नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट आज शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन के खिलाफ दायर की गईं याचिकाओं पर सुनवाई की. कोर्ट ने कहा कि गत 58 दिनों से एक सार्वजनिक स्थान पर प्रदर्शन हो रहा है. कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक जगह पर अनंतकाल तक विरोध नहीं कर सकते. कोर्ट ने कहा कि विरोध करें, लेकिन सार्वजनिक जगहों का इस्तेमाल न हो.
शीर्ष अदालत ने कहा कि लंबे समय तक सार्वजनिक स्थानों पर धरना ठीक नहीं है. कोर्ट ने इस मामले में पुलिस और केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है. कोर्ट ने सरकार और पुलिस के एक सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है.
बता दें कि शाहीन बाग में दिसंबर से ही नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन चल रहा है. प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग के साथ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सात फरवरी को कहा था कि वह दिल्ली विधानसभा चुनाव के दिन मामले की सुनवाई कर विधानसभा चुनाव की शांति को प्रभावित नहीं करना चाहता है.
चुनाव के मद्देनजर नहीं हुई थी सुनवाई
जब याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश वकील ने कहा था कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आठ फरवरी को मतदान होना है तो पीठ ने कहा, हम इसलिए ही तो कह रह रहे हैं कि सोमवार को आइए. हमें उसे प्रभावित क्यों करना चाहिए? पीठ ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे सोमवार को इस बात पर बहस करने के लिए तैयार होकर आएं कि इस मामले को दिल्ली उच्च न्यायालय को वापस क्यों नहीं भेजा जाना चाहिए.
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हाईकोर्ट में भी दायर हुई थी याचिका
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट में 13 जनवरी को जनहित याचिका को दायर करते हुए मांग की गई थी कि शाहीन बाग में बैठे प्रदर्शनकारियों को हटाया जाए. इस याचिका पर हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वे व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए और कानून व्यवस्था को भी कायम रखते हुए कड़ी कार्रवाई करें.