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सुप्रीम कोर्ट येदियुरप्पा की ऑडियो क्लिप मामले की सुनवाई पर सहमत - sc to hear yediyurappa audio case

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा से जुड़ी एक ऑडियो क्लिप के मामले की सुनवाई पर सहमति दे दी. ऑडियो क्लिप में येदियुरप्पा कथित तौर पर राज्य के कांग्रेस व जद (एस) गठबंधन सरकार के बागी विधायकों का समर्थन करते सुने जा रहे हैं. जानें क्या है पूरा मामला...

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Published : Nov 4, 2019, 4:45 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा से जुड़ी एक ऑडियो क्लिप के मामले की सुनवाई पर सहमति दे दी.

इस ऑडियो क्लिप में येदियुरप्पा कथित तौर पर राज्य के कांग्रेस व जद (एस) गठबंधन सरकार के बागी विधायकों का समर्थन करते सुने जा रहे हैं.

इन बागी विधायकों के इस्तीफे की वजह से राज्य की एच.डी.कुमारस्वामी की सरकार कुछ महीने पहले गिर गई थी.

कांग्रेस की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने मामले को न्यायमूर्ति एन.वी.रमना के समक्ष पेश किया, जिस पर न्यायमूर्ति रमना ने मंगलवार को सुनवाई करने की बात कही.

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि ऑडियो टेप में येदियुरप्पा ने एच.डी.कुमारस्वामी की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार को गिराने की बात कबूली है.

ये भी पढ़ें : कांग्रेस का येदियुरप्पा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप, मोदी-शाह से जवाब मांगा

सिब्बल ने निवेदन किया कि ऑडियो क्लिप को कर्नाटक के 17 विधायकों द्वारा विधानसभा में अपनी अयोग्यता को चुनौती दिए जाने वाली याचिका के साथ रिकॉर्ड में लिया जाना चाहिए. शीर्ष अदालत ने इन विधायकों की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रखा है.

सिब्बल ने हवाला दिया कि यह उनके तर्क का समर्थन करता है कि 17 विधायकों ने अपनी संबंधित पार्टियों से दलबदल कर भाजपा को गले लगाया.

गत जुलाई में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष के.आर.रमेश कुमार ने इन विधायकों के इस्तीफे को अस्वीकार करते हुए उन्हें अयोग्य करार दे दिया था. ये विधायक सदन से 23 जुलाई को गैरहाजिर रहे, जब मुख्यमंत्री कुमास्वामी विश्वास मत प्रस्ताव का सामना कर रहे थे.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा से जुड़ी एक ऑडियो क्लिप के मामले की सुनवाई पर सहमति दे दी.

इस ऑडियो क्लिप में येदियुरप्पा कथित तौर पर राज्य के कांग्रेस व जद (एस) गठबंधन सरकार के बागी विधायकों का समर्थन करते सुने जा रहे हैं.

इन बागी विधायकों के इस्तीफे की वजह से राज्य की एच.डी.कुमारस्वामी की सरकार कुछ महीने पहले गिर गई थी.

कांग्रेस की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने मामले को न्यायमूर्ति एन.वी.रमना के समक्ष पेश किया, जिस पर न्यायमूर्ति रमना ने मंगलवार को सुनवाई करने की बात कही.

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि ऑडियो टेप में येदियुरप्पा ने एच.डी.कुमारस्वामी की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार को गिराने की बात कबूली है.

ये भी पढ़ें : कांग्रेस का येदियुरप्पा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप, मोदी-शाह से जवाब मांगा

सिब्बल ने निवेदन किया कि ऑडियो क्लिप को कर्नाटक के 17 विधायकों द्वारा विधानसभा में अपनी अयोग्यता को चुनौती दिए जाने वाली याचिका के साथ रिकॉर्ड में लिया जाना चाहिए. शीर्ष अदालत ने इन विधायकों की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रखा है.

सिब्बल ने हवाला दिया कि यह उनके तर्क का समर्थन करता है कि 17 विधायकों ने अपनी संबंधित पार्टियों से दलबदल कर भाजपा को गले लगाया.

गत जुलाई में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष के.आर.रमेश कुमार ने इन विधायकों के इस्तीफे को अस्वीकार करते हुए उन्हें अयोग्य करार दे दिया था. ये विधायक सदन से 23 जुलाई को गैरहाजिर रहे, जब मुख्यमंत्री कुमास्वामी विश्वास मत प्रस्ताव का सामना कर रहे थे.

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सुप्रीम कोर्ट येदियुरप्पा के आडियो मामले की सुनवाई पर सहमत

नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा से जुड़े एक आडियो क्लिप के मामले की सुनवाई पर सहमति दे दी। इस आडियो क्लिप में येदियुरप्पा कथित तौर पर राज्य के कांग्रेस व जद (एस) गठबंधन सरकार के बागी विधायकों का समर्थन करते सुने जा रहे हैं। इन बागी विधायकों के इस्तीफे की वजह से राज्य की एच.डी.कुमारस्वामी की सरकार कुछ महीने पहले गिर गई थी। कांग्रेस की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने मामले को न्यायमूर्ति एन.वी.रमना के समक्ष पेश किया, जिस पर न्यायमूर्ति रमना ने मंगलवार को सुनवाई करने की बात कही।



कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि आडियो में येदियुरप्पा ने एच.डी.कुमारस्वामी की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार को गिराने की बात कबूली है।



सिब्बल ने निवेदन किया कि आडियो क्लिप को कर्नाटक के 17 विधायकों द्वारा विधानसभा में अपनी अयोग्यता को चुनौती दिए जाने वाली याचिका के साथ रिकॉर्ड में लिया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने इन विधायकों की याचिका पर अपने आदेश को सुरक्षित रखा है।



सिब्बल ने हवाला दिया कि यह उनके तर्क का समर्थन करता है कि 17 विधायकों ने अपने संबंधित पार्टियों से दलबदल कर भाजपा को गले लगाया।



जुलाई में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष के.आर.रमेश कुमार ने इन विधायकों के इस्तीफे को अस्वीकार करते हुए उन्हें अयोग्य करार दे दिया था। ये विधायक सदन से 23 जुलाई को गैरहाजिर रहे, जब मुख्यमंत्री कुमास्वामी विश्वास मत प्रस्ताव का सामना कर रहे थे।


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