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हमारा पूरा ध्यान राम मंदिर निर्माण पर केंद्रित - विहिप

अयोध्या मसले पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने मीडिया से कहा कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार औपचारिकताओं को पूरा कर मंदिर निर्माण का काम शुरू कराए.

मीडिया को संबोधित करते आलोक कुमार
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Published : Nov 9, 2019, 5:49 PM IST

नई दिल्ली : विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने अयोध्या विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को ऐतिहासिक करार दिया है और इसका स्वगत करते हुए कहा कि राम मंदिर की कहानी अभी खत्म नहीं हुई है, अभी तो बस शुरुआत हुई है.

सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में केंद्र सरकार से अपील की कि वह जल्द से जल्द सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार औपचारिकताओं को पूरा कर मंदिर निर्माण का काम शुरू कराए.

मीडिया को संबोधित करते विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार.

विहिप कार्याध्यक्ष ने काशी और मथुरा को लेकर कहा कि राम मंदिर की कहानी अभी खत्म नहीं हुई है, अभी तो बस शुरुआत हुई है और विहिप अन्य जनजागरण के कार्यों में भी व्यस्त है. उन्होंने कहा, 'फिलहाल हमारा पूरा ध्यान राम मंदिर निर्माण पर केंद्रित है.'

पढ़ें - अयोध्या फैसला : वकीलों से समझें सुप्रीम कोर्ट का फैसला

कुमार ने कहा कि सिर्फ राम मंदिर आंदोलन के लिए विहिप बनी, ऐसा नहीं है. 1964 में विहिप का गठन हुआ और 1984 में विहिप ने अशोक सिंघल के नेतृत्व में राम जन्मभूमि आंदोलन की जिम्मेदारी ली. इसके अलावा आज विहिप देशभर में एक लाख से ज्यादा एकल विद्यालय चला रही है और कई जान जागरण के कामों में उसकी सहभागिता रहती है. ये काम आगे भी जारी रहेगा.

नई दिल्ली : विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने अयोध्या विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को ऐतिहासिक करार दिया है और इसका स्वगत करते हुए कहा कि राम मंदिर की कहानी अभी खत्म नहीं हुई है, अभी तो बस शुरुआत हुई है.

सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में केंद्र सरकार से अपील की कि वह जल्द से जल्द सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार औपचारिकताओं को पूरा कर मंदिर निर्माण का काम शुरू कराए.

मीडिया को संबोधित करते विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार.

विहिप कार्याध्यक्ष ने काशी और मथुरा को लेकर कहा कि राम मंदिर की कहानी अभी खत्म नहीं हुई है, अभी तो बस शुरुआत हुई है और विहिप अन्य जनजागरण के कार्यों में भी व्यस्त है. उन्होंने कहा, 'फिलहाल हमारा पूरा ध्यान राम मंदिर निर्माण पर केंद्रित है.'

पढ़ें - अयोध्या फैसला : वकीलों से समझें सुप्रीम कोर्ट का फैसला

कुमार ने कहा कि सिर्फ राम मंदिर आंदोलन के लिए विहिप बनी, ऐसा नहीं है. 1964 में विहिप का गठन हुआ और 1984 में विहिप ने अशोक सिंघल के नेतृत्व में राम जन्मभूमि आंदोलन की जिम्मेदारी ली. इसके अलावा आज विहिप देशभर में एक लाख से ज्यादा एकल विद्यालय चला रही है और कई जान जागरण के कामों में उसकी सहभागिता रहती है. ये काम आगे भी जारी रहेगा.

Intro:अयोध्या विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए विश्व हिन्दू परिषद ने इसका स्वागत किया है और दशकों तक चले आंदोलन में सहभागी हुए सभी कार्यकर्ताओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की है । लेकिन इसके साथ ही विहिप ने ये भी स्पष्ट कर दिया है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करवाना उनका काम नहीं है । सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद आज विहिप के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने मीडिया से बातचीत में बताया कि मंदिर निर्माण का काम राम मंदिर न्यास करेगा या सरकार द्वारा जो ट्रस्ट का गठन होगा वो इस पर निर्णय लेंगे लेकिन मंदिर निर्माण का कार्य विहिप नहीं करेगा ।
विश्व हिन्दू परिषद को राम मंदिर आंदोलन का पर्याय माना जाता रहा है ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद यह आंदोलन भी अब समापन पर पहुँच गया है । ऐसे में सवाल ये भी है कि अब विश्व हिन्दू परिषद का भविष्य क्या होगा ? इस सवाल के जवाब में विहिप कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि सिर्फ राम मंदिर आंदोलन के लिये विहिप बनी ऐसा नहीं है । 1964 में विहिप का गठन हुआ और 1984 में विहिप ने अशोक सिंघल के नेतृत्व में राम जन्मभूमि आंदोलन की जिम्मेदारी ली इसके अलावा आज विहिप देश भर में एक लाख से ज्यादा एकल विद्यालय चला रही है और कई जान जागरण के कामों में विहिप की सहभागिता रहती है । ये काम आगे भी जारी रहेगा ।
विश्व हिन्दू परिषद ने केन्द्र सरकार से भी अपील की है कि वो जल्द से जल्द सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार औपचारिकताओं को पूरा कर मंदिर निर्माण कार्य का काम शुरू कराए ।


Body:मथुरा-काशी के लिये फुर्सत नहीं
राम मंदिर आंदोलन के बाद क्या अब विहिप मथुरा और काशी में विवादित स्थल के लिये कोई आंदोलन शुरू कर सकती है ? इस सवाल के जवाब में विहिप कार्याध्यक्ष ने कहा कि राम मंदिर की कहानी अभी खत्म नहीं हुई है, अभी तो बस शुरुआत हुई है । और विहिप अन्य जनजागरण के कार्यों में भी व्यस्त है । ऐसे में अभी किसी अन्य काम के लिये फुर्सत नहीं है ।
निर्णय के स्वागत के साथ साथ विहिप ने अपील की है कि जाहिर तौर पर हिन्दू समाज में एक हर्ष का माहौल है लेकिन हर्ष को आक्रामकता में नहीं बदलना चाहिये और आपसी सौहार्द बरकरार रहना चाहिये । आलोक कुमार ने ये भी स्पष्ट किया है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को किसी के पराजय के रूप में नहीं देखा जाना चाहिये ।


Conclusion:ऐसा माना जा रहा था कि अयोध्या निर्णय को हिन्दू पक्ष में आने के बाद अब आगे मथुरा-काशी की बात छेड़ी जा सकती है और इसके लिये भी कोई नये आंदोलन की शुरुआत का संकेत विश्व हिन्दू परिषद देगी । लेकिन विहिप ने स्पष्ट किया है कि अभी उनके एजेंडा में ये विषय नहीं है और उनकी सबसे पहली प्राथमिकता राम मंदिर निर्माण जल्द से जल्द होना ही है ।
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