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गुजरात : जानें, क्यों कोरोना वायरस हॉटस्पॉट बन गया गांधीनगर - गांधीनगर कोरोना वायरस हॉटस्पॉट

गुजरात में कुल आठ मेट्रो शहर हैं. राजधानी गांधीनगर शहर छोटे से क्षेत्र में बसा हुआ है. गांधीनगर नगर निगम क्षेत्र में केवल तीन लाख लोग रहते हैं, फिर भी यह जिला कोरोना वायरस से संक्रमितों का संख्या के मामले में राज्य में चौथे स्थान पर है. गांधीनगर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से कोरोना संक्रमण के 259 मामले आए हैं और संक्रमण के कारण 17 लोगों की मौत हुई है. शहरी क्षेत्र से संक्रमण के 143 मामले सामने आए हैं और तीन लोगों की मौत हुई है. पढ़ें ईटीवी भारत की यह विशेष रिपोर्ट कि आखिर क्यों गुजरात की राजधानी कोरोना हॉटस्पॉट बन गई है...

gandhinagar covid 19 hotspot
प्रतीकात्मक फोटो
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Published : Jun 14, 2020, 8:53 PM IST

गांधीनगर : गुजरात की राजधानी गांधीनगर में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. शुरुआती दौर में शहर में सिर्फ 14 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित थे. यहां सबसे पहले दुबई से लौटे एक व्यक्ति को संक्रमित पाया गया था. उसके बाद से ही लोगों में मन में भय व्याप्त था.

आज भी यहां से हर रोज बड़ी संख्या में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले आ रहे हैं. इसका एक मुख्य कारण यह है कि यह शहर अहमदाबाद से जुड़ा हुआ है. गांधीनगर के सिविल अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल बना दिया गया है. इस अस्पताल में गांधीनगर, अहमदाबाद और अन्य जिलों से आए संक्रमितों का इलाज किया जा रहा है.

कोरोना वायरस के खिलाफ इस लड़ाई में सबसे पहली पंक्ति में स्वास्थ्यकर्मी, पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी और पत्रकार हैं. वे खुद इस माहामारी की चपेट में हैं.

18 मार्च को आया था पहला मामला
गत 18 मार्च को राजधानी के सेक्टर 29 के एक व्यक्ति को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था. वह व्यक्ति दुबई से लौटा था. उसके संपर्क में आने वाले 11 और लोग संक्रमित पाए गए थे. इसके बाद गांधीनगर को रेड जोन बना दिया गया था.

हालांकि, गांधीनगर और अहमदाबाद के बीच लोगों के आने की वजह से कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही थी.

गांधीनगर नगर निगम में विपक्ष के नेता शैलेंद्र सिंह बिहोला द्वारा मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को पत्र लिखे जाने के बाद, शहर की सीमाएं सील कर दी गई थीं.

पढ़ें-भारत में कोरोना : एक दिन में 311 की मौत, 24 घंटों में 11,929 नए मामले

गांधीनगर शहर कोरोना वायरस मुक्त हो गया. हालांकि, अहमदाबाद और गांधीनगर के बीच लोगों के नियमित आवागमन के कारण, राज्य की राजधानी में अचानक संक्रमितों की संख्या बढ़ गई.

इसके बाद केवल सीएच सड़क को खुला रखा गया. विभिन्न दिशाओं से गांधीनगर जाने वाली अन्य सभी सड़कों को बंद कर दिया गया.

पहली मौत गांधीनगर के सेक्टर 29 में हुई
सेक्टर 29 में दुबई से लौटे व्यक्ति के 82 वर्षीय दादा को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था. उन्हें गांधीनगर के सिविल अस्पताल भर्ती कराया गया था, वहीं उनकी मृत्यु हो गई थी.

कलेक्टर ने सख्त आदेश जारी किए
गांधीनगर में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या वृद्धि के बाद कलेक्टर ने दो बार सार्वजनिक अधिसूचना जारी की. पहली अधिसूचना में किराने का सामान और सब्जी की दुकानों सहित आवश्यक सेवाओं को जारी रखने की अनुमति दी गई थी. लगातार संक्रमितों की संख्या बढ़ने के कारण केवल मेडिकल स्टोर और दूध की दुकानों को छूट दी गई थी.

गांधीनगर में मामलों का विवरण
गांधीनगर, दाहगाम, मनासा और कलोल तालुकाओं में अब तक 259 लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है. इनमें से गांधीनगर तालुका से 101 मामले आए हैं और छह मौतें हुई हैं, दाहगाम से 32 मामले और पांच मौतें, मानसा से 26 मामले और एक मौत और कलोल से 100 मामले सामने आए हैं और पांच लोगों की मौत हुई है. गांधीनगर के नगरपालिका क्षेत्र से, 146 मामले आए हैं और चार मौतें हुई हैं.

गांधीनगर शहर के सभी सेक्टरों से कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले सामने आए हैं. सभी सेक्टरों से अब तक संक्रमण के 146 मामले आए हैं और चार मौतें हुई हैं. कुल 102 मरीजों को छुट्टी भी दी गई है.

प्रशासन ने की लापरवाही
गुजरात की राजधानी गांधीनगर में पेड़ों की संख्या सबसे अधिक है. यहां पर सबसे कम प्रदूषण है. आवासीय घरों के बीच पर्याप्त दूरी है. फिर भी यह शहर कोरोना संक्रमण का हॉटस्पॉट बन गया.

अगर अधिकारियों ने पर्याप्त सावधानी बरती होती तो संक्रमितों की संख्या इतनी ज्यादा न होती. राज्य सरकार ने भी राज्य सचिवालय को खोले रखा. राज्य सरकार हर रोज चार प्रेस कॉन्फ्रेंस किया करती थी.

स्वास्थ्य सचिव जयंती रवि पूर्वाह्न 10 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करती थीं, दोपहर दो बजे सीएमओ अश्विनी कुमार, अपराह्न 3.30 बजे पुलिस महानिदेशक और शाम 7.30 बजे जयंती रवि दोबारा प्रेस कॉन्फ्रेंस करती थीं. इस प्रकार इस डिजिटल युग में, चार प्रेस ब्रीफिंग आयोजित की जा रही थीं.

अहमदाबाद से अनगिनत लोग हर दिन अपने काम के लिए राज्य सचिवालय आते थे. इसके और राज्य प्रशासन की विफलता के कारण गांधीनगर कोरोना वायरस हॉटस्पॉट बन गया.

पढ़ें-गुजरात : गिर में 29 फीसद बढ़े एशियाई शेर, पीएम मोदी ने दी राज्यवासियों को बधाई

गांधीनगर : गुजरात की राजधानी गांधीनगर में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. शुरुआती दौर में शहर में सिर्फ 14 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित थे. यहां सबसे पहले दुबई से लौटे एक व्यक्ति को संक्रमित पाया गया था. उसके बाद से ही लोगों में मन में भय व्याप्त था.

आज भी यहां से हर रोज बड़ी संख्या में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले आ रहे हैं. इसका एक मुख्य कारण यह है कि यह शहर अहमदाबाद से जुड़ा हुआ है. गांधीनगर के सिविल अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल बना दिया गया है. इस अस्पताल में गांधीनगर, अहमदाबाद और अन्य जिलों से आए संक्रमितों का इलाज किया जा रहा है.

कोरोना वायरस के खिलाफ इस लड़ाई में सबसे पहली पंक्ति में स्वास्थ्यकर्मी, पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी और पत्रकार हैं. वे खुद इस माहामारी की चपेट में हैं.

18 मार्च को आया था पहला मामला
गत 18 मार्च को राजधानी के सेक्टर 29 के एक व्यक्ति को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था. वह व्यक्ति दुबई से लौटा था. उसके संपर्क में आने वाले 11 और लोग संक्रमित पाए गए थे. इसके बाद गांधीनगर को रेड जोन बना दिया गया था.

हालांकि, गांधीनगर और अहमदाबाद के बीच लोगों के आने की वजह से कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही थी.

गांधीनगर नगर निगम में विपक्ष के नेता शैलेंद्र सिंह बिहोला द्वारा मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को पत्र लिखे जाने के बाद, शहर की सीमाएं सील कर दी गई थीं.

पढ़ें-भारत में कोरोना : एक दिन में 311 की मौत, 24 घंटों में 11,929 नए मामले

गांधीनगर शहर कोरोना वायरस मुक्त हो गया. हालांकि, अहमदाबाद और गांधीनगर के बीच लोगों के नियमित आवागमन के कारण, राज्य की राजधानी में अचानक संक्रमितों की संख्या बढ़ गई.

इसके बाद केवल सीएच सड़क को खुला रखा गया. विभिन्न दिशाओं से गांधीनगर जाने वाली अन्य सभी सड़कों को बंद कर दिया गया.

पहली मौत गांधीनगर के सेक्टर 29 में हुई
सेक्टर 29 में दुबई से लौटे व्यक्ति के 82 वर्षीय दादा को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था. उन्हें गांधीनगर के सिविल अस्पताल भर्ती कराया गया था, वहीं उनकी मृत्यु हो गई थी.

कलेक्टर ने सख्त आदेश जारी किए
गांधीनगर में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या वृद्धि के बाद कलेक्टर ने दो बार सार्वजनिक अधिसूचना जारी की. पहली अधिसूचना में किराने का सामान और सब्जी की दुकानों सहित आवश्यक सेवाओं को जारी रखने की अनुमति दी गई थी. लगातार संक्रमितों की संख्या बढ़ने के कारण केवल मेडिकल स्टोर और दूध की दुकानों को छूट दी गई थी.

गांधीनगर में मामलों का विवरण
गांधीनगर, दाहगाम, मनासा और कलोल तालुकाओं में अब तक 259 लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है. इनमें से गांधीनगर तालुका से 101 मामले आए हैं और छह मौतें हुई हैं, दाहगाम से 32 मामले और पांच मौतें, मानसा से 26 मामले और एक मौत और कलोल से 100 मामले सामने आए हैं और पांच लोगों की मौत हुई है. गांधीनगर के नगरपालिका क्षेत्र से, 146 मामले आए हैं और चार मौतें हुई हैं.

गांधीनगर शहर के सभी सेक्टरों से कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले सामने आए हैं. सभी सेक्टरों से अब तक संक्रमण के 146 मामले आए हैं और चार मौतें हुई हैं. कुल 102 मरीजों को छुट्टी भी दी गई है.

प्रशासन ने की लापरवाही
गुजरात की राजधानी गांधीनगर में पेड़ों की संख्या सबसे अधिक है. यहां पर सबसे कम प्रदूषण है. आवासीय घरों के बीच पर्याप्त दूरी है. फिर भी यह शहर कोरोना संक्रमण का हॉटस्पॉट बन गया.

अगर अधिकारियों ने पर्याप्त सावधानी बरती होती तो संक्रमितों की संख्या इतनी ज्यादा न होती. राज्य सरकार ने भी राज्य सचिवालय को खोले रखा. राज्य सरकार हर रोज चार प्रेस कॉन्फ्रेंस किया करती थी.

स्वास्थ्य सचिव जयंती रवि पूर्वाह्न 10 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करती थीं, दोपहर दो बजे सीएमओ अश्विनी कुमार, अपराह्न 3.30 बजे पुलिस महानिदेशक और शाम 7.30 बजे जयंती रवि दोबारा प्रेस कॉन्फ्रेंस करती थीं. इस प्रकार इस डिजिटल युग में, चार प्रेस ब्रीफिंग आयोजित की जा रही थीं.

अहमदाबाद से अनगिनत लोग हर दिन अपने काम के लिए राज्य सचिवालय आते थे. इसके और राज्य प्रशासन की विफलता के कारण गांधीनगर कोरोना वायरस हॉटस्पॉट बन गया.

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