रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साझा प्रेस वार्ता की. इस दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौते हुए. दोनों देशों के बीच सड़क मंत्रालय, ऊर्जा, ट्रेड समेत कई बड़े क्षेत्रों में समझौते हुए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा-
आज भारत-रूस का 20वां समिट है. उन्होंने बताया कि जब पहली बार समिट हुआ था तब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे. वे वर्तमान पीएम अटल बिहारी के साथ रूस आए थे. उस वक्त भी व्लादिमीर पुतिन यहां के राष्ट्रपति थे.
मोदी ने कहा कि कोशिश दोनों देशों के बीच संबंधों को नई ऊंचाईयों पर ले जाने की है.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में रूस के सहयोग से न्यूक्लियर प्लांट बन रहे हैं, हमारे रिश्तों को हम राजधानियों के बाहर पहुंचा रहे हैं.
मोदी ने कहा कि वे लंबे समय तक गुजरात का सीएम रहे हैं और पुतिन भी रूस के क्षेत्र को जानते हैं. हाल ही में भारत का एक प्रतिनिधिमंडल यहां पर आए और समझौतों को लेकर वार्ता हुई.
पीएम मोदी ने बताया कि भारत-रूस कृषि टूरिज्म, ट्रेड में आगे बढ़ रहा है. स्पेस के क्षेत्र हम एक दूसरे का सहयोग कर रहे हैं.
हम दोनों किसी देश के आंतरिक मामले में बाहरी दखल के खिलाफ हैं. अगले साल भारत-रूस मिलकर टाइगर कन्जर्वेशन पर बड़ा फोरम करने में सहमत हुए हैं.
रूस के राष्ट्रपति ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा-
ये हमारे लिए खुशी की बात है कि आज भारत के पीएम रूस दौरे पर आए हैं. दोनों देशों के बीच संबंध काफी सामरिक हैं, हम लगातार अपनी दोस्ती को मजबूत बना रहे हैं.
पुतिन ने कहा कि हम लगातार संपर्क में रहते हैं और दोनों देशों के बीच लगातार कई बैठकें हो रही हैं. इससे पहले हम दोनों ओसाका में हुई थी, दोनों नेता लगातार खुले और बढ़िया वातावरण में बातचीत कर रहे हैं. पुतिन ने आगे कहा कि पिछली बैठक में हमने जो फैसला लिए थे, उसकी आज हमने समीक्षा की है.
पुतिन ने आगे बताया कि हमारी प्राथमिकता निवेश और व्यापार है, दोनों के व्यापार में 17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. मुझे विश्वास है कि दोनों देश कई और मोर्चे पर साथ आगे बढ़ेंगे.रूस के राष्ट्रपति ने कहा कि आज सुरक्षा, व्यापार और ऊर्जा में समझौते हुए हैं.
पुतिन ने कहा कि वे भारत की कंपनियों का रूस में स्वागत करना चाहते हैं. भारत और रूस के बीच हथियारों को लेकर काफी अच्छे संबंध हैं, हम भारत में मिसाइल सिस्टम और रायफल बनाने की ओर कदम बढ़ा रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी आर्थिक मंच के इतर बुधवार को मुलाकात की तथा दोनों देशों के बीच विशेष एवं विशेषाधिकृत रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.
दो दिवसीय यात्रा पर रूस पहुंचे मोदी पूर्वी आर्थिक मंच (ईईएफ) में भी शामिल होंगे. वह रूस के पूर्वी सुदूर क्षेत्र की यात्रा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने ईईएफ के इतर 20वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर वार्ता की शुरुआत में कहा, 'यह दोनों देशों के बीच सहयोग को नए आयाम देने का ऐतिहासिक अवसर है.'
रूस एशियाई देशों के साथ साझेदारी मजबूत करने के लिए 2015 से ईईएफ की मेजबानी कर रहा है.
मोदी ने कहा कि रूस भारत का 'अभिन्न मित्र एवं विश्वसनीय साझेदार’’ है. उन्होंने दोनों देशों के बीच विशेष एवं विशेषाधिकृत रणनीतिक साझेदारी को विस्तार देने के राष्ट्रपति पुतिन के निजी प्रयासों के लिए उनकी प्रशंसा की.'
प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन से कहा, 'मैंने कई मामलों पर चर्चा के लिए कई मौकों पर आपसे फोन पर बात की और मुझे कभी कोई हिचकिचाहट नहीं हुई.'
मोदी ने रूस का सर्वोच्च असैन्य सम्मान उन्हें प्रदान करने के लिए राष्ट्रपति पुतिन और रूस के लोगों का आभार व्यक्त किया.
उन्होंने कहा, 'यह दोनों देशों के लोगों के बीच मित्रवत संबंधों को दर्शाता है. यह 1.3 अरब भारतीयों के लिए सम्मान की बात है.'
रूस ने प्रधानमंत्री मोदी को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने में असाधारण योगदान के लिए अप्रैल में ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ पुरस्कार से सम्मानित किया था.
मोदी ने ईईएफ के लिए उन्हें आमंत्रित करने की खातिर पुतिन को धन्यवाद दिया और कहा कि यह 'बहुत सम्मान की बात है'.