ETV Bharat / bharat

सलवार-सूट पहनकर WWE में रेसलिंग करती हैं ये 'लेडी खली', देश का किया नाम रोशन

उत्तर प्रदेश के बागपत की रहने वाली कविता दलाल ने अमेरिका में WWE में देश का नाम रोशन किया है. कविता मंगलवार को अपनी ससुराल विजयवाड़ा गांव पहुंची. पढ़ें पूरी खबर.

कविता दलाल.
author img

By

Published : Jul 17, 2019, 5:35 PM IST

बागपत: सलवार सूट पहनकर WWE की रिंग में उतरने वाली देश की पहली महिला रेसलर कविता दलाल की जिंदगी काफी उतार-चढ़ाव भरी रही है. बागपत के एक छोटे से गांव की कविता दलाल ने अमेरिका में WWE में देश का नाम रोशन किया है. कविता महिला सशक्तिकरण का जीता जागता उदाहरण हैं.

देखें वीडियो.

पढ़ें: बिहारः बिहटा में 15 क्विंटल सिक्के लूट ले गए अपराधी

ईटीवी भारत ने कविता दलाल से की बातचीत-

  • लेडी खली के नाम से जाने जाने वाली कविता दलाल मंगलवार को विजयवाड़ा गांव अपनी ससुराल पहुंचीं.
  • पहले वेट लिफ्टिंग करती थी. इसके बाद एशियन गेम और साउथ इंडियन एशियन गेम में जीत हासिल की.
  • पहली बार मेरी मुलाकात जालंधर में सीडब्ल्यू में द ग्रेट खली से हुई थी.
  • तब उन्होंने डब्ल्यूडब्ल्यूई के बारे में बताया और डब्ल्यूडब्ल्यूई में जाने की प्रेरणा दी.
  • मेरे परिवार का साथ हमेशा मेरे साथ रहा.
  • कविता ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को लेकर कहा कि यह योजना कागजों तक न रहे.

कविता ने प्रदेश सरकार से नाराजगी भी जताई. एक महिला होकर मैंने अमेरिका में देश का झंडा लहराया, जिसके लिए मुझे राष्ट्रपति से सम्मान भी मिला है. मेरी प्रदेश सरकार की तरफ से आज तक मुझे कोई भी सम्मान नहीं मिला है.
-कविता दलाल, रेसलर

बागपत: सलवार सूट पहनकर WWE की रिंग में उतरने वाली देश की पहली महिला रेसलर कविता दलाल की जिंदगी काफी उतार-चढ़ाव भरी रही है. बागपत के एक छोटे से गांव की कविता दलाल ने अमेरिका में WWE में देश का नाम रोशन किया है. कविता महिला सशक्तिकरण का जीता जागता उदाहरण हैं.

देखें वीडियो.

पढ़ें: बिहारः बिहटा में 15 क्विंटल सिक्के लूट ले गए अपराधी

ईटीवी भारत ने कविता दलाल से की बातचीत-

  • लेडी खली के नाम से जाने जाने वाली कविता दलाल मंगलवार को विजयवाड़ा गांव अपनी ससुराल पहुंचीं.
  • पहले वेट लिफ्टिंग करती थी. इसके बाद एशियन गेम और साउथ इंडियन एशियन गेम में जीत हासिल की.
  • पहली बार मेरी मुलाकात जालंधर में सीडब्ल्यू में द ग्रेट खली से हुई थी.
  • तब उन्होंने डब्ल्यूडब्ल्यूई के बारे में बताया और डब्ल्यूडब्ल्यूई में जाने की प्रेरणा दी.
  • मेरे परिवार का साथ हमेशा मेरे साथ रहा.
  • कविता ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को लेकर कहा कि यह योजना कागजों तक न रहे.

कविता ने प्रदेश सरकार से नाराजगी भी जताई. एक महिला होकर मैंने अमेरिका में देश का झंडा लहराया, जिसके लिए मुझे राष्ट्रपति से सम्मान भी मिला है. मेरी प्रदेश सरकार की तरफ से आज तक मुझे कोई भी सम्मान नहीं मिला है.
-कविता दलाल, रेसलर

Intro:सलवार सूट पहनकर डब्ल्यूडब्ल्यूई की रिंग में उतरने वाली देश की पहली महिला कविता दलाल की जिंदगी काफी उतार-चढ़ाव भरी रही है।बागपत के एक छोटे से गांव में अभी हाई कविता दलाल जिन्होंने अमेरिका में डब्ल्यूडब्ल्यूई में अपने देश का नाम रोशन करके एक महिला सशक्तिकरण का देश के लिए जीता जागता उदाहरण है। साथियों का कहना है कि राष्ट्रपति से पुरस्कार मिल कर सम्मान तो दिया है कि प्रदेश सरकार की तरफ से अभी कोई भी सम्मान नहीं दिया।


Body:लेडीस खली के नाम से जाने जाने वाली कविता दलाल आज बागपत जिले के विजयवाड़ा गांव अपनी ससुराल में पहुंची।
कविता दलाल का कहना है कि पहले मैं वेट लिफ्टिंग करती थी उसके बाद एशियन गेम और साउथ इंडियन एशियन गेम में जीत हासिल की। जब पहली बार मेरी मुलाकात जालंधर में सीडब्ल्यू में द ग्रेट खली से हुई थी तब उन्होंने मुझे डब्ल्यूडब्ल्यूई के बारे में बताया और उन्हें उन्होंने डब्ल्यूडब्ल्यूई में जाने की प्रेरणा दी जिसके बाद डब्ल्यूडब्ल्यूई के कुछ लोग मेरा ट्रायल लेने के लिए जलंधर आए। यहां तक पहुचनें
एक लड़की होने के नाते मुझे कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। यहां तक पहुंचने में है मेरे परिवार का हमेशा साथ हमेशा रहा। मैंने अपने नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों में बदला है।
कविता का कहना है कि मुझे हमेशा से कुछ अलग करना था अपने देश का नाम रोशन करना था। हमारे हिंदुस्तान में अधिकतर महिलाएं होने के कारण उनके सपने दबा दिए जाते हैं। इस कारण वह कभी आगे नहीं बढ़ पती। वहीं कविता का कहना है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के ऊपर बोलना है कि यह योजना से कागजों पर ना रहे। इस योजना को सरकार को सही तरीके से कार्य करना चाहिए महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा अवसर दिया जाए कि महिलाओं को बाहर निकलने का अधिक से अधिक मौका मिले और इस समाज में महिलाओं का अपना वर्चस्व मिले।
कविता में प्रदेश सरकार से नाराजगी भी जताई है एक महिला होकर मैंने अमेरिका में अपने देश का झंडा फहराया है। जिसके खातिर मुझे राष्ट्रपति से सम्मान भी मिला है। लेकिन मेरी प्रदेश सरकार की तरफ से आज तक मुझे कोई भी सम्मान समारोह यह एक महिला सशक्तिकरण को देखा नहीं हुआ है। डब्ल्यूडब्ल्यूई में जाने से बाकी महिलाओं को डब्ल्यूडब्ल्यूई में जाने से बाकी महिलाओं को मुझे देख कर जो प्रेरणा मिली है यह बहुत अनोखी चीज है। जिन लड़कियों ने गेम को छोड़ छोड़ दिया था वह लड़कियां फिर से गेम के लिए तैयार हो गई है। अगर आप किसी प्रतिभागी को सम्मानित करते हैं तो उसे देखकर जो समाज में सकारात्मक सोच आती है सकारात्मक सोच को देखकर देश के खातिर कुछ कर गुजरने की बात आती है।
उन्होंने कहा की माई ईटीवी के माध्यम से सीएम तक संदेश पहुंचाना चाहूंगी कि हर खिलाड़ी की दिली इच्छा होती है कि उसको मान सम्मान दिया जाए।


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.