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सफाई कर्मियों की सुरक्षा : सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से हाईकोर्ट जाने को कहा

जस्टिस एनवी रमन्ना की अगुआई वाली सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका का निबटारा किया, जिसमें सुरक्षाकर्मी, सफाई कर्मचारियों को 24 घंटे के भीतर सुरक्षात्मक गियर प्रदान करने और 48 घंटे के भीतर उनके परिवार के परीक्षण का केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी. शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह किसी भी शिकायत के मामले में संबंधित राज्य के न्यायालय में जाए.

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प्रतीकात्मक चित्र
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Published : Apr 15, 2020, 2:52 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने बुधवार को एक जनहित याचिका का निबटारा किया, जिसमें सुरक्षाकर्मी व सफाई कर्मचारियों को 24 घंटे के भीतर सुरक्षात्मक गियर प्रदान करने और 48 घंटे के भीतर उनके परिवार के परीक्षण का केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी. शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता से हाईकोर्ट जाने का सुझाव दिया.

सामाजिक कार्यकर्ता और दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग के पूर्व अध्यक्ष हरनाम सिंह की ओर से अधिवक्ता महमूद प्राचा द्वारा दायर इस जनहित याचिका पर जस्टिस एनवी रमन्ना की अगुआई वाली खंडपीठ ने सुनवाई की. एडवोकेट प्राचा ने अपनी दलील में सफाई कर्मचारियों को अलग से पैकेज दिए जाने की बात कही. साथ ही उन्होंने कहा कि यहां विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है.

इस पर केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ये पूरी तरह से झूठे आरोप हैं. डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों का पालन किया जा रहा है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि सफाई कर्मचारियों के लिए उचित व्यवस्था और उनकी स्वास्थ्य का ख्याल रखा जा रहा है.

शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह किसी भी शिकायत के मामले में संबंधित राज्य के न्यायालय में जाए.

जनहित याचिका में नगरपालिका अधिकारियों, स्थानीय स्व-सरकारी अधिकारियों से सफाई कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश मांगे गए थे, ताकि कोरोना जैसे उच्च जोखिम में कार्यरत कर्मचारियों या सफाईकर्मियों के जीवन का अधिकार सुनिश्चित किया जा सके, जो आवश्यक सेवा अधिनियम के तहत आते हैं. साथ ही यह भी देखा जाए कि उन्हें सुरक्षात्मक गियर प्रदान की गई है या नहीं.

पढ़ें : व्यापक स्तर पर कोरोना की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

सामाजिक कार्यकर्ता और दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग के पूर्व अध्यक्ष हरनाम सिंह की ओर से अधिवक्ता महमूद प्राचा द्वारा दायर इस याचिका में कहा गया कि कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण लगाए गए देशव्यापी लाॅकडाउन के कुछ अपवाद हैं.

स्वच्छता कर्मचारियों को इनकी सेवाएं जारी रखने के लिए लॉकडाउन से छूट दी गई है क्योंकि इनकी सेवाएं आवश्यक नेचर की हैं. इस याचिका में विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से जारी एक आंतरिक मार्गदर्शन व एक तकनीकी दिशानिर्देश को संदर्भित किया गया है, जिनमें कहा गया कि स्वच्छता कार्यकर्ताओं को अपने कर्तव्यों को पूरा करते हुए उचित व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण पहनने चाहिए, जिसमें सुरक्षात्मक बाहरी वस्त्र, दस्ताने, जूते, चेहरे का कवच, ढाल और मॉस्क शामिल हैं.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने बुधवार को एक जनहित याचिका का निबटारा किया, जिसमें सुरक्षाकर्मी व सफाई कर्मचारियों को 24 घंटे के भीतर सुरक्षात्मक गियर प्रदान करने और 48 घंटे के भीतर उनके परिवार के परीक्षण का केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी. शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता से हाईकोर्ट जाने का सुझाव दिया.

सामाजिक कार्यकर्ता और दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग के पूर्व अध्यक्ष हरनाम सिंह की ओर से अधिवक्ता महमूद प्राचा द्वारा दायर इस जनहित याचिका पर जस्टिस एनवी रमन्ना की अगुआई वाली खंडपीठ ने सुनवाई की. एडवोकेट प्राचा ने अपनी दलील में सफाई कर्मचारियों को अलग से पैकेज दिए जाने की बात कही. साथ ही उन्होंने कहा कि यहां विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है.

इस पर केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ये पूरी तरह से झूठे आरोप हैं. डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों का पालन किया जा रहा है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि सफाई कर्मचारियों के लिए उचित व्यवस्था और उनकी स्वास्थ्य का ख्याल रखा जा रहा है.

शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह किसी भी शिकायत के मामले में संबंधित राज्य के न्यायालय में जाए.

जनहित याचिका में नगरपालिका अधिकारियों, स्थानीय स्व-सरकारी अधिकारियों से सफाई कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश मांगे गए थे, ताकि कोरोना जैसे उच्च जोखिम में कार्यरत कर्मचारियों या सफाईकर्मियों के जीवन का अधिकार सुनिश्चित किया जा सके, जो आवश्यक सेवा अधिनियम के तहत आते हैं. साथ ही यह भी देखा जाए कि उन्हें सुरक्षात्मक गियर प्रदान की गई है या नहीं.

पढ़ें : व्यापक स्तर पर कोरोना की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

सामाजिक कार्यकर्ता और दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग के पूर्व अध्यक्ष हरनाम सिंह की ओर से अधिवक्ता महमूद प्राचा द्वारा दायर इस याचिका में कहा गया कि कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण लगाए गए देशव्यापी लाॅकडाउन के कुछ अपवाद हैं.

स्वच्छता कर्मचारियों को इनकी सेवाएं जारी रखने के लिए लॉकडाउन से छूट दी गई है क्योंकि इनकी सेवाएं आवश्यक नेचर की हैं. इस याचिका में विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से जारी एक आंतरिक मार्गदर्शन व एक तकनीकी दिशानिर्देश को संदर्भित किया गया है, जिनमें कहा गया कि स्वच्छता कार्यकर्ताओं को अपने कर्तव्यों को पूरा करते हुए उचित व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण पहनने चाहिए, जिसमें सुरक्षात्मक बाहरी वस्त्र, दस्ताने, जूते, चेहरे का कवच, ढाल और मॉस्क शामिल हैं.

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