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वरवरा राव 14 दिसंबर तक अस्पताल में ही रहेंगे : अदालत

कवि-कार्यकर्ता वरवरा राव की हालत में सुधार आया है. हालांकि, 14 दिसंबर तक वह अस्पताल में ही भर्ती रहेंगे.

वरवर राव
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Published : Dec 3, 2020, 9:30 PM IST

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि एल्गार परिषद-माओवादियों के बीच कथित जुड़ाव के मामले में गिरफ्तार कवि-कार्यकर्ता वरवरा राव की हालत कुछ ठीक हुई है, लेकिन वह 14 दिसंबर तक निजी अस्पताल में ही रहेंगे.

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की पीठ ने नानावती अस्पताल द्वारा सौंपी गई एक चिकित्सा रिपोर्ट पर गौर किया. इसी अस्पताल में राव को 18 नवंबर को भर्ती कराया गया था.

अदालत ने कहा, हालत कुछ बेहतर हुई है. राव 14 दिसंबर तक वहीं भर्ती रहेंगे.

उच्च न्यायालय चिकित्सा आधार पर राव को जमानत देने का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर 14 दिसंबर को सुनवाई करेगा. राव की पत्नी हेमलता ने भी एक याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने राव को उपचार के लिए जेल से अस्पताल भेजने का निर्देश देने का अनुरोध किया था.

उच्च न्यायालय ने 18 नवंबर को कहा था कि राव 81 साल के हैं और पहले से कुछ रोगों से ग्रस्त हैं. कोविड-19 संक्रमण से उबरने के बाद उन्हें उपचार की जरूरत है.

अदालत की टिप्पणी के बाद महाराष्ट्र सरकार 18 नवंबर को राव को नवी मुंबई में तलोजा जेल से नानावती अस्पताल भेजने तथा उनके इलाज का खर्च भी उठाने पर सहमत हो गई थी.

पढ़ें :- एल्गार परिषद माओवादी मामले के आरोपी वरवर राव को प्राइवेट अस्पताल भेजा गया

उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि याचिकाकर्ताओं के साथ, मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के वकीलों को चिकित्सा रिपोर्ट को देखना चाहिए. अदालत अब मामले पर 14 दिसंबर को सुनवाई करेगी.

राव 16 जुलाई को कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे और उन्हें नानावती अस्पताल भेजा गया था. उन्हें 30 जुलाई को छुट्टी दे दी गई और वापस जेल भेज दिया गया.

पुणे में 31 दिसंबर 2017 को एल्गार परिषद के सम्मेलन के बाद माओवादियों से जुड़ाव के आरोप में राव तथा वामपंथी रूझान वाले कुछ अन्य कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था.

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि एल्गार परिषद-माओवादियों के बीच कथित जुड़ाव के मामले में गिरफ्तार कवि-कार्यकर्ता वरवरा राव की हालत कुछ ठीक हुई है, लेकिन वह 14 दिसंबर तक निजी अस्पताल में ही रहेंगे.

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की पीठ ने नानावती अस्पताल द्वारा सौंपी गई एक चिकित्सा रिपोर्ट पर गौर किया. इसी अस्पताल में राव को 18 नवंबर को भर्ती कराया गया था.

अदालत ने कहा, हालत कुछ बेहतर हुई है. राव 14 दिसंबर तक वहीं भर्ती रहेंगे.

उच्च न्यायालय चिकित्सा आधार पर राव को जमानत देने का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर 14 दिसंबर को सुनवाई करेगा. राव की पत्नी हेमलता ने भी एक याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने राव को उपचार के लिए जेल से अस्पताल भेजने का निर्देश देने का अनुरोध किया था.

उच्च न्यायालय ने 18 नवंबर को कहा था कि राव 81 साल के हैं और पहले से कुछ रोगों से ग्रस्त हैं. कोविड-19 संक्रमण से उबरने के बाद उन्हें उपचार की जरूरत है.

अदालत की टिप्पणी के बाद महाराष्ट्र सरकार 18 नवंबर को राव को नवी मुंबई में तलोजा जेल से नानावती अस्पताल भेजने तथा उनके इलाज का खर्च भी उठाने पर सहमत हो गई थी.

पढ़ें :- एल्गार परिषद माओवादी मामले के आरोपी वरवर राव को प्राइवेट अस्पताल भेजा गया

उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि याचिकाकर्ताओं के साथ, मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के वकीलों को चिकित्सा रिपोर्ट को देखना चाहिए. अदालत अब मामले पर 14 दिसंबर को सुनवाई करेगी.

राव 16 जुलाई को कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे और उन्हें नानावती अस्पताल भेजा गया था. उन्हें 30 जुलाई को छुट्टी दे दी गई और वापस जेल भेज दिया गया.

पुणे में 31 दिसंबर 2017 को एल्गार परिषद के सम्मेलन के बाद माओवादियों से जुड़ाव के आरोप में राव तथा वामपंथी रूझान वाले कुछ अन्य कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था.

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