नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने ओडिशा सरकार से लौह अयस्क खनन कंपनी द्वारा दायर याचिका पर जवाब देने के लिए कहा है कि पहले से ही निकाले गए लौह अयस्क को हटाने के लिए समय बढ़ाया जाए.
कंपनी ने शीर्ष अदालत को बताया कि वह पहले से निकाले गए अयस्क को अब तक नहीं बेच सकी है क्योंकि राज्य ने अब तक अयस्क को हटाने की अनुमति नहीं दी है.
भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की और कंपनी से पूछा कि यह इतनी धीमी क्यों थी.
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कोर्ट ने खनन कंपनियों को पहले से निकाले गए अयस्क को हटाने व बेचने और खनन विभाग को बकाया भुगतान करने के लिए दो महीने का समय दिया था. मामले की सुनवाई आज स्थगित कर दी गई.