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जगन्नाथ मंदिर मामला : SC ने चार सप्ताह में मांगी अनुपालन रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने जगन्नाथ मंदिर के आसपास मठों को तोड़े जाने के मामले पर एमिकस क्यूरी से चार सप्ताह में अनुपालन रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

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Published : Jan 8, 2020, 6:31 PM IST

Updated : Jan 8, 2020, 7:19 PM IST

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सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने जगन्नाथ मंदिर मामले पर एमिकस क्यूरी से चार सप्ताह में अनुपालन रिपोर्ट सौंपने को कहा है. बता दें कि बीते चार नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने जगन्नाथ मंदिर के आस-पास के मठों को तोड़ने के लिए ओडिशा सरकार को फटकार लगाई थी.

भारत के मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अगुआई वाली पीठ ने एमिकस क्यूरी से मंदिर प्रशासन की अनुपाल रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है. कोर्ट ने इसके लिए चार सप्ताह की समय सीमा निर्धारित की है.

गौरतलब है कि जगन्नाथ मंदिर प्रशासन और ओडिशा सरकार ने क्रमश: आज और कल सुप्रीम कोर्ट में अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत की है.

ओडिशा सरकार को SC ने लगाई फटकार, कहा-मठों का महत्व को नहीं समझते तो हस्तक्षेप न करें

अधिवक्ता देवाशीष मिश्र ने कोर्ट रूम के अंदर ओडिशा सरकार आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने मठों को बहाल करने की बजाय, चार अतिरिक्त मठ ध्वस्त कर दिए. उन्होंने कहा कि इस मसले को लेकर 17 अगस्त से पुरी में हिंसा चल रही है.

इस मसले पर सरकारी अधिवक्ता स्वेकातू मिश्र ने कहा, 'कोर्ट ने बीते वर्ष चार नवंबर को 22 निर्देश दिए थे. कोर्ट के निर्दशों पर हम कार्य कर रहें हैं. हम लोगों ने लगभग सभी निर्देशों का अनुपालन किया है. इस मसले पर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के लिए हमें कुछ वक्त चाहिए. कोर्ट ने इसे स्वीकार भी कर लिया है.'

स्वेकातू मिश्र का बयान.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने जगन्नाथ मंदिर मामले पर एमिकस क्यूरी से चार सप्ताह में अनुपालन रिपोर्ट सौंपने को कहा है. बता दें कि बीते चार नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने जगन्नाथ मंदिर के आस-पास के मठों को तोड़ने के लिए ओडिशा सरकार को फटकार लगाई थी.

भारत के मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अगुआई वाली पीठ ने एमिकस क्यूरी से मंदिर प्रशासन की अनुपाल रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है. कोर्ट ने इसके लिए चार सप्ताह की समय सीमा निर्धारित की है.

गौरतलब है कि जगन्नाथ मंदिर प्रशासन और ओडिशा सरकार ने क्रमश: आज और कल सुप्रीम कोर्ट में अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत की है.

ओडिशा सरकार को SC ने लगाई फटकार, कहा-मठों का महत्व को नहीं समझते तो हस्तक्षेप न करें

अधिवक्ता देवाशीष मिश्र ने कोर्ट रूम के अंदर ओडिशा सरकार आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने मठों को बहाल करने की बजाय, चार अतिरिक्त मठ ध्वस्त कर दिए. उन्होंने कहा कि इस मसले को लेकर 17 अगस्त से पुरी में हिंसा चल रही है.

इस मसले पर सरकारी अधिवक्ता स्वेकातू मिश्र ने कहा, 'कोर्ट ने बीते वर्ष चार नवंबर को 22 निर्देश दिए थे. कोर्ट के निर्दशों पर हम कार्य कर रहें हैं. हम लोगों ने लगभग सभी निर्देशों का अनुपालन किया है. इस मसले पर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के लिए हमें कुछ वक्त चाहिए. कोर्ट ने इसे स्वीकार भी कर लिया है.'

स्वेकातू मिश्र का बयान.
Intro:The Jagannath temple's administration and the Odisha government filed the compliance report yesterday and today respectively on the 4rth November's Supreme Court's order which nad ordered to inject reform in the temple's management. The order also included restoring the matths.


Body:Advocate Debashish Mishra shouted today inside the court room alleging that instead of restoring the matths, 4 additional matths were demolished and the violence has been going on in Puri since 17th August.

The bench led by the Chief Justice of India SA Bobde asked the amicus curie to file a report on the temple administration's comoliance report in 4 weeks.

(Advocate Swekatu Mishra byte)


Conclusion:
Last Updated : Jan 8, 2020, 7:19 PM IST
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