नई दिल्ली: भारतीय रेलवे के निजीकरण के कारण रेल किराए में होने वाली बढ़ोतरी और बेराजगारी को लेकर संसद के सामने विभिन्न कॉलेजों के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया.
हालांकि, केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने संसद में स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल भारतीय रेलवे के निजीकरण का कोई सवाल ही नहीं है. केवल कुछ इकाइयों का ही कॉरपोराटाइज (corporatised) किया जाएगा. लेकिन फिर भी इस फैसले के खिलाफ देश भर में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
इस मामले में ईटीवी भारत से बात करते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों से बातचीत की. इनमें एक छात्र शौर्या ने कहा कि सरकार का यह कदम आम जनता के विरुद्ध है. इससे केवल कुछ लोगों को ही फायदा होगा. मिडिल क्लास और गरीब लोगों को अधिक से अधिक फायदा होना चाहिए क्योंकि आम जनता रेल से ज्यादा सफर करती है.
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वहीं, जेएनयू से आए एक छात्र अपेक्षा ने कहा है कि यह विरोध देश भर में चल रहे बाकी विरोध प्रदर्शन का साथ देने के लिए है. हम भारतीय रेलवे को सरकार द्वारा बेचे जाने का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि रेलवे के निजीकरण से किराए में बढ़ोतरी होगी. रेलवे लोगों की सेवा के लिए है लेकिन अब यह मुनाफा कमाने की मशीन बनजाएगी.