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CAA विरोध : हिंसा पर SC की सुनवाई, DMK ने कानून के खिलाफ लगाई याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता कानून के विरोध में हो रही हिंसा पर सख्त टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई के लिए तैयार है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट को ट्रायल कोर्ट ना बनाएं. इस बीच डीएमके ने सीएए कानून के खिलाफ एक याचिका लगाई है. पढ़ें विस्तार से.

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Published : Dec 17, 2019, 11:18 AM IST

Updated : Dec 17, 2019, 12:12 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता कानून के विरोध में हो रही हिंसा पर सख्त टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि पूरे देश में हिंसा हो रही है, तो आप राज्य की कोर्ट में जाइए. आप सुप्रीम कोर्ट क्यों पहुंच रहे हैं. हम ट्रायल कोर्ट नहीं हैं. इस बीच डीएमके ने इस कानून को चुनौती दी है. उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है.

उच्चतम न्यायालय ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देश भर में हो रहे प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की सीबीआई या अदालत की निगरानी वाली एसआईटी जांच का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर विचार करने की मंगलवार को सहमति दी.

इस मामले का प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अगुवाई वाली एक पीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए उल्लेख किया गया। पीठ ने कहा, 'हम हिंसा के मामले पर गौर करेंगे.'

पीठ ने मामले में याचिकाकर्ता, अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय से कहा कि वह देश में जो कुछ हो रहा है, उस सबको अपने अधिकार क्षेत्र में नहीं समझ सकता है, क्योंकि स्थिति और तथ्य अलग हो सकते हैं.

साथ ही कहा, 'हम यह नहीं कह रहे कि आप जो मुद्दा उठा रहे हैं वह जरूरी नहीं है.'

पीठ ने कहा, 'आप कल अपनी किस्मत आजमा सकते हैं.'

उपाध्याय ने पीठ को बताया कि पश्चिम बंगाल में प्रदर्शन के दौरान ट्रेनों को आग लगाई गई और हिंसक प्रदर्शनों के पीछ के असल षड्यंत्रकर्ता का पता लगाने के लिए सीबीआई या एसआईटी जांच जरूरी है.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता कानून के विरोध में हो रही हिंसा पर सख्त टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि पूरे देश में हिंसा हो रही है, तो आप राज्य की कोर्ट में जाइए. आप सुप्रीम कोर्ट क्यों पहुंच रहे हैं. हम ट्रायल कोर्ट नहीं हैं. इस बीच डीएमके ने इस कानून को चुनौती दी है. उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है.

उच्चतम न्यायालय ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देश भर में हो रहे प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की सीबीआई या अदालत की निगरानी वाली एसआईटी जांच का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर विचार करने की मंगलवार को सहमति दी.

इस मामले का प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अगुवाई वाली एक पीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए उल्लेख किया गया। पीठ ने कहा, 'हम हिंसा के मामले पर गौर करेंगे.'

पीठ ने मामले में याचिकाकर्ता, अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय से कहा कि वह देश में जो कुछ हो रहा है, उस सबको अपने अधिकार क्षेत्र में नहीं समझ सकता है, क्योंकि स्थिति और तथ्य अलग हो सकते हैं.

साथ ही कहा, 'हम यह नहीं कह रहे कि आप जो मुद्दा उठा रहे हैं वह जरूरी नहीं है.'

पीठ ने कहा, 'आप कल अपनी किस्मत आजमा सकते हैं.'

उपाध्याय ने पीठ को बताया कि पश्चिम बंगाल में प्रदर्शन के दौरान ट्रेनों को आग लगाई गई और हिंसक प्रदर्शनों के पीछ के असल षड्यंत्रकर्ता का पता लगाने के लिए सीबीआई या एसआईटी जांच जरूरी है.

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Last Updated : Dec 17, 2019, 12:12 PM IST
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