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रेलवे के निजीकरण को लेकर छात्रों ने किया संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन

रेलवे के निजीकरण को लेकर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया. उनका ये विरोध प्रदर्शन संसद के बाहर किया गया. छात्रों का कहना है कि रेलवे के निजीकरण से आम लोगों को नुक्सान होगा. पढ़ें पूरी खबर.

प्रदर्शन करते छात्र
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Published : Jul 16, 2019, 9:49 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे के निजीकरण के कारण रेल किराए में होने वाली बढ़ोतरी और बेराजगारी को लेकर संसद के सामने विभिन्न कॉलेजों के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया.

हालांकि, केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने संसद में स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल भारतीय रेलवे के निजीकरण का कोई सवाल ही नहीं है. केवल कुछ इकाइयों का ही कॉरपोराटाइज (corporatised) किया जाएगा. लेकिन फिर भी इस फैसले के खिलाफ देश भर में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

इस मामले में ईटीवी भारत से बात करते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों से बातचीत की. इनमें एक छात्र शौर्या ने कहा कि सरकार का यह कदम आम जनता के विरुद्ध है. इससे केवल कुछ लोगों को ही फायदा होगा. मिडिल क्लास और गरीब लोगों को अधिक से अधिक फायदा होना चाहिए क्योंकि आम जनता रेल से ज्यादा सफर करती है.

प्रदर्शन करते छात्र

पढ़ें- केरल: SFI कार्यकर्ता पर जानलेवा हमला, ABVP समेत कई छात्र दलों का विरोध प्रदर्शन

वहीं, जेएनयू से आए एक छात्र अपेक्षा ने कहा है कि यह विरोध देश भर में चल रहे बाकी विरोध प्रदर्शन का साथ देने के लिए है. हम भारतीय रेलवे को सरकार द्वारा बेचे जाने का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि रेलवे के निजीकरण से किराए में बढ़ोतरी होगी. रेलवे लोगों की सेवा के लिए है लेकिन अब यह मुनाफा कमाने की मशीन बनजाएगी.

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे के निजीकरण के कारण रेल किराए में होने वाली बढ़ोतरी और बेराजगारी को लेकर संसद के सामने विभिन्न कॉलेजों के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया.

हालांकि, केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने संसद में स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल भारतीय रेलवे के निजीकरण का कोई सवाल ही नहीं है. केवल कुछ इकाइयों का ही कॉरपोराटाइज (corporatised) किया जाएगा. लेकिन फिर भी इस फैसले के खिलाफ देश भर में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

इस मामले में ईटीवी भारत से बात करते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों से बातचीत की. इनमें एक छात्र शौर्या ने कहा कि सरकार का यह कदम आम जनता के विरुद्ध है. इससे केवल कुछ लोगों को ही फायदा होगा. मिडिल क्लास और गरीब लोगों को अधिक से अधिक फायदा होना चाहिए क्योंकि आम जनता रेल से ज्यादा सफर करती है.

प्रदर्शन करते छात्र

पढ़ें- केरल: SFI कार्यकर्ता पर जानलेवा हमला, ABVP समेत कई छात्र दलों का विरोध प्रदर्शन

वहीं, जेएनयू से आए एक छात्र अपेक्षा ने कहा है कि यह विरोध देश भर में चल रहे बाकी विरोध प्रदर्शन का साथ देने के लिए है. हम भारतीय रेलवे को सरकार द्वारा बेचे जाने का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि रेलवे के निजीकरण से किराए में बढ़ोतरी होगी. रेलवे लोगों की सेवा के लिए है लेकिन अब यह मुनाफा कमाने की मशीन बनजाएगी.

Intro:New Delhi: Fearing about the rise in cost of train services and unemployment, students from various colleges protest in front of Parliament, on Tuesday, over privatisation of Indian Railways.


Body:Even though, the Union Minister of Railways Piyush Goyal had clarified in the Parliament, recently, that there is no question of privitization of Indian Railways and only a few units will be corporatised, but the number of protests are kept on rising all over the country against this decision.

While speaking to ETV Bharat, Shaurya from Collective of Student Organization said that the government's initiative is against the common people of India and only to benefit a few people. More facilities should be given to the middle and lower class people who travel through trains on a regular basis.


Conclusion:A student of JNU, Apeksha, said, "This protest is in solidarity with the several protests which are going on in across the country. We are protesting against selling of Railways to the private sector as after its implementation the cost of tickets will start fluctuating. Railway is supposed to be a public service, is now becoming a profit making machine."
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