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अयोध्या केस: वकील ने कहा , मस्जिद बनाने के लिए मंदिर गिराया गया

सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई में 'राम लला विराजमान' के वकील ने कहा कि मस्जिद बानाने के लिए मंदिर गिराया गया था.पढ़ें पूरी खबर...

उच्चतम न्यायालय
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Published : Aug 20, 2019, 12:24 PM IST

Updated : Sep 27, 2019, 3:32 PM IST

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर सुनवाई के दौरान 'राम लला विराजमान' के वकील ने मंगलवार को 'एएसआई' की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि अयोध्या में मस्जिद का निर्माण करने के लिए हिंदू मंदिर गिराया गया था.

वरिष्ठ अधिवक्ता सी.एस वैद्यनाथन ने अदालत में कहा कि 'एएसआई' की रिपोर्ट में मगरमच्छ और कछुए की आकृतियों का जिक्र है, जिसका मुस्लिम संस्कृति से कोई लेना-देना नहीं है.

सातवें दिन की सुनवाई-अयोध्या विवाद: SC ने पूछा, क्या खुदाई में प्राप्त वस्तुओं की कार्बन डेटिंग हुई थी?

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली, पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के समक्ष उन्होंने 'एएसआई' की रिपोर्ट से अन्य पुरातात्विक साक्ष्यों का हवाला देते हुए विवादित क्षेत्र में हिन्दू मंदिर होने के दावों को पुख्ता करने की कोशिश की.

बता दें कि मामले की सुनवाई अभी चल रही है.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के अलावा पीठ में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर भी हैं.

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर सुनवाई के दौरान 'राम लला विराजमान' के वकील ने मंगलवार को 'एएसआई' की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि अयोध्या में मस्जिद का निर्माण करने के लिए हिंदू मंदिर गिराया गया था.

वरिष्ठ अधिवक्ता सी.एस वैद्यनाथन ने अदालत में कहा कि 'एएसआई' की रिपोर्ट में मगरमच्छ और कछुए की आकृतियों का जिक्र है, जिसका मुस्लिम संस्कृति से कोई लेना-देना नहीं है.

सातवें दिन की सुनवाई-अयोध्या विवाद: SC ने पूछा, क्या खुदाई में प्राप्त वस्तुओं की कार्बन डेटिंग हुई थी?

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली, पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के समक्ष उन्होंने 'एएसआई' की रिपोर्ट से अन्य पुरातात्विक साक्ष्यों का हवाला देते हुए विवादित क्षेत्र में हिन्दू मंदिर होने के दावों को पुख्ता करने की कोशिश की.

बता दें कि मामले की सुनवाई अभी चल रही है.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के अलावा पीठ में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर भी हैं.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 11:32 HRS IST




             
  • ‘राम लला विराजमान’ के वकील ने कहा : मस्जिद बनाने के लिए मंदिर गिराया गया



नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद की आठवें दिन की सुनवाई के दौरान ‘राम लला विराजमान’ के वकील ने मंगलवार को ‘एएसआई’ की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि अयोध्या में मस्जिद का निर्माण करने के लिए हिंदू मंदिर गिराया गया।



वरिष्ठ अधिवक्ता सी.एस वैद्यनाथन ने अदालत में कहा कि ‘एएसआई’ की रिपोर्ट में मगरमच्छ और कछुए की आकृतियों का जिक्र है, जिसका मुस्लिम संस्कृति से कोई लेना-देना नहीं है।



प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली, पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के समक्ष उन्होंने ‘एएसआई’ की रिपोर्ट से अन्य पुरातात्विक साक्ष्यों का हवाला देते हुए विवादित क्षेत्र में हिन्दू मंदिर होने के दावों को पुख्ता करने की कोशिश की।



मामले की सुनवाई अभी चल रही है।



प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के अलावा पीठ में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर भी हैं।


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Last Updated : Sep 27, 2019, 3:32 PM IST
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