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घाटी के हालात सामान्य, आधिकांश क्षेत्रों से प्रतिबंध हटा

जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म हुए 36 दिन हो गए है. लेकिन अभी भी घाटी में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कुछ क्षेत्रों में सुरक्षा बल तैनात है. जाने घाटी की हालात....

जम्मू कश्मीर के हालात सामान्य
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Published : Sep 9, 2019, 6:35 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 12:43 AM IST

श्रीनगरः जम्मू कश्मीर की हालात सामान्य होने पर श्रीनगर के कुछ क्षेत्रों छोड़कर सभी जगह से प्रतिबंध हटा दिया है. एक अधिकारी ने कहा कि, सोमवार को अनुच्छेद 370 को खत्म हुए 36 दिन हो गए हैं. लेकिन घाटी में गतिरोध के कारण अभी भी स्कूल और सार्वजनिक परिवहन बंद है.

अधिकारी ने कहा कि घाटी के ज्यादातर क्षेत्र से प्रतिबंध को हटा दिया गया है. लेकिन श्रीनगर के कुछ आंतरिक इलाकों में अभी भी प्रतिबंध है. जो कि शहर के मैसुमा थाना क्षेत्र में है.

उन्होंने कहा कि व्यापारिक केंद्र लाल चौक से बैरिकांडिग हटा दिया गया और उसके एक दिन बाद ही व्यापारिक केंद्र के आस-पास के क्षेत्रों के सभी प्रवेश बिंदु को कॉनसर्टिना तार से सील कर दिया गया.अधिकारी ने आगे कहा कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कुछ क्षेत्रों में सुरक्षा बल अभी भी तैनात है.

मोहर्रम के आठवे दिन घाटी में किसी भी तरह के जुलूस को रोकने के लिए प्रतिबंध लगाए गए थे. हालांकि, घाटी के कुछ हिस्सों में लोगों की आवाजाही पर अंकुश लगाने के लिए हर वर्ष मुहर्रम के आठवें और दसवें दिन जुलूस को रोकने के लिए प्रतिबंध लगाया जाता है.

हालांकि, अधिकारी ने कहा कि हर शुक्रवार को घाटी के संवेदनशील इलाकों में प्रतिबंध लगाते रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि बड़ी मस्जिदों, धार्मिक स्थलों और बड़ें समारोह में लोग विरोध कर सकते हैं.

बता दें कि पिछले एक महीने से घाटी में किसी भी प्रमुख मस्जिद या धर्मस्थल पर शुक्रवार को नमाज की अनुमति नहीं दी गई है. कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए हुए 36 दिन हो गए हैं.

पढ़ेंः जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का साझा उच्च न्यायालय होगा

अधिकारियों ने कहा कि घाटी में बाजार, व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे जबकि सार्वजनकि परिवहन घाटी की सड़कों से नदारद हैं. स्कूलों को खोलने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों का कोई असर नहीं हुआ. कोई भी माता-पिता सुरक्षा की गलतफहमी को लेकर बच्चों को घर से बाहर नहीं जाने दे रहे हैं.

उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालय खुले हैं लेकिन सार्वजनिक परिवहन न होने के कारण कार्यालयों में उपस्थिति कम है. यहां तक कि जिला मुख्यालय से जुड़े हुए कार्यालय में भी उपस्थिति कम है.

घाटी में लैंडलाइन टेलीफोन सेवाओं को बहाल कर दिया गया है. लेकिन 5 अगस्त से सभी प्लेटफार्मों पर मोबाइल टेलीफोनी और इंटरनेट सेवाएं निलंबित है.

अधिकांश शीर्ष-स्तरीय अलगाववादी नेता और राजनेता हिरासत में हैं. इसमें प्रदेश के तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित मुख्यधारा के नेता शामिल है.

पढ़ेंः आतंकी संगठन HM का कश्मीर बंद करने का फरमान

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को 5 अगस्त को हटा कर इसे दो केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया. सरकार के इस फैसलें के घोषणा के बाद ही प्रदेश में प्रतिबंध लगा दिया गया था.

श्रीनगरः जम्मू कश्मीर की हालात सामान्य होने पर श्रीनगर के कुछ क्षेत्रों छोड़कर सभी जगह से प्रतिबंध हटा दिया है. एक अधिकारी ने कहा कि, सोमवार को अनुच्छेद 370 को खत्म हुए 36 दिन हो गए हैं. लेकिन घाटी में गतिरोध के कारण अभी भी स्कूल और सार्वजनिक परिवहन बंद है.

अधिकारी ने कहा कि घाटी के ज्यादातर क्षेत्र से प्रतिबंध को हटा दिया गया है. लेकिन श्रीनगर के कुछ आंतरिक इलाकों में अभी भी प्रतिबंध है. जो कि शहर के मैसुमा थाना क्षेत्र में है.

उन्होंने कहा कि व्यापारिक केंद्र लाल चौक से बैरिकांडिग हटा दिया गया और उसके एक दिन बाद ही व्यापारिक केंद्र के आस-पास के क्षेत्रों के सभी प्रवेश बिंदु को कॉनसर्टिना तार से सील कर दिया गया.अधिकारी ने आगे कहा कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कुछ क्षेत्रों में सुरक्षा बल अभी भी तैनात है.

मोहर्रम के आठवे दिन घाटी में किसी भी तरह के जुलूस को रोकने के लिए प्रतिबंध लगाए गए थे. हालांकि, घाटी के कुछ हिस्सों में लोगों की आवाजाही पर अंकुश लगाने के लिए हर वर्ष मुहर्रम के आठवें और दसवें दिन जुलूस को रोकने के लिए प्रतिबंध लगाया जाता है.

हालांकि, अधिकारी ने कहा कि हर शुक्रवार को घाटी के संवेदनशील इलाकों में प्रतिबंध लगाते रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि बड़ी मस्जिदों, धार्मिक स्थलों और बड़ें समारोह में लोग विरोध कर सकते हैं.

बता दें कि पिछले एक महीने से घाटी में किसी भी प्रमुख मस्जिद या धर्मस्थल पर शुक्रवार को नमाज की अनुमति नहीं दी गई है. कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए हुए 36 दिन हो गए हैं.

पढ़ेंः जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का साझा उच्च न्यायालय होगा

अधिकारियों ने कहा कि घाटी में बाजार, व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे जबकि सार्वजनकि परिवहन घाटी की सड़कों से नदारद हैं. स्कूलों को खोलने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों का कोई असर नहीं हुआ. कोई भी माता-पिता सुरक्षा की गलतफहमी को लेकर बच्चों को घर से बाहर नहीं जाने दे रहे हैं.

उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालय खुले हैं लेकिन सार्वजनिक परिवहन न होने के कारण कार्यालयों में उपस्थिति कम है. यहां तक कि जिला मुख्यालय से जुड़े हुए कार्यालय में भी उपस्थिति कम है.

घाटी में लैंडलाइन टेलीफोन सेवाओं को बहाल कर दिया गया है. लेकिन 5 अगस्त से सभी प्लेटफार्मों पर मोबाइल टेलीफोनी और इंटरनेट सेवाएं निलंबित है.

अधिकांश शीर्ष-स्तरीय अलगाववादी नेता और राजनेता हिरासत में हैं. इसमें प्रदेश के तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित मुख्यधारा के नेता शामिल है.

पढ़ेंः आतंकी संगठन HM का कश्मीर बंद करने का फरमान

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को 5 अगस्त को हटा कर इसे दो केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया. सरकार के इस फैसलें के घोषणा के बाद ही प्रदेश में प्रतिबंध लगा दिया गया था.

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PRI GEN NAT
.SRINAGAR DEL5
JK-SITUATION
Restrictions lifted from most areas of kashmir
         Srinagar, Sep 9 (PTI) Restrictions were lifted from most areas of Kashmir, except some parts of Srinagar, on Monday even as the stalemate in the Valley following abrogation of Article 370 entered its 36th day with schools closed and public transport off the roads, officials said.
         The restrictions have been lifted from most areas of the valley, but continued in parts of Srinagar in the interior areas and in the jurisdiction of Maisuma police station of the city, the officials said.
         They said barricades were removed from the commercial hub of Lal Chowk and adjoining areas a day after they were sealed off by placing concertina wires at all entry points.
         However, the officials said, security forces continued to be deployed to maintain law and order.
         Severe restrictions were re-imposed in parts of the valley on Sunday to prevent any procession in the city and elsewhere in the valley on the eighth day of Muharram. The curbs on the movement of people in some parts of the valley are imposed every year on the eight and the tenth day of Muharram to prevent any processions.
         Restrictions were first imposed across Kashmir on August 5 when the Centre announced its decision to abrogate Article 370 of the Constitution and bifurcate the state into two Union territories. The restrictions were lifted in phases from many parts of the valley as the situation improved with passage of time.
         However, authorities have been imposing restrictions in vulnerable areas of the valley every Friday, apprehending that vested interests might exploit the large gatherings at big mosques and shrines to fuel protests.
         Friday prayers have not been allowed at any of the major mosques or shrines in the valley for the past one month now.
         Meanwhile, normal life remained severely affected in Kashmir due to shutdown which entered 36th day on Monday.
         Markets and other business establishments remained closed while public transport was off the roads across the valley, the officials said.
         The efforts of the state government to open schools have not borne anyfruit as parents continued to keep children at home due toapprehensions about their safety.
         Government offices are open but attendance in many offices wasthin due to lack of public transport, the officials said, adding offices at district headquarters registered normal attendance.
         Landline telephone services have been restored across the valley butmobile telephony and Internet services on all platforms remainsuspended since 5 August.
         Most of the top-level and second rung separatist politicians have been taken into custody while mainstream leaders including three former chief ministers Farooq Abdullah, Omar Abdullah and Mehbooba Mufti have also been either detained or placed under house arrest. PTI SSB MIJ

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Last Updated : Sep 30, 2019, 12:43 AM IST
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