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अस्पताल में शव सौंपने से पहले कोरोना जांच करने के तेलंगाना की अदालत के आदेश पर रोक - तेलंगाना में कोरोना टेस्ट

अस्पताल में शव सौंपने से पहले उसकी कोविड-19 जांच करने के तेलंगाना की अदालत के आदेश पर न्यायालय ने रोक लगाई है.

sc against telangana  High Court
सुप्रीम कोर्ट ने लगाया तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश पर रोक
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Published : Jun 17, 2020, 10:25 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने तेलंगाना में अस्पतालों द्वारा शव सौपने से पहले उनकी कोविड-19 जांच कराने के राज्य के उच्च न्यायालय के 26 मई के आदेश पर बुधवार को रोक लगा दी.

इसके अलावा, शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के आठ जून के एक अन्य निर्देश पर भी रोक लगा दी है. इसमें कहा गया था कि अगर प्राधिकारियों ने उसके निर्देशों को लागू नहीं किया तो उसके पास जानबूझकर अवज्ञा के लिये अवमानना का नोटिस देने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचेगा.

न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ के समक्ष ये दोनों मामले वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के लिये आये. पीठ इन पर अलग अलग अपील पर सुनवाई के लिये सहमत हो गयी और उसने उन लोगों को नोटिस जारी किये जिनकी याचिका पर 26 मई और आठ जून को उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था.

पीठ ने अपने आदेश में कहा, नोटिस जारी किया जाये. इस बीच, उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये इस निर्देश पर रोक लगी रहेगी.

उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि यह अदालत निर्देश देती है कि अस्पताल द्वारा शव देने से पहले एहतियात के रूप में कोरोना वायरस की मौजूदगी का पता लगाने के लिये इसका परीक्षण करना होगा.

अदालत के आठ जून के निर्देश के खिलाफ अपील पर शीर्ष अदालत ने कहा कि ये निर्देश अनावश्यक ही नहीं बल्कि समय से पहले दिया गया है. इस मामले में भी नोटिस जारी किया जाये.

उच्च न्यायालय ने कोविड-19 संक्रमण से संबंधित मुद्दों को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान ये निर्देश दिये थे.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने तेलंगाना में अस्पतालों द्वारा शव सौपने से पहले उनकी कोविड-19 जांच कराने के राज्य के उच्च न्यायालय के 26 मई के आदेश पर बुधवार को रोक लगा दी.

इसके अलावा, शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के आठ जून के एक अन्य निर्देश पर भी रोक लगा दी है. इसमें कहा गया था कि अगर प्राधिकारियों ने उसके निर्देशों को लागू नहीं किया तो उसके पास जानबूझकर अवज्ञा के लिये अवमानना का नोटिस देने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचेगा.

न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ के समक्ष ये दोनों मामले वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के लिये आये. पीठ इन पर अलग अलग अपील पर सुनवाई के लिये सहमत हो गयी और उसने उन लोगों को नोटिस जारी किये जिनकी याचिका पर 26 मई और आठ जून को उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था.

पीठ ने अपने आदेश में कहा, नोटिस जारी किया जाये. इस बीच, उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये इस निर्देश पर रोक लगी रहेगी.

उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि यह अदालत निर्देश देती है कि अस्पताल द्वारा शव देने से पहले एहतियात के रूप में कोरोना वायरस की मौजूदगी का पता लगाने के लिये इसका परीक्षण करना होगा.

अदालत के आठ जून के निर्देश के खिलाफ अपील पर शीर्ष अदालत ने कहा कि ये निर्देश अनावश्यक ही नहीं बल्कि समय से पहले दिया गया है. इस मामले में भी नोटिस जारी किया जाये.

उच्च न्यायालय ने कोविड-19 संक्रमण से संबंधित मुद्दों को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान ये निर्देश दिये थे.

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