ज्यादातर सामरिक ऊंचाइयों पर देखने को मिलेगा, जहां चीन ने अपने सैनिकों को भारतीय चौकियों के करीब तैनात किया है. भारतीय सैनिकों के वहां रहने के दौरान, चीन को हर दिन वहां से सैनिकों को रोटेट करते देखा जा सकता है.
बता दें कि चीन ने अप्रैल-मई में आक्रामकता दिखाते हुए पूर्वी लद्दाख सेक्टर में भारतीय सीमा की ओर लगभग 60,000 सैनिकों को तैनात कर दिया था, साथ ही टैंक और अन्य भारी हथियारों के साथ भारतीय क्षेत्र में प्रवेश किया और यहां कई स्थानों पर कब्जा कर लिया.
इसके बाद भारत ने चीन को जवाब देते हुए लगभग इसी संख्या में सैनिकों को तैनात किया, ताकि चीनियों के किसी भी दुस्साहस को रोका जा सके.
इस बीच, चीनी और भारतीय पक्ष की कोर कमांडर स्तर पर आठ दौर की बातचीत हो चुकी है.
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बता दें कि 15 जून को दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए थे, जिसके परिणामस्वरूप 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे और कई चीनी सैनिकों की भी मौत हो गई थी.
भारत चाहता है कि चीनी सेना पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर होने वाले विघटन से पहले फिंगर क्षेत्र जैसी पॉजिशन से हट जाए.