ETV Bharat / bharat

अध्यादेश से कृषि में सुधार, किसानों का बढ़ेगा मुनाफा : सरदाना

कृषि अर्थशास्त्री विजय सरदाना ने तीन कृषि अध्यादेशों पर ईटीवी भारत से अपनी राय साझा की है. विजय सरदाना का कहना है कि भारत सरकार ने जो तीन अध्यादेश को कृषि क्षेत्र के लिए सदन में रखा है उनका उद्देश्य कृषि को सुधारना है, ताकि इस देश के किसानों को सही दाम मिले.

author img

By

Published : Sep 16, 2020, 8:15 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 8:43 PM IST

vijay sardana
विजय सरदाना

नई दिल्ली : तीन कृषि अध्यदेशों को संसद में रखा जा चुका है लेकिन विपक्ष और किसान संगठन इसके विरोध में एकजुट हो गए हैं और अध्यादेश को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. कृषि अध्यदेशों पर आम अवधारणा किसानों के बीच यह है कि इससे केवल प्राइवेट कंपनियों का फायदा होगा और किसानों की मदद के लिए सरकार हस्तक्षेप नहीं करेगी, हालांकि विशेषज्ञ इसके उलट राय रखते हैं और अध्यदेशों को सकारात्मक कदम बता रहे हैं.

ईटीवी भारत से विजय सरदाना ने की खास बातचीत.

कृषि अर्थशास्त्री विजय सरदाना ने तीन कृषि अध्यदेशों पर ईटीवी भारत से अपनी राय साझा की है. विजय सरदाना का कहना है कि भारत सरकार ने जो तीन अध्यादेश को कृषि क्षेत्र के लिए सदन में रखा जा चुका है उनका उद्देश्य कृषि को सुधारना है. ताकि इस देश के किसानों को सही दाम मिले और आज तक किसान जो चाहते थे कि हमें बाजार में स्वतंत्रता हो उसका मार्गदर्शन इससे मिलेगा और आने वाले समय में जो निवेश की जरूरत थी कृषि क्षेत्र में जो नहीं हो पा रहा था इन तीनों अध्यादेशों से नई टेक्नोलॉजी आएगी, इंफ्रास्ट्रक्चर का काम होगा, एक्सटेंशन सर्विसेज मजबूत होंगी और बहुत सारा निवेश ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आएगा. यह तीनों अध्यादेश बहुत महत्वपूर्ण हैं. किसान जिससे व्यापार कर सकते हैं.

किसान किस बात को ले कर विरोध कर रहे हैं?
ऐसा अक्सर होता है कि जब भी आप कोई बड़ा कदम उठाते हैं तो उसमें क्रेडिट लेने ही होड़ लग जाती है. इस समय सरकार ने जो निर्णय लिया है वो खेती के हित में है. किसानों के हित में है, राष्ट्र की अर्थव्यवस्था के हित में है. जहां तक किसानों के विरोध की बात है और यह कहना कि उनसे पूछा नहीं गया. आप पिछले कई दशकों से देखें तो किसानों की क्या मांग रही थी? हर किसान यही कहता था कि हमें बिचौलियों से मुक्त करो, हमें अपने फसलों को बेचने का अधिकार दो, हमें अपने फसल के दाम तय करने का अधिकार दो. यह आज की बात नहीं है बल्कि लंबे समय से किसानों की मांग रही थी.

आज जब किसानों के लिए सरकार ने यह निर्णय ले लिए किसानों की मांगों के आधार पर तो अब ये बात कहां से उठती है कि किसानों से पूछा नहीं गया? मुझे लगता है कि इसके पीछे राजनीति है. इसके पीछे कोई तथ्य नहीं है, इसलिये हमें इस बात को समझना होगा कि जो लोग इस बात से घबड़ा गए हैं कि सरकार के इस कदम से उनकी राजनीति छिन जाएगी, उनका विरोध है यह किसानों का विरोध नहीं है. यह विरोध प्रदर्शन केवल कुछ राज्यों और जगहों पर हो रहे हैं और कोई देशव्यापी प्रोटेस्ट नहीं है. यह प्रोटेस्ट व्यापारियों द्वारा आयोजित कराए जा रहे हैं किसानों के नाम पर, किसान बहुत खुश हैं.

पढ़ें: संसद में पेश कृषि विधेयक सरकार का किसान विरोधी षड्यंत्र

नये कानून आने से किसका फायदा होगा?
इकॉनमी रिवाइवल की बात करते हैं जब भी आप आर्थिक स्वतंत्रता की बात करते हैं तो जो लोग भी उसमें शामिल होते हैं सबका फायदा है. आज किसान चाहे अपना ग्राहक खुद ढूंढ सकता है, व्यापारी को देना है व्यापारी को दे, पुरानी APMC मंडी में बेचना चाहे तो वो अभी भी चालू है. आप किसी कंपनी से अग्रिम अनुबंध कर सकते हैं. आप निर्यातक से जुड़ सकते हैं. किसान चाहे तो अपना कोऑपरेटिव या एफपीओ बना कर भी व्यापार कर सकते हैं. इन तीन अध्यादेशों ने पूरी स्वतंत्रता और आजादी किसानों को दे दी है. इसमें किसी भी तरह से किसी का नुकसान नहीं है.

नई दिल्ली : तीन कृषि अध्यदेशों को संसद में रखा जा चुका है लेकिन विपक्ष और किसान संगठन इसके विरोध में एकजुट हो गए हैं और अध्यादेश को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. कृषि अध्यदेशों पर आम अवधारणा किसानों के बीच यह है कि इससे केवल प्राइवेट कंपनियों का फायदा होगा और किसानों की मदद के लिए सरकार हस्तक्षेप नहीं करेगी, हालांकि विशेषज्ञ इसके उलट राय रखते हैं और अध्यदेशों को सकारात्मक कदम बता रहे हैं.

ईटीवी भारत से विजय सरदाना ने की खास बातचीत.

कृषि अर्थशास्त्री विजय सरदाना ने तीन कृषि अध्यदेशों पर ईटीवी भारत से अपनी राय साझा की है. विजय सरदाना का कहना है कि भारत सरकार ने जो तीन अध्यादेश को कृषि क्षेत्र के लिए सदन में रखा जा चुका है उनका उद्देश्य कृषि को सुधारना है. ताकि इस देश के किसानों को सही दाम मिले और आज तक किसान जो चाहते थे कि हमें बाजार में स्वतंत्रता हो उसका मार्गदर्शन इससे मिलेगा और आने वाले समय में जो निवेश की जरूरत थी कृषि क्षेत्र में जो नहीं हो पा रहा था इन तीनों अध्यादेशों से नई टेक्नोलॉजी आएगी, इंफ्रास्ट्रक्चर का काम होगा, एक्सटेंशन सर्विसेज मजबूत होंगी और बहुत सारा निवेश ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आएगा. यह तीनों अध्यादेश बहुत महत्वपूर्ण हैं. किसान जिससे व्यापार कर सकते हैं.

किसान किस बात को ले कर विरोध कर रहे हैं?
ऐसा अक्सर होता है कि जब भी आप कोई बड़ा कदम उठाते हैं तो उसमें क्रेडिट लेने ही होड़ लग जाती है. इस समय सरकार ने जो निर्णय लिया है वो खेती के हित में है. किसानों के हित में है, राष्ट्र की अर्थव्यवस्था के हित में है. जहां तक किसानों के विरोध की बात है और यह कहना कि उनसे पूछा नहीं गया. आप पिछले कई दशकों से देखें तो किसानों की क्या मांग रही थी? हर किसान यही कहता था कि हमें बिचौलियों से मुक्त करो, हमें अपने फसलों को बेचने का अधिकार दो, हमें अपने फसल के दाम तय करने का अधिकार दो. यह आज की बात नहीं है बल्कि लंबे समय से किसानों की मांग रही थी.

आज जब किसानों के लिए सरकार ने यह निर्णय ले लिए किसानों की मांगों के आधार पर तो अब ये बात कहां से उठती है कि किसानों से पूछा नहीं गया? मुझे लगता है कि इसके पीछे राजनीति है. इसके पीछे कोई तथ्य नहीं है, इसलिये हमें इस बात को समझना होगा कि जो लोग इस बात से घबड़ा गए हैं कि सरकार के इस कदम से उनकी राजनीति छिन जाएगी, उनका विरोध है यह किसानों का विरोध नहीं है. यह विरोध प्रदर्शन केवल कुछ राज्यों और जगहों पर हो रहे हैं और कोई देशव्यापी प्रोटेस्ट नहीं है. यह प्रोटेस्ट व्यापारियों द्वारा आयोजित कराए जा रहे हैं किसानों के नाम पर, किसान बहुत खुश हैं.

पढ़ें: संसद में पेश कृषि विधेयक सरकार का किसान विरोधी षड्यंत्र

नये कानून आने से किसका फायदा होगा?
इकॉनमी रिवाइवल की बात करते हैं जब भी आप आर्थिक स्वतंत्रता की बात करते हैं तो जो लोग भी उसमें शामिल होते हैं सबका फायदा है. आज किसान चाहे अपना ग्राहक खुद ढूंढ सकता है, व्यापारी को देना है व्यापारी को दे, पुरानी APMC मंडी में बेचना चाहे तो वो अभी भी चालू है. आप किसी कंपनी से अग्रिम अनुबंध कर सकते हैं. आप निर्यातक से जुड़ सकते हैं. किसान चाहे तो अपना कोऑपरेटिव या एफपीओ बना कर भी व्यापार कर सकते हैं. इन तीन अध्यादेशों ने पूरी स्वतंत्रता और आजादी किसानों को दे दी है. इसमें किसी भी तरह से किसी का नुकसान नहीं है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 8:43 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.