नई दिल्ली: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू की अदावत पुरानी है. दोनों एक दूसरे के 'विरोधी' माने जाते हैं. समय-समय पर इशारों में ही सही, दोनों एक दूसरे पर तंज कसने से भी नहीं चूकते हैं. लेकिन इस बार कैप्टन ने सीधे-सीधे अपनी बात रख दी है. उनका कहना है कि सिद्धू उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाना चाहते हैं. लेकिन यह फैसला आलाकमान करेंगे.
कैंप्टन ने कहा कि सिद्धू मुझे रिप्लेस कर खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि मेरी नवजोत सिंह सिद्धू के साथ कोई जुबानी जंग नहीं चल रही है. अगर उनका कोई लक्ष्य है, तो ठीक है, सभी का कुछ न कुछ उद्देश्य होता है. मैं उन्हें बचपन से जानता हूं और मेरा उनसे कोई मतभेद भी नहीं है. वो शायद मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, वो भी मुझे रिप्लेस करके, यही उनका उद्देश्य है.
मुख्यमंत्री ने अपने परिवार सहित वोट डालने के लिए पटियाला रवाना होने से पहले कहा कि अगर वह एक सच्चे कांग्रेसी होते, तो पंजाब में चुनाव से तुरंत पहले अपनी नाराजगी जाहिर करने की जगह और कोई बेहतर समय चुनते. उन्होंने यह पार्टी को नुकसान पहुंचाने के लिए किया है.
कैप्टन के बयान के बाद सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू का भी बयान सामने आया है. उन्होंने कहा मैं गद्दार नहीं हूं. यदि ऐसा होता, तो मैं पार्टी छोड़ देती, लेकिन मुझे टिकट न मिलने के बाद भी मैं पार्टी को सहयोग करने के लिए काम कर रही हूं.
बता दें, कुछ दिन पूर्व ही अमृतसर लोकसभा सीट को लेकर सिद्धू ने नराजगी जाहिर की थी. उनका कहना था कि उनकी पत्नी को वहां से टिकट दिया जाए, लेकिन उनकी ये डिमांड पूरी नहीं की गई. इसके बाद उन्होंने चंडीगढ़ सीट से पत्नी को टिकट देने की बात कही, लेकिन वहां से भी टिकट नहीं मिला.
कुछ दिन पूर्व ही उन्होंने निशाना साधते हुए कहा था कि कैप्टन साहब को लगता है कि मिसेज सिद्धू चुनाव नहीं जीत पाएंगी.
दरअसल, नवजोत कौर को टिकट न मिलने के बाद कांग्रेस ने यहां से गुरजीत औजला को टिकट दिया. वहीं बीजेपी की ओर से केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी को उम्मीदवार बनाया गया है.