नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति प्रोफेसर नज़मा अख्तर ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान उन्होंने जामिया के अकादमिक और अनुसंधान स्तर को सुधारने के लिए उनकी तरफ से की जा रही सभी कोशिशों के बारे में बताया.
'राष्ट्रपति के सुझावों की सराहना की'
वहीं इस मुलाकात को लेकर प्रोफेसर नज़मा अख्तर का कहना है कि राष्ट्रपति जामिया के प्रति सहानुभूति रखते हैं इसलिए उन्होंने जामिया को और भी बुलंदियों तक पहुंचाने के लिए कई अहम सुझाव भी दिए. प्रोफेसर नजमा ने राष्ट्रपति के सुझावों की सराहना की.
बता दें कि प्रोफेसर नज़मा ने इस साल होने वाले जामिया के दीक्षांत समारोह में आने के लिए राष्ट्रपति को आमंत्रित भी किया है.
कुलपति ने राष्ट्रपति से की स्पेशल ग्रांट की मांग
वहीं जामिया के स्तर को बढ़ाने के लिए उन्होंने राष्ट्रपति से स्पेशल ग्रांट की भी गुजारिश की. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति को विश्वविद्यालय में अगले साल 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले समारोह और बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए स्पेशल ग्रांट देने की गुजारिश की गई. जिस पर राष्ट्रपति ने सकारात्मक रुख दिखाया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने एमएचआरडी के नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) में 12वां स्थान हासिल करने पर जामिया को बधाई दी और खुशी जताई. प्रोफेसर नजमा का कहना है कि राष्ट्रपति के साथ उनकी मुलाकात बहुत ही उत्साहवर्धक और सकारात्मक रही.
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दूसरे मुल्कों से दोस्ताना रिश्ते बढ़ाने की सलाह
वहीं राष्ट्रपति से हुई मुलाकात को लेकर कुलपति नज़मा अख्तर ने कहा कि जामिया में विदेशी छात्रों की बढ़ती तादाद को लेकर कुलपति द्वारा की जा रही कोशिशों की राष्ट्रपति ने सराहना की. साथ ही यह सलाह भी दी कि वह दूसरे मुल्कों की राजदूतों को कॉलेज में आमंत्रित करें. जिससे दूसरे मुल्कों और भारत के बीच दोस्ताना रिश्ते बढ़ सकें और विदेशी छात्र भी जामिया में दाखिला लेने के लिए आकर्षित हो सकें.
वहीं, प्रोफेसर नज़मा ने बताया कि जामिया मिलिया में विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए विश्वविद्यालय ने एक ब्रोशर तैयार किया है. जिसकी हार्ड और सॉफ्ट कॉपी हाल ही में जारी कर दी गई है. इस ब्रोशर में जामिया विश्वविद्यालय का इतिहास, उसके द्वारा प्राप्त की गई उपलब्धियां और विश्वविद्यालय द्वारा दी जा रही सभी सुविधाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है. साथ ही यह ब्रॉशर अलग-अलग मुल्कों में भारतीय डिप्लोमेटिक मिशन को भेज दिए गए हैं. जिससे विदेशी छात्रों को भी जामिया से संबंधित सभी जानकारी मिल सके और वह इस विश्वविद्यालय में दाखिला लेने के लिए आकर्षित हो सकें.