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J-K में पाबंदियां : SC का तत्काल सुनवाई से इनकार, कहा- 'सरकार पर भरोसा करें'

सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया पर लगे प्रतिबंध को हटाने संबंधी याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार को समय दिया जाना चाहिए. पढ़ें पूरी खबर...

सुप्रीम कोर्ट.
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Published : Aug 13, 2019, 2:56 PM IST

Updated : Sep 26, 2019, 9:05 PM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने जम्मू कश्मीर में मीडिया पर लगे प्रतिबंध पर अहम निर्देश दिए हैं. अदालत ने ‘कश्मीर टाइम्स’ की संपादक अनुराधा भसीन से कहा कि वे अपनी याचिका तत्काल सूचीबद्ध करने के लिये रजिस्ट्रार को ज्ञापन सौंपें

दरअसल, अनुराधा ने सुप्रीम कोर्ट में जम्मू कश्मीर में मीडिया पर लगे प्रतिबंध को हटाने संबंधी याचिका दायर की है. मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि इसे तत्काल सूचीबद्ध करने के लिये याचिकाकर्ता शीर्ष न्यायालय के रजिस्ट्रार को ज्ञापन सौंपें.

न्यायमूर्ति अरुणा मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने भसीन की ओर से पेश वकील वृंदा ग्रोवर को कहा, 'आप इस बारे में रजिस्ट्रार को ज्ञापन सौंपे और वह इस पर गौर करेंगे.'

ग्रोवर ने पीठ को बताया कि भसीन कश्मीर में एक प्रमुख दैनिक की संपादक हैं और घाटी में पूरी तरह से बंद का माहौल है जिसके कारण पत्रकार काम नहीं कर पा रहे हैं. इस पर पीठ ने कहा, 'हम इस पर गौर करेंगे.'

सरकार को मिलना चाहिए समय
जम्मू कश्मीर में लगी पाबंदियों के खिलाफ तहसीन पूनावाला ने भी याचिका दायर की है. आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद, फिलहाल कोर्ट ने इस मामले में किसी भी प्रकार की दखल देने से इनकार कर दिया है. पीठ ने कहा कि सरकार को कुछ समय दिया जाना चाहिए और घाटी में सामान्य स्थिति का इंतजार करना चाहिए.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए तहसीन पूनावाला

क्या हैं याचिकाकर्ता की मांगें
बता दें कि तहसीन पूनावाला ने जम्मू-कश्मीर की मौजूदा हालात को लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. तहसीन ने धारा 144 हटाने और मोबाइल,इंटरनेट सेवा बहाल करने की मांग की है. साथ ही उन्होंने हिरासत में लिए गए नेताओं की रिहाई की भी मांग की है.

कई लोगों ने की है अपील
बता दें कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करने के बाद राज्य में कुछ समय के लिये पाबंदियां लगायी गयी हैं. इसी बीच कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर हस्तक्षेप की अपील की है.

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने जम्मू कश्मीर में मीडिया पर लगे प्रतिबंध पर अहम निर्देश दिए हैं. अदालत ने ‘कश्मीर टाइम्स’ की संपादक अनुराधा भसीन से कहा कि वे अपनी याचिका तत्काल सूचीबद्ध करने के लिये रजिस्ट्रार को ज्ञापन सौंपें

दरअसल, अनुराधा ने सुप्रीम कोर्ट में जम्मू कश्मीर में मीडिया पर लगे प्रतिबंध को हटाने संबंधी याचिका दायर की है. मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि इसे तत्काल सूचीबद्ध करने के लिये याचिकाकर्ता शीर्ष न्यायालय के रजिस्ट्रार को ज्ञापन सौंपें.

न्यायमूर्ति अरुणा मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने भसीन की ओर से पेश वकील वृंदा ग्रोवर को कहा, 'आप इस बारे में रजिस्ट्रार को ज्ञापन सौंपे और वह इस पर गौर करेंगे.'

ग्रोवर ने पीठ को बताया कि भसीन कश्मीर में एक प्रमुख दैनिक की संपादक हैं और घाटी में पूरी तरह से बंद का माहौल है जिसके कारण पत्रकार काम नहीं कर पा रहे हैं. इस पर पीठ ने कहा, 'हम इस पर गौर करेंगे.'

सरकार को मिलना चाहिए समय
जम्मू कश्मीर में लगी पाबंदियों के खिलाफ तहसीन पूनावाला ने भी याचिका दायर की है. आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद, फिलहाल कोर्ट ने इस मामले में किसी भी प्रकार की दखल देने से इनकार कर दिया है. पीठ ने कहा कि सरकार को कुछ समय दिया जाना चाहिए और घाटी में सामान्य स्थिति का इंतजार करना चाहिए.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए तहसीन पूनावाला

क्या हैं याचिकाकर्ता की मांगें
बता दें कि तहसीन पूनावाला ने जम्मू-कश्मीर की मौजूदा हालात को लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. तहसीन ने धारा 144 हटाने और मोबाइल,इंटरनेट सेवा बहाल करने की मांग की है. साथ ही उन्होंने हिरासत में लिए गए नेताओं की रिहाई की भी मांग की है.

कई लोगों ने की है अपील
बता दें कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करने के बाद राज्य में कुछ समय के लिये पाबंदियां लगायी गयी हैं. इसी बीच कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर हस्तक्षेप की अपील की है.

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Last Updated : Sep 26, 2019, 9:05 PM IST
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