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भारत के साथ व्यापार समझौता अभी तय नहीं हुआ है : अमेरिका

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आगामी भारत यात्रा के दौरान कोई बड़ा द्विपक्षीय व्यापार समझौता होने की संभावना कम है. इसकी पुष्टि अमेरिकी अधिकारियों ने की है. अधिकारी ने कहा कि वास्तव में भारत सरकार अमेरिकी निर्यातकों के लिए बाजार में 'न्यायोचित एवं तार्किक' प्रवेश सुविधा देने में विफल रही है. जानें विस्तार से...

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मोदी-ट्रंप (फाइल फोटो)
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Published : Feb 22, 2020, 3:18 PM IST

Updated : Mar 2, 2020, 4:35 AM IST

वाशिंगटन : अमेरिका ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आगामी भारत यात्रा के दौरान कोई बड़ा द्विपक्षीय व्यापार समझौता होने की संभावना कम है. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि भारतीय माल को अमेरिका में व्यापार में वरीयता की सामान्य प्रणाली (जीएसपी) के तहत प्राप्त शुल्क मुक्त प्रवेश की छूट बंद करने के जो कारण थे, वे आज भी बने हुए हैं.

अमेरिका की सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कांफ्रेंस काल में संवाददाताओं से कहा, 'भारत को व्यापार में वरीयता की सामान्य प्रणाली (जीएसपी) की सुविधा बंद करने या निलंबित करने के पीछे जो चिंताएं थीं, हमारे लिए वे चिंताएं आज भी बनी हुई हैं.'

अधिकारी ने कहा कि वास्तव में भारत सरकार अमेरिकी निर्यातकों के लिए बाजार में 'न्यायोचित एवं तार्किक' प्रवेश सुविधा देने में विफल रही है.

ट्रम्प अपनी पत्नी मेलानिया ट्रंप के साथ 24-25 फरवरी को भारत यात्रा पर होंगे. चर्चा है कि दोनों पक्षों के बीच एक बड़ा व्यापार समझौता किए जाने से पहले दोनों पक्षों के बीच किसी व्यापार-पैकेज पर सहमति हो सकती है.

भारत के साथ व्यापार सझौता वार्ता का नेतृत्व अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर कर रहे हैं. वह ट्रंप की इस यात्रा में भारत नहीं जा रहे हैं. वह पहले भी भारत की अपनी यात्रा रद कर चके हैं.

इसे भी पढ़ें- भारत दौरे पर ट्रंप, मोदी के समक्ष उठाएंगे धार्मिक स्वतंत्रता का मुद्दा

अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा कि भारत के साथ बाजार में सुगमता को लेकर बातचीत जारी है. उसने कहा, 'अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि के नेतृत्व में हमारा व्यापार वार्ता-दल भारतीय अधिकारियों से संपर्क में है. यह बातचीत जारी रहेगी.'

अधिकारी ने यह भी शिकायत की कि भारत ने हाल के बजट में अमेरिकी रुचि की कई वस्तुओं पर आयात शुल्क ऊंचा कर दिया है. ई-वाणिज्य और डिजिटल व्यापार के क्षेत्र में हमारे दृष्टिकोण में अब भी बड़ा फर्क है. साफ बात यह है कि जिन वस्तुओं और सेवाओं के लिए हम बाजार की राह की बाधाएं दूर कराना चाहते हैं, उनका दायरा बड़ा है.

अमेरिकी अधिकारियों को भारत के मेड-इन-इंडिया कार्यक्रम को भी लेकर शिकायत है. वे इसे संरक्षणवादी बताते हैं.

वाशिंगटन : अमेरिका ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आगामी भारत यात्रा के दौरान कोई बड़ा द्विपक्षीय व्यापार समझौता होने की संभावना कम है. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि भारतीय माल को अमेरिका में व्यापार में वरीयता की सामान्य प्रणाली (जीएसपी) के तहत प्राप्त शुल्क मुक्त प्रवेश की छूट बंद करने के जो कारण थे, वे आज भी बने हुए हैं.

अमेरिका की सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कांफ्रेंस काल में संवाददाताओं से कहा, 'भारत को व्यापार में वरीयता की सामान्य प्रणाली (जीएसपी) की सुविधा बंद करने या निलंबित करने के पीछे जो चिंताएं थीं, हमारे लिए वे चिंताएं आज भी बनी हुई हैं.'

अधिकारी ने कहा कि वास्तव में भारत सरकार अमेरिकी निर्यातकों के लिए बाजार में 'न्यायोचित एवं तार्किक' प्रवेश सुविधा देने में विफल रही है.

ट्रम्प अपनी पत्नी मेलानिया ट्रंप के साथ 24-25 फरवरी को भारत यात्रा पर होंगे. चर्चा है कि दोनों पक्षों के बीच एक बड़ा व्यापार समझौता किए जाने से पहले दोनों पक्षों के बीच किसी व्यापार-पैकेज पर सहमति हो सकती है.

भारत के साथ व्यापार सझौता वार्ता का नेतृत्व अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर कर रहे हैं. वह ट्रंप की इस यात्रा में भारत नहीं जा रहे हैं. वह पहले भी भारत की अपनी यात्रा रद कर चके हैं.

इसे भी पढ़ें- भारत दौरे पर ट्रंप, मोदी के समक्ष उठाएंगे धार्मिक स्वतंत्रता का मुद्दा

अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा कि भारत के साथ बाजार में सुगमता को लेकर बातचीत जारी है. उसने कहा, 'अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि के नेतृत्व में हमारा व्यापार वार्ता-दल भारतीय अधिकारियों से संपर्क में है. यह बातचीत जारी रहेगी.'

अधिकारी ने यह भी शिकायत की कि भारत ने हाल के बजट में अमेरिकी रुचि की कई वस्तुओं पर आयात शुल्क ऊंचा कर दिया है. ई-वाणिज्य और डिजिटल व्यापार के क्षेत्र में हमारे दृष्टिकोण में अब भी बड़ा फर्क है. साफ बात यह है कि जिन वस्तुओं और सेवाओं के लिए हम बाजार की राह की बाधाएं दूर कराना चाहते हैं, उनका दायरा बड़ा है.

अमेरिकी अधिकारियों को भारत के मेड-इन-इंडिया कार्यक्रम को भी लेकर शिकायत है. वे इसे संरक्षणवादी बताते हैं.

Last Updated : Mar 2, 2020, 4:35 AM IST
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