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कश्मीर को लेकर सोशल मीडिया पर चल रहे बयान को तालिबान ने फर्जी बताया

कतर के दोहा स्थित तालिबान राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने ट्वीट करते हुए कहा है 'भारत के बारे में सोशल मीडिया में जो बयान प्रसारित किया गया है, वह इस्लामिक अमीरात का नहीं है.

सुहैल शाहीन
सुहैल शाहीन
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Published : May 19, 2020, 12:12 PM IST

काबुल : भारत के संबंध में सोशल मीडिया पर जारी एक बयान को लेकर तालिबान ने स्पष्ट किया है कि इस बयान का संबंध इस्लामिक अमीरात से नहीं है, जिसकी नीति स्पष्ट रूप से दूसरों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना है.

कतर के दोहा स्थित तालिबान राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने ट्वीट करते हुए कहा है 'भारत के बारे में सोशल मीडिया में जो बयान प्रसारित किया गया है, वह इस्लामिक अमीरात का नहीं है.'

उन्होंने कहा कि 'पड़ोसी राज्यों के बारे में इस्लामिक अमीरात की नीति बहुत स्पष्ट है कि हम अन्य देशों के घरेलू मुद्दे में हस्तक्षेप नहीं करते हैं.'

उनकी टिप्पणी उस समय आई जब सोशल मीडिया पर प्रसारित एक ट्वीट में दावा किया गया था कि तालिबान ने कहा है कि जब तक कश्मीर मुद्दा हल नहीं हो जाता, तब तक उनके और भारत के बीच दोस्ती असंभव है.

कतर स्थित तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के उपाध्यक्ष, मुला अबास स्टैनकजई ने हाल ही में आरोप लगाया था कि पिछले दो दशकों के दौरान, भारत ने केवल उन लोगों के साथ सहयोग किया है और उन लोगों के साथ संबंध बनाए रखे हैं जो भ्रष्ट हैं और विदेशी लोगों द्वारा अफगान लोगों द्वारा चुने नहीं गए हैं.

उन्होंने उल्लेख किया था कि भारत को अफगान शांति प्रक्रिया में सहयोग करना चाहिए.

पढ़ें - यूएई : 'इस्लामोफोबिक' पोस्ट डालने पर तीन और भारतीयों को नौकरी से हटाया

अफगान तालिबान के 'भारत पिछले 40 वर्षों से देश में नकारात्मक भूमिका निभा रहा है.' इस कथन को खारिज करते हुए कि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता, ग्रान हेवाड ने कहा कि भारत के साथ अफगानिस्तान के संबंध अंतरराष्ट्रीय ढांचे के भीतर हैं और पारस्परिक सम्मान पर आधारित हैं.

भारत ने अफगानिस्तान में शांति और सुलह प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

काबुल : भारत के संबंध में सोशल मीडिया पर जारी एक बयान को लेकर तालिबान ने स्पष्ट किया है कि इस बयान का संबंध इस्लामिक अमीरात से नहीं है, जिसकी नीति स्पष्ट रूप से दूसरों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना है.

कतर के दोहा स्थित तालिबान राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने ट्वीट करते हुए कहा है 'भारत के बारे में सोशल मीडिया में जो बयान प्रसारित किया गया है, वह इस्लामिक अमीरात का नहीं है.'

उन्होंने कहा कि 'पड़ोसी राज्यों के बारे में इस्लामिक अमीरात की नीति बहुत स्पष्ट है कि हम अन्य देशों के घरेलू मुद्दे में हस्तक्षेप नहीं करते हैं.'

उनकी टिप्पणी उस समय आई जब सोशल मीडिया पर प्रसारित एक ट्वीट में दावा किया गया था कि तालिबान ने कहा है कि जब तक कश्मीर मुद्दा हल नहीं हो जाता, तब तक उनके और भारत के बीच दोस्ती असंभव है.

कतर स्थित तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के उपाध्यक्ष, मुला अबास स्टैनकजई ने हाल ही में आरोप लगाया था कि पिछले दो दशकों के दौरान, भारत ने केवल उन लोगों के साथ सहयोग किया है और उन लोगों के साथ संबंध बनाए रखे हैं जो भ्रष्ट हैं और विदेशी लोगों द्वारा अफगान लोगों द्वारा चुने नहीं गए हैं.

उन्होंने उल्लेख किया था कि भारत को अफगान शांति प्रक्रिया में सहयोग करना चाहिए.

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अफगान तालिबान के 'भारत पिछले 40 वर्षों से देश में नकारात्मक भूमिका निभा रहा है.' इस कथन को खारिज करते हुए कि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता, ग्रान हेवाड ने कहा कि भारत के साथ अफगानिस्तान के संबंध अंतरराष्ट्रीय ढांचे के भीतर हैं और पारस्परिक सम्मान पर आधारित हैं.

भारत ने अफगानिस्तान में शांति और सुलह प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

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