मधेपुरा: बिहार का मिठाई रेलवे स्टेशन देश का एक मात्र स्टेशन है जहां बिना सिग्नल के ही ट्रेनों का परिचालन होता है. आश्चर्य की बात यह है कि स्टेशन पर एक टेलीफोन भी नहीं है. स्टेशन मास्टर को अपने निजी मोबाइल से गाड़ी आने और जाने की सूचना सहरसा और मधेपुरा स्टेशन से लेना पड़ता है.
जानकारी के मुताबिक आजादी के पूर्व स्थापित मिठाई रेलवे स्टेशन पर सिग्नल था. लेकिन 1934 में आये भूकंप में क्षतिग्रस्त हो गया. इसके बाद से यहां सिग्नल नहीं लगाया गया. पहले छोटी लाईन थी और ट्रेन की संख्या भी काफी कम थी. लम्बी दूरी की ट्रेनें इस रूट से नहीं गुजरती थी. इसलिए संयोग वश कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ. लेकिन अब बड़ी लाईन बन गई है. इस रूट से कोलकाता, दिल्ली, लुधियाना और पटना सहित कई जगहों के लिये ट्रेनें चलती है.
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बड़ी दुर्घटना होने की संभावना
सिग्नल नहीं रहने से हमेशा बड़ी दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है. ट्रेन आने-जाने की सूचना मोबाईल और टेलीफोन के जरिये सहरसा, समस्तीपुर और मधेपुरा स्टेशन से ली जाती है. सबसे बड़ी समस्या तब खड़ी होती है जब ट्रेन आने जाने का समय हो जाता है और फोन कनेक्ट नहीं होता है.
सिग्नल लगाने की मांग
इसे लेकर कई बार डीआरएम समस्तीपुर को लिखित देकर सिग्नल लगाने की मांग की गई लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. स्थानीय लोगों ने सरकार और रेल मंत्री से गुहार लगाई है कि मिठाई रेलवे स्टेशन पर अविलंब सिग्नल लगाया जाए ताकि दुर्घटना की संभावना न रहे.