श्रीनगरः जम्मू कश्मीर की हालात सामान्य होने पर श्रीनगर के कुछ क्षेत्रों छोड़कर सभी जगह से प्रतिबंध हटा दिया है. एक अधिकारी ने कहा कि, सोमवार को अनुच्छेद 370 को खत्म हुए 36 दिन हो गए हैं. लेकिन घाटी में गतिरोध के कारण अभी भी स्कूल और सार्वजनिक परिवहन बंद है.
अधिकारी ने कहा कि घाटी के ज्यादातर क्षेत्र से प्रतिबंध को हटा दिया गया है. लेकिन श्रीनगर के कुछ आंतरिक इलाकों में अभी भी प्रतिबंध है. जो कि शहर के मैसुमा थाना क्षेत्र में है.
उन्होंने कहा कि व्यापारिक केंद्र लाल चौक से बैरिकांडिग हटा दिया गया और उसके एक दिन बाद ही व्यापारिक केंद्र के आस-पास के क्षेत्रों के सभी प्रवेश बिंदु को कॉनसर्टिना तार से सील कर दिया गया.अधिकारी ने आगे कहा कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कुछ क्षेत्रों में सुरक्षा बल अभी भी तैनात है.
मोहर्रम के आठवे दिन घाटी में किसी भी तरह के जुलूस को रोकने के लिए प्रतिबंध लगाए गए थे. हालांकि, घाटी के कुछ हिस्सों में लोगों की आवाजाही पर अंकुश लगाने के लिए हर वर्ष मुहर्रम के आठवें और दसवें दिन जुलूस को रोकने के लिए प्रतिबंध लगाया जाता है.
हालांकि, अधिकारी ने कहा कि हर शुक्रवार को घाटी के संवेदनशील इलाकों में प्रतिबंध लगाते रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि बड़ी मस्जिदों, धार्मिक स्थलों और बड़ें समारोह में लोग विरोध कर सकते हैं.
बता दें कि पिछले एक महीने से घाटी में किसी भी प्रमुख मस्जिद या धर्मस्थल पर शुक्रवार को नमाज की अनुमति नहीं दी गई है. कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए हुए 36 दिन हो गए हैं.
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अधिकारियों ने कहा कि घाटी में बाजार, व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे जबकि सार्वजनकि परिवहन घाटी की सड़कों से नदारद हैं. स्कूलों को खोलने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों का कोई असर नहीं हुआ. कोई भी माता-पिता सुरक्षा की गलतफहमी को लेकर बच्चों को घर से बाहर नहीं जाने दे रहे हैं.
उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालय खुले हैं लेकिन सार्वजनिक परिवहन न होने के कारण कार्यालयों में उपस्थिति कम है. यहां तक कि जिला मुख्यालय से जुड़े हुए कार्यालय में भी उपस्थिति कम है.
घाटी में लैंडलाइन टेलीफोन सेवाओं को बहाल कर दिया गया है. लेकिन 5 अगस्त से सभी प्लेटफार्मों पर मोबाइल टेलीफोनी और इंटरनेट सेवाएं निलंबित है.
अधिकांश शीर्ष-स्तरीय अलगाववादी नेता और राजनेता हिरासत में हैं. इसमें प्रदेश के तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित मुख्यधारा के नेता शामिल है.
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गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को 5 अगस्त को हटा कर इसे दो केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया. सरकार के इस फैसलें के घोषणा के बाद ही प्रदेश में प्रतिबंध लगा दिया गया था.