नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को कश्मीर के चार जिलों का दौरा करने की इजाजत दी. कोर्ट ने आजाद को जम्मू, अनंतनगा, बारामूला और श्रीनगर जाने की अनुमति दी है.
बता दें, सुप्रीम कोर्ट में जम्मू कश्मीर मामले में दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है. कोर्ट ने जम्मू कश्मीर पर केंद्र सरकार को दो सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा है. वहीं, फारुख अब्दुल्ला की गिरफ्तारी के मामले में भी जवाब मांगा है.
पीठ में मुख्य न्यायाधिश रंजन गोगोई , न्यायमूर्ति एसए बोबडे और न्यायमूर्ति एसए नजीर भी शामिल थें.
उच्चतम न्यायालय ने इसके साथ यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद राज्य की यात्रा के दौरान कोई राजनीतिक रैली नहीं करेंगे.अपनी यात्रा के दौरान आजाद लोगों के साथ बातचीत कर सकते हैं.
जम्मू-कश्मीर के दौरे की इजाजत देने के लिए उच्चतम न्यायालय का धन्यवाद करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को कहा कि उन्हें राज्य के लोगों की चिंता है और वापस आकर वह शीर्ष अदालत के समक्ष अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे.
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं से कहा, 'मुझे भी चिंता है कि जम्मू-कश्मीर में टेलीफोन और इंटरनेट सेवाएं होनी चाहिए. लेकिन उससे पहले प्राथमिकता यह है कि लोग जिंदा रहने के लिए कमाएं और अपने परिवार को खिलाएं.'
उन्होंने दावा किया, 'भाजपा के नेताओं को छोड़कर दूसरे दलों के नेताओं को नजरबंद किया गया. कौन आवाज उठाएगा? इसलिए मैं उच्चतम न्यायालय की शरण में गया. सरकार इसको लेकर चिंतित नहीं है.'
आजाद ने कहा, 'मैंने जम्मू-कश्मीर जाने की कोशिश की थी लेकिन मुझे वापस भेज दिया गया. मैंने बिल्कुल नहीं कहा है कि अपने परिवार से मिलने जा रहा हूं. परिवार की भी चिंता है, लेकिन इससे ज्यादा मेरी लोगों के बारे में चिंता है कि वो क्या खा रहे हैं, क्या पी रहे हैं.'
उन्होंने कहा, 'मैं पूरे राज्य का दौरा करना चाहता था, लेकिन मुझे कुछ स्थानों पर जाने की अनुमति मिली है. मैं उच्चतम न्यायालय का धन्यवाद करता हूं, जो भी रिपोर्ट लाऊंगा वो न्यायालय के समक्ष रखूंगा.'
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बता दें, कोर्ट में आजाद का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील एएम सिंघवी ने पीठ से कहा कि वह लोगों से मिल उनका हालचाल जानना चाहते हैं.
सिंघवी ने कहा कि आजाद ने तीन बार वहां जाने की कोशिश की लेकिन उन्हें हवाई अड्डे से ही लौटा दिया गया.
उल्लेखनीय है गुलाम नबी आजाद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालकर अपने परिवार से मिलने की इजाजत मांगी थी. साथ में आजाद ने राज्य को विशेषाधिकार देने वाले प्रावधान हटाए जाने के बाद अधिकारियों द्वारा लगाए प्रतिबंधों के मद्देनजर सामाजिक स्थिति का मुआयना लेने की अनुमति भी मांगी थी.